आज दिनांक 18 दिसम्बर 2005 को चीन की सैर के क्रम में पेइचिंग से 60 किलोमीटर दक्षिण पूर्व स्थित लांग फांग शहर देखने गया। यह शहर चीन के आधुनिक शहरों में से एक है, इस औद्योगिक नगरी के भवन एवं सड़कें उच्च कोटि की है। शान्दार बाजार और शान्त माहॉल सभी को भाता है। कहा जाता है कि कुछ वर्ष पूर्व यहां एक छोटी सी बस्ती थी, प्रन्ड आज इस नगर की विशालता और शौन्दर्थता को देख कर कोई नहीं कह सकता कि यह कभी पिछड़ा छैत्र रहा होगा।
मैंने यहां की एक बड़ी सुपर बाजार देखा, तीन मंजिला यह मार्केट अत्यन्त सुन्दर थी। क्रिस्मस निकट होने के कारण लोग खुब खरीदारी कर रहे थे। मैं ने यहां एक भारतीय दुकान भी देखा, जिस में भारतीय शैली के सामान हैन्डीक्राफ्ट साड़ियां, शाल आदि रखे हुए थे। मैंने जब काउन्टर पर देखा तो एक चीनी लड़की कम्प्यूटर पर हिन्दी गीत सुन रही थी, मैंने जब मामूल किया कि क्या आप हिन्दी जान्ती है, तो पता चला नहीं, मैं केवल संगीत के लिए हिन्दी गाने सुन्ती हूं।
इसी शहर के पास स्थित एक विशाल विश्विद्यालय कैमपस में गया, औरियन्टल युनीवर्सीटी शहर के नाम से बसाया गया यह शहर जिस में 30 युनीवर्सीटियों के कैम्पस थे, बहुत ही विशाल थी। हजारों देशी विदेशी छात्र यह अध्ययन करते हैं। शहर से हटकर बसाये गये, इस पुस्तकालय का भवन और रायल इन्टर नेशनल कालेट के भवन बहुत ही शान्दार थे।
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