श्री औलिवर फ्रांसीसी नागरिक हैं पर इस समय वे दक्षिण-पूर्वी चीन के समुद्रतटीय प्रांत फू च्येन के श्या मन शहर में रहते हैं। स्वतंत्र वाणिज्य सलाहकार के रूप में श्री औलिवर मुख्य रूप से बाजार की बिक्री, विज्ञापन और कारोबारों के संचालन आदि क्षेत्रों में परामर्श का कार्य करते हैं। इतना ही नहीं, कला के क्षेत्र में भी उन्हें उच्च क्षमता प्राप्त है। कुछ समय पहले, उन्होंने स्वयं खींचे चित्र बेचे और इस तरह कमाये धन को चीन में एड्ज रोग से प्रभावित बच्चों के इलाज के लिए दान किया। आज के जीवन और समाज कार्यक्रम में हम सुना रहे हैं श्री औलिवर की कहानी।
40 वर्षीय औलिवर बहुत प्रौढ़ लगते हैं। उन्होंने अपने लिए एक सुन्दर चीनी नाम चुना है- ह फींग। इन चीनी शब्दों का अर्थ है शांति है। श्री औलिवर को पर्यटन पसंद है। वे विश्व के 20 से ज्यादा देश जा चुके हैं। सात वर्ष पहले, वे चीन के श्या मन पहुंचे। इस से पहले वे चीन के क्वांग तुंग प्रांत और हांगकांग विशेष प्रशासनिक क्षेत्र में भी कुछ समय बिता चुके थे। उन्होंने कहा,मैं क्वांग तुंग से हांगकांग वापस लौटने के बारे में विचार कर रहा था, कि मेरे मित्र ने मुझे श्या मन में रहने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा , औलिवर, श्या मन आ कर देखिये तो सही। यदि आपको श्या मन पसंद न आया, तो आप हांगकांग लौट सकते हैं। इस तरह, मैं श्या मन आया और श्या मन मुझे बहुत पसंद आया।सो मैं ने यहां रहने का निर्णय किया।
समुद्रतटीय शहर श्या मन चीन का एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। यहां अनेक छोटे-बड़े द्वीप हैं और सुन्दर प्राकृतिक दृश्य भी।
श्री औलिवर का घर श्या मन की एक बस्ती में है। उन की पत्नी नौकरी की वजह से फ्रांस में रहती हैं। इसलिए, घर में औलिवर अकेले रहते हैं पर वे बहुत व्यस्त रहते हैं। वे बाजार के अनुसंधान व विज्ञापन रचने में लगे रहते हैं और फुरसत के समय श्या मन में घूमते हैं। वे अकसर समुद्रतट पर साइकल चलाते हैं और सागर में तैरते हैं। कभी-कभी वे छोटी नाव चलाकर आसपास के द्वीप भी जाते हैं और उनके चित्र खींचते हैं। उनका कहना है कि वे श्या मन को इसलिए पसंद करते हैं क्योंकि यहां स्वादिष्ट चीनी भोजन के रेस्तरां हर जगह मौजूद हैं। उन के अनुसार,
मुझे श्या मन बहुत पसंद है। मैं श्या मन के युवाओ को भी पसंद करता हूं। मुझे यहां की सभी चीज़ें पसंद हैं। श्या मन एक पार्क शहर है, जहां जगह-जगह हरी घास व पेड़ दिखते हैं। हालांकि मैं यहां सात वर्ष रह चुका हूं, फिर भी स्थानीय मींग नान बोली नहीं बोल पाता। श्री औलिवर की नजर में मींग नान बोली बहुत कठिन है। लेकिन, इससे उन के स्थानीय लोगों से संपर्क पर असर नहीं पड़ता। पिछले सात वर्षों में श्री औलिवर ने अपनी आंखों से श्या मन में हुए भारी परिवर्तन देखे हैं। उन्होंने यहां ऊंची इमारतों का निर्माण होते देखा और उनके अनुसार श्या मन के परिवहन में भी भारी परिवर्तन आये हैं।
