
चीन के तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के लिन ची प्रिफ़ैक्चर की राजधानी बा यी कस्बे में एक मिडिल स्कूल है, जिस का नाम है लिन ची प्रथम हाई स्कूल। यह स्कूल यालूचांगबू नदी (जिसे भारत में ब्रह्मपुत्र कहा जाता है) की शाखा नी यांग नदी के तट पर स्थित है। हर रोज़ स्कूल के विद्यार्थियों के गाने और पढ़ने की आवाज़ नदी के ऊपर गूंजती है। नी यांग नदी का पानी कल-कल करता हुआ बच्चों की आवाज़ के साथ आगे बहता है। इस लेख में मैं आप को इस हाई स्कूल के दौरे पर ले जाऊंगी और हम देखेंगे कैसा है तिब्बती छात्रों का स्कूली जीवन।
लिन ची प्रिफैक्चर के एकमात्र हाईस्कूल लिन ची प्रथम हाईस्कूल की स्थापना वर्ष 1997 में हुई । स्कूल का क्षेत्रफल एक लाख 33 हज़ारवर्ग मीटर है जिसमें एक बड़ी इमारत, खेल का मैदान और सुन्दर छात्रावास हैं । लिन ची प्रथम हाई स्कूल के तीन तरफ़ पहाड़ हैं और एक तरफ़ नी यांग नदी। इसे पढ़ने की एक अच्छी जगह माना जाता है । स्कूल के आसपास के हरे पहाड़ हर रोज़ विद्यार्थियों के पढ़ने, गाने और हंसने की आवाज़ सुनते हैं औऱ खेल मैदान में दौड़ते, कूदते बच्चों को देखते हैं।

लिन ची प्रथम हाई स्कूल के प्रभारी ला बा त्सी रन स्कूल की स्थापना से ही यहां काम कर रहे हैं। यहां उन्हें कोई 14 साल हो चुके हैं। उन्होंने जानकारी दी कि लिन ची प्रथम हाई स्कूल में अध्यापक और अध्यापिका समेत कुल 123 कर्मचारी हैं, जिन में से 22 स्थानीय अल्पसंख्यक जाति के हैं। अध्यापकों व अध्यापिकाओं में विश्वविद्यालय के स्नातकों की संख्या 109 है , जो कुल कर्मचारियों का 98 प्रतिशत है । श्री ला बा त्सी रन ने कहा कि स्कूल के कुल 1900 से ज्यादा विद्यार्थियों में से 30 प्रतिशत हान जाति के हैं और अन्य 70 प्रतिशत तिब्बती। हर साल इस हाई स्कूल के 90 प्रतिशत छात्र विश्वविद्यालयों में प्रवेश करते हैं। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2003 में इसके 97 प्रतिशत विद्यार्थी विश्वविद्यालयों में दाखिल हुए।

श्री ला बा त्सी रन ने कहा "इधर के वर्षों में हमारे स्कूल का तेज़ विकास हुआ । तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के स्थानीय अध्यापकों व अध्यापिकाओं की संख्या कम है। इसलिए हम ने हाल के वर्षों में भीतरी इलाके से अधिक अध्यापकों व अध्यापिकाओं को आकृष्ट किया। इन अध्यापकों-अध्यापिकाओं के पढ़ाने के तरीके प्रगतिशील हैं। हम अपनी व्यावहारिक स्थिति के अनुकूल काम करते हैं, ताकि स्कूल की पढ़ाई की गुणवत्ता को उन्नत कर भीतरी इलाके के स्कूलों से उसकी दूरी कम कर सकें।"
लिन ची प्रथम हाई स्कूल के उपप्रधानाचार्य छाई ची तिब्बत की सहायता करने के लिए भीतरी इलाके के क्वांग तुंग प्रांत से यहां आए। पहले वे क्वांग तुंग प्रांत की राजधानी क्वांग चो शहर के एक अच्छे स्कूल में पढ़ाते थे । उन्होंने कहा कि वर्तमान में चीन के भीतरी इलाके में पढ़ाई का स्तर तिब्बत से कहीं ऊंचा है, इसलिए तिब्बत की सहायता के दौरान वे भीतरी इलाके का प्रगतिशील विचार और तरीका यहां लाएंगे, और साथ ही यहां के अध्यापकों व अध्यापिकाओं के स्तर को उन्नत करने के लिए उन्हें आदान-प्रदान के लिए क्वांग तुंग के स्कूलों में भेजेंगे , श्री छाई ची ने कहा
"यहां के अध्यापक-अध्यापिका भीतरी इलाके से सीखने के बाद हमारे स्कूल में संगोष्ठी आयोजित करते हैं। वे स्कूल के सभी अध्यापकों-अध्यापिकाओं को संगोष्ठी में भाषण देते हैं और भीतरी इलाके से प्राप्त अनुभव बताते हैं। ऐसा करने का उद्देश्य यह है कि लोग भीतरी इलाके के पढ़ाई के प्रगतिशील तरीके और नये विचार सीखने के बाद स्थानीय अध्यापकों व अध्यापिकाओं के साथ विचारों का आदान-प्रदान कर सकें। हमारी आशा है कि स्कूल के अध्यापक-अध्यापिका बाह्य दुनिया के साथ आवाजाही करेंगे और अपनी जीवनी शक्ति बरकरार रखेंगे। "
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