
थाईशान पर्यटन क्षेत्र में तीन सौ से अधिक पहाड़ी चोटियां, बीस हजार से अधिक प्राचीन दुर्लभ पेड़ और 110 से अधिक प्राचीन सांस्कृतिक अवशेष हैं। चीन के इतिहास में 72 शासकों के पूजा के लिए थाईशान पर्वत पर कई बार भव्य आयोजन कराने के भी उल्वेख मिलते हैं। 1978 में यूनेस्को ने थाईशान पर्वत को विश्व की प्राकृतिक व सांस्कृतिक विरासतों की सूची में शामिल किया। एक जापानी पर्यटक याजिमा हैनाकी का मानना है कि थाईशान पर्वत की महानता उसके अनोखे प्राकृतिक व मानवीय दृश्यों के सामंजस्यपूर्ण आत्मसात करने में ही है।
प्रिय दोस्तो , चीन का भ्रमण कार्यक्रम में एक बार फिर आपका हार्दिक स्वागत है। आज के इस कार्यक्रम में हम आप को पूर्वी चीन के शांनतुंग प्रांत के एक चर्चित पर्यटन स्थल थाईशान पर्वत ले चलेंगे और फिर प्रसिद्ध चीनी विचारक कनफ्यूशियस की जन्मभूमि में सुरक्षित ऐतिहासिक अवशेषों का दौरा करेंगे ।
तो आइये, सब से पहले चलें थाईशान पर्वत की चढ़ाई के लिए। थाईशान पर्वत पूर्वी चीन में स्थित शानतुंग प्रांत के थाईआन शहर के पास खड़ा है। इस की प्रमुख चोटी यू ह्वांग तिन समुद्र की सतह से 1545 मीटर से भी अधिक ऊंची है। थाईशान पर्यटन क्षेत्र में तीन सौ से अधिक पहाड़ी चोटियां, बीस हजार से अधिक प्राचीन दुर्लभ पेड़ और 110 से अधिक प्राचीन सांस्कृतिक अवशेष हैं। चीन के इतिहास में 72 शासकों के पूजा के लिए थाईशान पर्वत पर कई बार भव्य आयोजन कराने के भी उल्वेख मिलते हैं। 1978 में यूनेस्को ने थाईशान पर्वत को विश्व की प्राकृतिक व सांस्कृतिक विरासतों की सूची में शामिल किया। एक जापानी पर्यटक याजिमा हैनाकी का मानना है कि थाईशान पर्वत की महानता उसके अनोखे प्राकृतिक व मानवीय दृश्यों के सामंजस्यपूर्ण आत्मसात करने में ही है।
श्री याजिमा हैनाकी कहते हैं, थाईशान पर्वत सचमुच चीन का प्रथम पर्वत कहलाने के योग्य है। यहां आ कर मुझे बहुत खुशी हुई और बड़ा मजा आया। थाईशान पर्वत चीनी राष्ट्र की धरोहर ही नहीं, इतिहास को जारी रखने का एक सेतु भी है। मुझ जैसे विदेशी को यह देख कर प्रसन्नता होती है कि थाईशान पर्यटन क्षेत्र का संरक्षण इतने बढ़िया ढंग से किया गया है और इस का बड़ा ऐतिहासिक महत्व है।
थाईशान पर्वत पर चढ़ने के अनेक रास्ते हैं, पर अधिकतर पर्यटक वह रास्ता चुनते हैं जिसमें सब से पहले बस से वे पर्वत की तलहटी पर स्थापित चुंग थ्येन मन गेट तक पहुंचते हैं और फिर केबलकार पर सवार होकर पर्वत की चोटी के निकट खड़े नान थ्येन मन गेट पहुंचते हैं। केबलकार से उतरकर पर्यटकों को नान थ्येन मन गेट से निकल कर थाईशान पर्वत की चोटी पर पैदल चढ़ना पड़ता है। वे बस और केबलकार के सहारे काफी आसानी से थाईशान पर्वत पर चढ़ सकते हैं और साथ ही आसपास का दिलकश प्राकृतिक सौंदर्य भी आंख भर देख पाते हैं।
बेशक, यदि कोई चोटी तक पैदल चल कर जाना चाहे, तो ऐसा भी कर सकता है। कहते हैं कि थाईशान पर पैदल चढ़ाई करने का मजा उसकी असहनीय कठोरता में है। थाईशान पर्वत की तलहटी से सबसे ऊंची चोटी तक पहुंचने के लिए सात हजार से अधिक सीढ़ियों का रास्ता भी है। इस पथरीले रास्ते से पर्वत की चोटी पर पहुंचने में संवेदना तो नहीं के बराबर रहती है, और चोटी पर पहुंचने का काम खासा थकाने वाला होता है। नान थ्येन मन गेट के पास पहुंचने के साथ यह और कठिन हो जाता है। तब हरेक सीढी पर चढ़ने के लिए साहस की जरूरत पड़ती है।
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