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(GMT+08:00) 2005-12-19 15:52:17    
आज़मी पेइचिंग यात्रा में---पांचवां भाग

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कल दिनाक 17 दिसम्बर को प्रातः 10 बजे श्री हूमीन साहब के साथ विश्व का सब से बड़ा थ्येन एन मन चौक देखने गया। वास्तव में जैसा हम ने रेडियो पर सुना था और जैसा महसूस किया था, उस से कही अधिक विशाल था। थ्येन एन मन चौक के सामने वीर स्तम्भ और माओ स्मृति भवन देखा। दायें ओर चीन की बड़ी बड़ी शासकीय इमारत थी और बायें जानिब रिपुलेन्सरी हिस्टू हाऊस है। मैंने देखा जोरदार सर्दी के बावजूद काफी अधिक संख्या में पर्यटक वहां मौजूद थे।

थ्येन एन मन चौक का जो मुख्य भवन था, उस पर माओ त्से तुंग की विशाल तस्वीर लगी हुई थी। भवन पर हम जब पहुंचे, तो वहां पर्यटकों की संख्या बहुत ज्यादा नहीं थी। ज्यादा तर लोग अभी भवन के बाहर के स्थलों का भ्रमण करने में व्यस्त थे। हम ने थ्येन एन मन चौक के प्रमुख भवन में अनेकों कुर्सीयां देखी , जो माओ के समय की सुन्दरता और स्वक्षता से पुरानी प्रतीत नहीं हो रही थी।

हमें मालूम हुआ कि माओ जी इसी भवन में अपने सहयोगियों के साथ मिटिंग किया करते थे। भवन पुर्ण रुप से चीनी शैली में लकड़ी से बना है। भवन के ऊपरी भाग पर सुन्दर सुन्दर ड्रैगन के चित्र अंकित थे, जो सुनहरे रंग के थे। हमें मालूम हुआ कि इस पर पल्ली सोने की चादर चढ़ी हुई है। वहां से आगे बढ़कर हम ने कुकुम पैले राजशाही भवन की विभिन्न इमारतों को देखा, जिस में 400 वर्ष पुराने राजा के सिंहासन और पुरानी पुरानी वस्तुएं चीन के इतिहास को बता रही थी।हर भवन में ड्रैगन के हजारों चित्र देखने को मिला कहा जाता है, ड्रैगन शक्ति का प्रतीक है, वह जमीन पर चल सकता है, पानी में तैर सकता है और हवा में उड़ सकता है। वास्तव में ड्रैगन ही राजा है। आगे हम ने विशाल शाही बगीचा देखा, जिस में सैकड़ों वर्ष पुराने पत्थर और पेड़ के साथ ही साथ दो पीतल के हाथी भी थे, जो इतिहास के साक्षी पने खड़े थे। आगे हम ने एवं बड़ी झील और बौद्ध शैली का सफेद मीनार वहाईट बगोडा देखा और फिर सैकड़ों वर्ष पुरानी व ड्रैगन की दीवार देखी, जिस पर दोनों ओर नौ नौ ड्रैगन की बड़ी बड़ी आकृति बनी थी, सात रंगों में थे, लकड़ी की दीवार पर बने ड्रैगन बहुत ही भयावह और शाक्त शाली लग रहे थे। इसी दीवार पर ऊपर लकड़ी के मेहराब पर छैः सौ से अधिक छोटे छोटे ड्रैगनों का चित्र था।

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