विज्ञान व तकनीक के स्तर की उल्लेखनीय प्रगति के साथ, अधिक से अधिक चीनी नागरिक इंटरनेट पर समाचार पढ़ने लगे हैं और तरह-तरह की सूचना प्राप्त करने लगे हैं। इंटरनेट के विकास ने चीनी लोगों को और आरामदेह जीवन दिया है।
कुछ समय पहले, हमारे संवाददाताओं ने पेइचिंग के एक अपेक्षाकृत समृद्ध क्षेत्र का एक सर्वेक्षण किया। इसमें शामिल 90 प्रतिशत चीनियों ने कहा कि वे इंटरनेट पर समाचार पढ़ते हैं और इनके 40 प्रतिशत ने बताया कि इंटरनेट उनके लिए समाचार व सूचना प्राप्त करने का सबसे प्रमुख माध्यम है। "अब मैं बहुत कम अखबार खरीदता हूं। मुझे इंटरनेट पर समाचार पढ़ना पसंद है। मैं अकसर सुहू, शिन ह्वा और सी सी टी वी की वेबसाइटों पर जा कर समाचार पढ़ता हूं।""मैं अक्सर इंटरनेट पर समाचार पढ़ती हूं। घरेलू और अंतरराष्ट्रीय समाचार मेरे ध्यान में रहते हैं। मैं मनोरंजन के समाचार भी पढ़ती हूं।"
चीनी इंटरनेट सूचना केंद्र के एक नवीनतम आंकड़े से जाहिर हुआ है कि इस समय चीन में लगभग 10 करोड़ लोग इंटरनेट का प्रयोग करते हैं, जिन में से लगभग आधे मुख्य रूप से इंटरनेट से सूचना प्राप्त करते हैं। न केवल अधिकाधिक आम नागरिक इंटरनेट के पाठक बन चुके हैं, बल्कि चीन के वरिष्ठ नेता भी इस नये समाचार माध्यम की शक्ति पर ध्यान देने लगे हैं। दो वर्ष पहले, चीनी राष्ट्राध्यक्ष हू चिन थाओ ने इंटरनेट पर चिकित्सकों का सार्स की रोकथाम का सुझाव सुना, जबकि चीनी प्रधानमंत्री वन चा पाओ ने विश्वविद्यालयों द्वारा इंटरनेट पर जारी किये गये बयानों से उन के विचार जाने।
लोगों को प्रचुर सूचना देने के लिए चीन के शिन ह्वा एजेंसी, जन दैनिक, चीनी केंद्रीय टी वी स्टेशन आदि प्रमुख परम्परागत मीडिया इंटरनेट पर संवाददाताओं व संपादकों के लेख जारी करने को अपने दैनिक कार्य में शामिल कर चुके हैं। वे हर रोज 20 हजार से ज्यादा खबरें जारी करते हैं। लोगों की इंटरनेट में क्यों इतनी रुचि है, चाइना रेडियो इंटरनैशनल की अंतरराष्ट्रीय वेबसाइट के प्रमुख संपादक श्री मा वेई गुंग ने इसका विश्लेषण किया है। उनके अनुसार, रेडियो व टी वी के श्रोता सूचनाओं को स्वीकार करने के लिए विवश रहते हैं, लेकिन इंटरनेट के पाठक अपनी रुचि से समाचार पढ़ और सुन सकते हैं।
इधर के कुछ वर्षों में चीन की विभिन्न प्रेस वेबसाइटों ने बी बी एस स्तंभ भी खोले हैं। इस तरह लोग इंटरनेट के माध्यम से स्वतंत्र रूप से प्रमुख सामाजिक विषयों पर अपने विचार प्रकट कर सकते हैं और उन की टिपण्णियां भी सरकार के निर्णय लेते समय परामर्श तक बनती हैं। मिसाल के लिए, चीन में नियम है कि यदि कोई व्यक्ति अपने जन्मस्थान से प्रस्थान कर किसी अन्य शहर में जीवन बिताता है, तो उसे उस शहर में अस्थायी निवास की गारंटी दी जाती है, नहीं तो अपने जन्मस्थान वापस लौटना होता है। दो वर्ष पहले, स्वन जी कांग नामक एक लड़के को ऐसा अस्थायी निवास प्रमाणपत्र न रखने की वजह से हिरासत में लिया गया।पुलिस ने उसे मारा-पीटा। इस मामले ने चीनी नागरिकों पर भारी प्रभाव डाला। अनेक लोगों ने शिन ह्वा और शीन लांग की वेबसाइटों को मंच बना कर इस पर अपना विचार प्रकट किया और चीन की कानून व्यवस्था पर संदेह जताया। कुछ लोगों ने यह भी कहा कि इस कार्यवाई से मानवाधिकार का उल्लंघन हुआ। विभिन्न समाचार माध्यमों में, विशेषकर इंटरनेट की प्रेरणा पर चीन सरकार ने तुरंत शहरों में आवारा लोगों व भिखारियों को हिरासत में लेने की अपनी वर्षों की व्यवस्था को रद्द कर दिया और शहरों में आवारा लोगों को सहायता देने के नये उपाय जारी किये।
