• हिन्दी सेवा• चाइना रेडियो इंटरनेशनल
China Radio International Thursday   Apr 17th   2025  
चीन की खबरें
विश्व समाचार
  आर्थिक समाचार
  संस्कृति
  विज्ञान व तकनीक
  खेल
  समाज

कारोबार-व्यापार

खेल और खिलाडी

चीन की अल्पसंख्यक जाति

विज्ञान, शिक्षा व स्वास्थ्य

सांस्कृतिक जीवन
(GMT+08:00) 2005-12-19 11:07:51    
मशहूर कवि चीडीमका

cri

चीडीमका वर्तमान चीन के एक मशहूर अल्पसंख्यक कवि है । उन की रचनाओं में उनकी जाति की संस्कृति अभिव्यक हुई है। देशी- विदेशी कविता मंच पर भी उनका अपना विशेष स्थान है।

दक्षिण-पश्चिमी चीन की अल्पसंख्यक जाति यी का इतिहास बहुत पुराना है। यी जाति की अपनी भाषा ही नहीं, जातीय पंचाग तक है। इस जाति के संगीत व नृत्य की भी अपनी विशेषता है। इस के अलावा, यी जाति की कई प्राचीन पुस्तकें तक उपलब्ध हैं, जिन में दस महाकवियों की रचनाएं आज तक प्रचलित हैं। यी जाति में लोककथाओं की भी भरमार है, जो बुद्धि से भरी हैं। चवालीस वर्षीय चीडीमका ऐसे वातावरण में पले-बढ़े जातीय कवि हैं।

वर्ष उन्नीस सौ बयासी में चीडीमका ने दक्षिण-पश्चिमी जातीय कालेज से स्नातक होने के बाद स छ्वान प्रांत के ल्यांग शान यी जातीय स्वायत्त प्रिफैक्चर के संस्कृति संघ में प्रवेश किया। इस के थोड़े समय बाद वे इस स्वायत्त प्रिफैक्चर संस्कृति संघ के उपाध्यक्ष चुने गए। इस दौरान

उन्होंने बड़ी संख्या में कविताएं लिखीं। चीडीमका के प्रथम कविता संग्रह "प्रथम प्रेम का गीत" ने चीनी कविता पुरस्कार हासिल किया।

चीडीमका की कविता में जातीय विशेषता होने के साथ गहरी विचारधारा भी मौजूद है, जिसे चीनी पाठकों व टिप्पणीकारों ने माना है। चीडीमका की कविता का वर्तमान चीनी कविता मंच पर एक अपरिहार्य स्थान माना जाता है। चीडीमका का विचार है कि यी जाति की संस्कृति ने उन्हें पाला है। उनका कहना है

"मैं कह सकता हूं कि मेरी यी जाति के इतिहास व संस्कृति ने मुझे पाला। मैं अपनी जाति और संस्कृति का एक भाग हूं । हम अपनी जाति के लम्बे इतिहास की एक सांस्कृतिक कड़ी हैं। एक कवि के रूप में मैं अपने को अपनी जन्मभूमि व जातीय संस्कृति से अलग नहीं कर सकता। अगर मैं उस से अलग हुआ, तो मर जाऊंगा या अस्वस्थ हो जाऊंगा।"

चीडीमका ने बताया कि यी जाति की प्राचीन संस्कृति के उत्तराधिकारी के रूप में उन्होंने अपनी रचनाओं के विषय बचपन से परिचित अपने साधारण जीवन से लिये । "चील" और "मृत बैल " आदि कविताएं चीडीमका की प्रतिनिधि रचनाएं हैं, जिन में यी जाति का साहस व स्वावलंबन जाहिर हुआ है।

चीडीमका के अब तक दस से ज्यादा कविता संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं जिन में " यी लोगों का स्वप्न", "रोम का सूर्य" और "चीडीमका की विदेशी कविताएं" आदि शामिल हैं। उन्होंने अनेक बार चीनी राष्ट्रीय संसकृति पुरस्कार भी हासिल किया और उन की कविताओं के अंग्रेज़ी, फ्रांसीसी, जापानी, स्पेनी और रोमानियाई भाषाओं में अनुवाद भी हुए, जिससे अंतरराष्ट्रीय कविता मंच की उन पर नज़र पड़ी। चीडीमका का विचार है कि एक कवि के लिए सब से महत्वपूर्ण बात उसमें मानवीय भावना का होना है। उन्होंने कहा

"दुनिया और मानव से प्यार करना एक कवि की उच्च भावना है। महान कवि की भावना मानवीय होनी चाहिए, उसे संसार की विभिन्न जातियों, व विभिन्न सांस्कृतिक पृष्ठभूमि वाले लोगों को प्यार करना चाहिए। इसमें जीवन से प्यार व उसका सम्मान शामिल होता है। यह एक कवि के लिए बड़ा महत्वपूर्ण है।"

चीडीमका कविता चीनी भाषा में रचते हैं। एक अल्पसंख्यक जातीय कवि के रूप में यह उन के लिए कठिन होता है। वे हान जाति के किसी कवि से ज्यादा समय कविता रचने में लगाते हैं। उन्होंने हान जाति की संस्कृति की प्राचीन व वर्तमान रचनाओं का गहरा अध्ययन किया है और हान जाति व यी जाति की संस्कृति को जोड़ने की कोशिश की है।

चीडीमका के विचार में वर्तमान में चीन में कविता समेत सभी सांस्कृतिक कलाएं विकास के सब से अच्छे काल में हैं। उन्होंने कहा

"कहा जा सकता है कि वर्तमान में चीनी कविता मंच बहुत समृद्ध है। कविता रचने का वातावरण अच्छा है, कवि विचार में सक्रिय हैं। वर्तमान में रचनाओं की संख्या ज्यादा होने के साथ भिन्न-भिन्न पक्षों के कवि भी मौजूद हैं।"

चीडीमका ने कहा कि कविता उन के जीवन का सब से महत्वपूर्ण काम है । कविता उन की आत्मा है । उन्होंने कहा कि कविता के बिना वे नहीं रह सकते।

Post Your Comments

Your Name:

E-mail:

Comments:

© China Radio International.CRI. All Rights Reserved.
16A Shijingshan Road, Beijing, China. 100040