इंटरनेट पिछली शताब्दी के 90 वाले दशक में चीन में उभरा तो बहुत तेजी से विकसित होना शुरू हुआ। इस दौरान कई वेब साइटों से जुड़ी बहुत सी हस्तियों का नाम पूरे देश में रौशन हुआ। आज के कार्यक्रम में हम आप को चीनी इंटरनेट जगत की एक जानी-माने हस्ती श्री मा विन का परिचय देंगे जिन्हें लोग इंटरनेट का दीवाना कह कर पुकारते हैं।
9 साल पहले श्री मा विन ने जब अपनी इंटरनेट कम्पनी की स्थापना की, तब इंटरनेट लोगों के लिए अजनबी था। जब मा विन घर-घर जाकर लोगों को अपनी वेब साइट के बारे में बताते, तो कई उन्हें एक तरह का ठग समझते। 9 साल बाद, इस साल के अगस्त में श्री मा विन ने पेइचिंग में एक न्यूज ब्रीफिंग की और उसमें अपनी कंपनी अलीबाबा द्वारा याहू कम्पनी की चीनी शाखा खरीद लेने की अचरजभरी सूचना जारी की। इस खरीद की चर्चा करते हुए श्री मा विन ने कहा इस साल 26 जुलाई को मैंने अमरीका में हवाईअड्डे पर उतरते ही वहां के वकीलों से कहा कि उन्हें याद रखना चाहिए कि अलीबाबा चीन के याहू को खरीद रहा है और विदेशी पूंजी से संचालित उद्योग नहीं है। याहू अलीबाबा को नहीं खरीदेगा। इस बुनियादी बात के बिना बातचीत नहीं हो सकती।
अलीबाबा को याहू की खरीद से न केवल एक अरब अमरीकी डालर का निवेश हासिल हुआ, चीन में याहू की अनेक सहयोगी वेब साइटों, खोज इंजनों और विज्ञापन व समाचार की वेब साइटें भी उपहार के रूप में मिलीं। यहां तक कि उसने इससे चीन के याहू ब्रांड का अनिश्चित काल के लिए प्रयोग का अधिकार भी पाया। अलीबाबा ने इस के लिए अपने 40 प्रतिशत शेयर, 35 प्रतिशत वोट के अधिकार व बोर्ड की एक सीट की कीमत चुकाई।
सर्वविदित है कि याहू कम्पनी इंटरनेट जगत की बहुत बड़ी हस्ती है। वह अब तक विश्व की 25 कम्पनियों को खरीद चुकी है और इस से पहले उसने कभी भी अपनी संपदा किसी को नहीं बेची। फिर श्री मा विन के कौन सा जादू था कि याहू ने अपनी चीनी शाखा उन्हें बेच दी। आइए सुनिए, श्री मा विन इस बारे में क्या कहते हैं मेरे पास दूसरे लोगों से ज्यादा बुद्धि नहीं है। मैं दुबला हूं और देखने में बदसूरत भी, लेकिन मेरा पक्का विश्वास है कि किसी पुरुष की सूरत और बुद्धि दो अलग चीजें हैं।
मा विन की यह बात हमेशा उन की जुबान पर रहती है। श्री मा विन को जानने वाले लोगों का कहना है कि वे सचमुच आम आदमी हैं और लोगों को उनको उन्हें दिये गये इंटरनेट के दीवाने नाम के साथ जोड़ कर समझने में मुश्किल होती है। श्री मा विन का जन्म 1964 में पूर्वी चीन के चेच्यांग प्रांत के हांगचओ शहर में हुआ। उन्होंने एक कालेज में अंग्रेजी की पढ़ाई भर की। तकनीकी पृष्ठभूमि और विशेष संसाधन न होने के बावजूद से श्री मा विन ने अपने असाधारण विश्वास और अपने विकल्प के प्रति हार्दिक लगन से ही सफलता का रास्ता तय किया।