इधर अनेक चीनी लोग इंटरनेट पर ब्लॉग लिखना पसंद करने लगे हैं। इस तरह वे इंटरनेट पर अपने लिए विशेष स्तंभ खोलते हैं। ब्लॉग में वे मनमाने तरीके से विशेष लेख लिख सकते हैं और अपने विचारों से मेल रखने वाले लोगों के लेख भी पढ़ सकते हैं।
कुछ लोग ब्लॉग में अपनी मानसिक मुसीबतों की कहानी सुनाते हैं, कुछ लोग पर्यटन के सुन्दर दृश्य दिखाते हैं तो कुछ सरकार की नीतियों पर अपने मत प्रकट करते हैं, पर अधिक लोग केवल डायरी लिखते हैं। पेइचिंग में रहने वाली स्वन वन एक पर्यटनप्रेमी हैं। एक वर्ष पहले, उन्होंने ब्लॉग से लोगों से संपर्क करना शुरू किया और अब वे अक्सर ब्लॉग पर अपनी यात्रा डायरी लिखती हैं। यह उन के जीवन का एक अनिवार्य अंग बन चुका है। सुश्री स्वन ने कहा, कुछ समय पहले मैंने उत्तरी चीन के शेन शी और भीतरी मंगोलिया की लम्बी दीवार की यात्रा की, वहां मैंने स्थानीय किसानों के फोटो खींचे। लोग मेरे ब्लॉग से मेरे मन की भावना महसूस कर सकते हैं।
आंकड़ों के अनुसार, चीन में ब्लॉगों की संख्या लगभग एक करोड़ तक जा पहुंची है। ब्लॉग लिखने वाले अधिकतर लोग सुश्री स्वन की तरह दफ्तरों या कंपनियों में काम करते हैं या विश्विद्यालय के छात्र हैं। ये लोग अक्सर पी सी पर काम करते हैं या पढ़ते हैं। ब्लॉग पढ़ना उन्हें व्यस्तता में आनंद देता है और मानसिक निर्भरता भी। चीन की मशहूर शिन लांग वेबसाइट के प्रमुख संपादक श्री छन थोंग ने बताया कि कुछ फिल्म सितारों ने भी अपने ब्लॉग शुरू किये हैं। ब्लॉग चीन में एक फैशन बन चुका है।"इधर ब्लॉग बहुत प्रचलित हैं। शिन लांग पर ब्लॉगों की संख्या दस लाख को पार कर चुकी है। कुछ अत्यन्त मशहूर लोग भी ब्लॉग लिख रहे हैं।
नयी तकनीक के विकास के साथ इंटरनेट पर रोज अनेक सूचनाएं जारी होने के अलावा ऑडियो या वीडियो प्रोग्राम भी पाये जा सकते हैं। मिसाल के लिए, कुछ समय पहले, चाइना रेडियो इंटरनैशनल ने एक ऑनलाइन वेब रेडियो खोला, चीन के राष्ट्रीय टी वी स्टेशन की वेबसाइट ने भी इंटरनेट पर नेट टी वी खोला है।"
इंटरनेट पर ऑडियो व वीडियो पेश करने को पॉडकास्ट कहा जाता है। ब्लॉग की तुलना में पॉडकास्ट जीवंत व सुन्दर आवाज़ व चित्रों से अपना विचार या कहानी पेश करते हैं। श्री काओ फंग एक पॉडकास्ट हैं। वे अक्सर अपने गिटार की धुनों के छोटे- छोटे प्रोग्राम बनाते हैं और उन्हें इंटरनेट पर भेजकर दूसरों के साथ उनका आनंद उठाते हैं। उन्होंने संवाददाताओं को अपने इंटरनेट प्रोग्राम भी दिखाये।"लम्बे अरसे से मैं गिटार बजा रहा हूं। अब मैं इंटरनेट पर लोगों के साथ इसका आनंद उठा सकता हूं और अपनी तकनीक भी प्रदर्शित कर सकता हूं। गिटार और आवाज़ को कंप्यूटर में रिकार्ड किया जा सकता है।"
एक नये मीडिया के रूप में इंटरनेट ने चीनी लोगों को वास्तव में ऑडियो व वीडियो की एक नई दुनिया का एहसास कराया है और उनके मानसिक जीवन को भी समृद्ध किया है।
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