दो वर्ष पहले, श्री औलिवर ने टी वी पर चीन के किसी एक क्षेत्र में एड्ज रोग संबंधी एक रिपोर्ट देखी। इस रिपोर्ट में बताया गया था कि एक गरीब गांव के कुछ किसान इस रोग से प्रभावित होने के बाद मर गये और उन के बच्चे अनाथ हो गये। टी वी पर बच्चों की निराशा भरी आंखें देख कर श्री औलिवर ने निर्णय लिया कि वे एक चित्र प्रदर्शनी करेंगे और प्रदर्शनी से कमाये गये धन को एड्ज रोगियों के अनाथ बच्चों और एड्ज से प्रभावित बच्चों की मदद के लिए दान करेंगे। श्री औलिवर ने कहा,मेरी चित्र मेरे जीवन का एक भाग हैं। मैं अपने जीवन के इस भाग को नहीं बेच सकता। इस के बावजूद, मैं ने इन में से तीन चित्र बेचने का निर्णय लिया। मुझे आशा है कि इस धन से एड्ज से प्रभावित बच्चों की कुछ मदद हो सकेगी।
चित्र प्रदर्शनी शा मन अंतरराष्ट्रीय कान्फ्रेन्स सेंटर के होटल में आयोजित की गयी। ये सभी चित्र औलिवर के इधर के कुछ वर्षों की रचनाएं थे। उन के ये चित्र देखने में सामान्य हैं, पर उनके अर्थ गहरे हैं। फल नामक अपने चित्र में उन्होंने विभिन्न फलों से एक जीवित व्यक्ति की रचना की। इस व्यक्ति का सिर नारियल द्वारा बनाया गया है, शरीर अन्नास से, पैर तरबूज से, बाल अंगूर से, आंखें चेरी से और मुख हिसालू से। इस सरल चित्र से जीवन के प्रति श्री औलिवर का सपना प्रतिबिंबित होता है। चित्र प्रदर्शनी ने अनेक दर्शकों को आकर्षित किया। इसके दर्शकों में श्या मन में वेबसाइट का डिजाइन करने वाली सुश्री चांग ली भी शामिल रहीं। सुश्री चांग ली ने श्री औलिवर के कार्य की भूरि-भूरि प्रशंसा की। उन्होंने कहा,
श्री औलिवर की चित्र प्रदर्शनी को देखकर मैं ने सोचा कि श्री औलिवर जैसे विदेशी चीन के मामलों पर इतना ध्यान दे सकते हैं, तो हम चीनी लोगों को तो अपने देश की घटनाओं को और महत्व देना चाहिए। श्री औलिवर के इस कार्य को चीनी समाज के विभिन्न तबकों का समर्थन मिला। देश-विदेश के गैरसरकारी संगठनों ने चित्र प्रदर्शनी के आयोजन का पूंजी से समर्थन किया। श्या मन अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेन्स होटल ने उन्हें इसके लिए निःशुल्क स्थल प्रदान किया। अमरीका में श्री औलिवर के मित्र ओलिवियर देफ्रान्स ने भी श्या मन आकर उनकी मदद की। उन्होंने कहा,
जब मैं ने सुना कि औलिवर एड्ज से संबंधित कुछ कर रहे हैं, तो मैं अचम्भे में आ गया। मेरे विचार में चित्र प्रदर्शनी बहुत अच्छी चीज है। इस से एड्ज रोग पर लोगों का ध्यान बढ़ाने में मदद मिलेगी। इसलिए, मैं विशेषकर अमरीका से यहां आया और उन्हें मदद दे रहा हूं।
हालांकि श्री औलिवर ने इस चित्र प्रदर्शनी से कोई बड़ा लाभ नहीं कमाया, फिर भी उनकी आशा है कि उन के इस कार्य से और अधिक लोग एड्ज रोग के रोगियों तथा उनके अनाथों पर ज्यादा ध्यान देने की सोचेंगे। श्री औलिवर ने कहा कि वे संभवतः चीन के हांगकांग व यूरोप में भी अपनी चित्र प्रदर्शनी का आयोजन करेंगे और अधिक से अधिक लोगों से एड्ज रोगियों तथा उनके अनाथों का ख्याल रखने की अपील करेंगे।
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