वर्ष 1996 में श्री मा विन ने पेइचिंग में अपनी वेब साइट के प्रचार का अभियान चलाया। उस समय इंटरनेट इतना लोकप्रिय नहीं था इसलिए अधिकतर लोगों ने उन्हें नजरंदाज किया। मजबूर होकर उन्होंने वेब साइट की अपनी नौकरी त्याग दी और पेइचिंग से अपने गृहस्थान हांगचओ लौट आए। हांगचओ में उन्होंने जब अलीबाबा नाम की कम्पनी खोली, तब इंटरनेट उद्योग चीन में तीव्र उभार पर था। लेकिन वर्ष 2000 में इंटरनेट को आर्थिक मंदी का शिकार होना पड़ा और अलीबाबा वेब साइट को अपने अमरीकी कार्यालय समेत देश की कुछ जगहों में स्थित कार्यालयों को भी मजबूर होकर बन्द करना पड़ा।गंभीर स्थिति में भी श्री मा विन अपने विश्वास पर डटे रहे, परिणामस्वरूप उनकी अलीबाबा वेब साइट आखिर बुरी स्थिति से उबर गयी।
पेइचिंग की 6688 इलैक्ट्रोनिक वाणिज्य कम्पनी के बोर्ड मैनेजर वांग चिन थाओ का मानना है कि चीन में इंटरनेट उद्योग का एक दौर में बहुत धीमा रहना श्री मा विन के लिए बुरा नहीं रहा। उन्होंने कहा असल में इंटरनेट व उसके निवेशकों को कड़ी सर्दी का सामना करना पड़ा, जो अलीबाबा जैसी केन्द्रीय प्रतिस्पर्धा शक्ति प्राप्त इंटरनेट उद्योग के लिए अच्छा साबित हुआ।वास्तव में इंटरनेट बाजार इतना ठंडा भी नहीं था और इस दौरान देश में इंटरनेट व इलैक्ट्रोनिक वाणिज्य में प्रवेश करने वाले परम्परागत उद्योगों की संख्या तेजी से उभर रही थी।
वर्ष 2001 में अलीबाबा को सोफ्ट बैंक के महाप्रबंधक सुन चंग इ की ओर से 2 करोड़ अमरीकी डालर का जोखिमी निवेश प्राप्त हुआ। इस पूंजी ने अलीबाबा की कठिनाइयों को दूर करने में उल्लेखनीय भूमिका अदा की।वर्ष 2003 में चीन पर सार्स का आकस्मिक हमला हुआ और अलीबाबा का कार्यालय भी अलगाव में पड़ गया, पर इससे कम्पनी का व्यवसाय नहीं रुका।अलीबाबा का व्यवसाय इस गंभीर स्थिति में भी नौ गुना बढ़ा। इस नाजुक घड़ी में अलीबाबा ने एक दिन में 10 लाख य्वेन तक की आय हासिल करने का रिकार्ड बनाया और वर्ष 2004 में अलीबाबा के एक दिन में 10 लाख का मुनाफा कमाने की लम्बी छलांग लगाने ने लोगों को अचम्भे में डाल दिया।
कई साल वाणिज्य जगत में ठोकर खाने पर भी श्री मा विन चालबाज व मतलबी नहीं बने, न ही उन्होंने अपने शानदार कीर्तिमान पर घमंड जाहिर किया। श्री मा विन के आत्मविश्वास व कार्य की ऊंची लगन वाले व्यक्तित्व पर टिप्पणी करते हुए मानव संसाधन विशेषज्ञ छंग आन चे ने कहा दुनिया में कोई अपराजेय नहीं है, चाहे वह कोई आख्यानिक या मिथकीय व्यक्ति क्यों न हो।पर कोई इन्सान यदि आत्मविश्वास की स्थिति में भी अपनी खामियों पर गौर करे तो मेरे ख्याल से उसे आसानी से पराजित नहीं किया जा सकता। मैं श्री मा विन के आत्मविश्वास का बहुत आदर करता हूं, लेकिन आत्मविश्वास का मतलब घमंड कतई नहीं है।
आप किसी भी कोण से देखें, श्री मा विन हमेशा अपने रास्ते पर डटे नजर आयेंगे। श्री मा विन की नजर में इलैक्ट्रोनिक वाणिज्य इंटरनेट की सोने की ऐसी खान है जो अब तक पूरी तरह नहीं खोदी गयी है। अपनी कड़ी मेहनत से श्री मा विन ने इंटरनेट के कठिन व थकावट भरे कार्य को भारी आमदनी वाला व्यवसाय बना दिया है। याहू ने भारी दाम देकर अलीबाबा के शेयर इसीलिए खरीदे, क्योंकि उसे चीन में तेजी से बढ़ते इंटरनेट बाजार का भविष्य उज्ज्वल नजर आया है।
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