
प्रिय मित्रो , शायद आप ने ह्वांग शान पर्वत का नाम सुना हो। ह्वांगशान पर्वत अपने अनोखे प्राकृतिक दृश्य के लिए चीन में बहुत प्रख्यात है और साल भर देशी-विदेशी पर्यटकों को अपनी ओर खींचे रखता है। इस प्रसिद्ध पर्वत की तलहटी में स्थित ई श्येन नामक काउंटी है तो छोटी सी पर देखने लायक है। पूर्वी चीन के आन ह्वी प्रांत में स्थित ई श्येन काउंटी में प्राचीन वास्तुशैली वाले कोई तीन हजार छै सौ से अधिक मकान आज भी पूरी तरह सुरक्षित हैं यों ऐसा चीन में अब बहुत कम देखने को मिलता है। आज के चीन का भ्रमण कार्यक्रम में हम आप को ले चल रहें हैं इसी ई श्येन काउंटी की सैर पर। 
चीनी शब्द ई का मतलब है काला। पुराने समय में ह्वांगशान पर्वत को ई शान कहा जाता था। ई शान पर्वत के पास बसी इस छोटी काउंटी का नाम ई श्येन रखा गया । ह्वांगशान पर्वत की तलहटी में हर जगह पुरानी स्थानीय वास्तुशैली में निर्मित मकान देखे जा सकते हैं और छायादार वृक्षों के बीच खड़े सफेद दीवारों व काले खपरैलों वाले इन पुराने मकानों की अपनी अलग ही पहचान है। ई श्येन काउंटी में रहने वाले श्री चांग वई फूंग ने यहां की विशेषता की चर्चा में कहा कि ई श्येन की विशेष भौगोलिक स्थिति की बजह से ही इतने अधिक प्राचीन मकान बड़े अच्छे ढंग से सुरक्षित रखे जा सके हैं।
उन्हों ने कहा कि ई श्येन काउंटी में छोटे-बड़े पर्वतों की भरमार है। इतिहास में यहां का यातायात अत्यंत असुविधाजनक रहा। इसलिए पुराने जमाने में भी इस पर कभी भी किसी भी युद्ध का प्रभाव नहीं पड़ा और यहां के प्राचीन वास्तुशैली वाले मकान अच्छी तरह से सुरक्षित रह पाये, इतना ही नहीं , इन मकानों का पैमाना भी दिन ब दिन विस्तृत हुआ।
ई श्येन काउंटी के प्राचीनशैली वाले अधिकतर मकान पांच सौ वर्ष पहले मिंग व छिंग राजवंशों के दौर में स्थापित हुए। इस काउंटी के सी ती व हुंग छुन नामक दो गांव चीन के मिंग व छिंग राजवंशों के ग्रामीण रिहायशी मकानों के संग्रहालय माने जाते हैं। 2002 में युनेस्को ने इन दोनों गांवों को एक साथ विश्व की सांस्कृतिक विरासतों में शामिल किया।
सी ती गांव का इतिहास कोई छै वर्ष पुराना है। इस गांव में पुरानी शैली वाले सौ से अधिक मकानों का समूह वर्षों की तेज हवा व वर्षा के थपेड़े सह कर भी ज्यों का त्यों खड़ा है। कहावत है कि आकाश से नीचे देखने पर सी ती गांव नाव जैसा दिखता है और उसके 120 से अधिक रिहायशी मकान इस नाव के कमरे से लगते हैं। हमारी गाइड सुश्री ली ह्वा ने बताया कि सी ती गांव के निर्माण का ढांचा अलग तरह का है, इसकी गलियां, नालियां और मकान सामंजस्य लिये हुए हैं।
उन्होंने कहा, गांव में कतारों में खड़े मकान एक भीमकाय जहाज जैसे लगते हैं और चारों तरफ से सैकड़ों एकड़ खेतों में घिरा गांव इस तरह लगता है, मानो एक बड़े जहाज की तरह बंदरगाह में लंगर डालकर शांत खड़ा हो।
सी ती गांव के प्राचीन शैली वाले मकानों के आंगन के बीच एक मंच नजर आता है। माना जाता है कि ऐसा मंच तत्कालीन धनी परिवारों द्वारा अपनी बेटियों के लिए विशेष तौर पर निर्मित किया जाता था, जिस पर खड़ी होकर वे अपने प्रेमी का चयन करने के लिए उसकी ओर गेंद फेंकती थीं।
|