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(GMT+08:00) 2005-12-16 08:39:39    
ऊरूमुची में प्रातःकालीन व्यायाम

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चीन के अधिकांश शहरों में रोज सुबह सुबह बड़ी संख्या में शहरी निवासी पार्कों , खुले मैदानों तथा गली मुहल्लाओं में शारीरिक व्यायाम करते हुए दिखाई देते हैं , वे चीनी परम्परागत तलवारबाजी , छाया मुक्केबाजी और धीमी गति की दौड़ जैसे खेल करते हैं और आम लोगों में लोकप्रिय सावजनिक नाच गान करते हैं । उत्तर पश्चिमी चीन के सिन्चांग वेवूर स्वायत्त प्रदेश की राजधानी ऊरूमुची शहर भी इस के अपवाद नहीं है , देश के सरहदी इलाके में आबाद होने पर भी इस शहर में नागरिक रोज प्रातःकालीन व्यायाम करने के बड़े शौकिन हैं और पार्कों और खुले मैदानों में बड़ी संख्या में लोग सुबह सुबह शारीरिक व्यायाम करने आते हैं । अब आइए , हमारे साथ ऊरूमुची के एक पार्क में प्रातःकालीन व्यायाम देखने आए ।

यह ऊरूमुची शहर में नवनिर्मित एक नयी रिहाइशी बस्ती है , बस्ती में एक वर्गकिलोमीटर की परिधि का छोटा पार्क बनाया गया । पार्क में ताजा ताजा फुलों की क्यारी है , हरा भरा घास मैदान है और सुन्दर वन्य बगीचा है , ताजा और शांत वातावरण वाला पार्क बस्ती के निवासियों का मनपसंद व्यायाम स्थल है ।

मध्य शरद का मौसम है , उत्तरी चीन में स्थित ऊरूमुची शहर में मौसम शीतल हो गया , लेकिन शहर के इस बस्ती पार्क में रोज सुबह लोगों का प्रातःकालीन व्यायाम के लिए उत्साह बड़ा गर्मजोशी रहा । पूर्व में अभी लालिमा दिखी है , तब पार्क में बहुत से बस्ती निवासी कसरत के लिए आ पहुंचे हैं ।

पार्क में पक्षियों की मधुर चहक सुनाई दे रही है , दरअसल यह मोहक आवाज पेड़ों पर लटकाए पक्षी पिंजड़ों में पालित कोयल और तोता जैसी सुन्दर चिड़ियाओं के गले से निकली है । पेड़ों के पास पक्षी पालने वाले शौकिन लोग आपस में पक्षी पालने के अनुभवों का आदान प्रदान कर रहे हैं और अपनी अपनी पसंदीदा पक्षी को दूसरों को दिखा रह हैं ।

इस साल 65 वर्षीय बुजुर्ग निवासी श्री हो को चिड़िया पालते हुए अब चार साल हो गए हैं , वे बारिश के दिन को छोड़ कर रोज इस पार्क में चिड़िया लिए आते हैं और उन्हें पक्षी पालन का विशेष शौक है ।

श्री हो के अनुसार पक्षी पालन स्वास्थ्य के लिए बड़ा लाभदायक है , पक्षी रोज समय पर चहकती है और उड़ना फूदकना चाहती है , उस के जीनव का अपना नियम होता है। पक्षी पालने वाले शौकिन लोग अवश्य उस के नियम के अनुसार क्रियाशील रहते है , इसतरह व्यायाम का लाभ प्राप्त भी कर लेते हैं । पक्षी की चहक सुनने से भी हमारा मन आनंदित हो उठता है और खुशी की मुद्रा में उत्साहित हो जाता है ।

पार्क में वृद्धवृद्धाओं का एक झुंड है ,मधुर संगीत की धुन में वे बड़े आनंद के साथ नाचते हैं , संगीत के ताल पर वे घूमते झूमते नाचगान में संग्लन रहे और मुखों में मीठी मुस्कान खिली हुई है । यह नृत्य दल स्थापित हुए तीन साल हो गया है , दल के सदस्यों की संख्या कभी सौ तक भी पहुंची है , वे बुजुर्ग लोग सभी नाच के शौकिन हैं , साल के अप्रेल से अक्तूबर तक ऊरूमुची का मौसम अच्छा है , तो वे रोज सुबह साढे सात बजे पार्क में आते हैं , वे सिन्चांग के विभिन्न जातीय नृत्य सीखते हैं और स्वास्थ्य लाभ के लिए अन्य प्रकार के नाच भी करते हैं।

वतर्मान बुजुग नृत्य दल की नेता श्रीमती तिन युनइंग है , रिटायर होने से पहले वे मजदूरिन थी , वे कहती हैः

पहले मैं नाचगान नहीं जानती थी , तीन साल पहले नृत्यदल में शामिल हुई , शुरू शुरू में मुझे नाचना गाना नहीं आता था , पर रोज अभ्यान करते करते अब बहुत अच्छा प्रदर्शन कर सकती हूं , मेरा विश्वास भी बहुत बढ़ा , खास कर जब किसी प्रतियोगिता में पुरस्कार मिला , तो हमारी सरगर्मी और बढ़ गयी ,रोज सुबह समय पर ही हम यहां आते हैं , अब मैं दल की नेता हूं , मैं कुछ भी नहीं चाहती , बस लोगों की सेवा करने से मैं खुद भी खुश होती हूं ।

नृत्य दल की प्रशिक्षक सुश्री यांग लांगोफन भी रिटायर मजदूरिन है , वे 60 साल की हैं , बहुत चुस्त तेजस्वी लगती हैं । वर्ष 2003 में वे इस बुजुर्ग नृत्य दल की प्रशिक्षक नियुक्त हुई और रोज सुबह लोगों को नाचने गाने का प्रशिक्षण देती हैं । वे कहती हैः

मैं नाचना गाना पसंद करती हूं , हमारे नृत्य दल के अधिकांश बुजुर्ग सदस्यों ने युवावस्था में कभी नाचने का अभ्यास भी नहीं किया था , उम्र बड़ी होने पर उन के लिए नाचना सीखना शुरूआत में बहुत कठिन था , उन्हें एक एक क्रिया सीखना पड़ता है . लेकिन वे बड़ी मेहनत से सीखते हैं , अब उन का स्तर काफी उन्नत हो गया है , जब संगीत बजा , कोई आगे नाचने लगे , तो वे उस के साथ तालमेल बिठा कर अच्छी तरह नाच सकते हैं । मैं दल के आगे नाचती हूं , वे मेरे साथ बड़े आनंद से नाचते हैं ।

अपने नृत्य कला स्तर उन्नत करने के लिए सुश्री यांग लांगफन ने खुद वृद्ध विश्वविद्यालय में जातीय नृत्य भी सीखे , जिस से उन का अपना हुनर भी काफी बढ़ा ।

पार्क में फिर संगीत की मधुर धुन बजी , धुन के साथ साथ सफेद पोशाक पहने कुछ बुजुर्ग लोग चीनी परम्परागत मुक्केबाजी कला यानी छाया मुक्केबाजी का अभ्यास करने लगे । चीनी परम्परागत छाया मुक्केबाजी चीनी राष्ट्र की एक मशहूर और लोकप्रिय प्राचीन कसरत है , वह चीनी राष्ट्र के सांस्कृतिक घरोहर का एक श्रेष्ठ अंग भी है । छाया मुक्केबाजी की क्रिया कलाप धीमी गति की होती है और हल्के फुल्के कसरत में प्रबलता निहित होती है , अभ्यास में सरल है , किन्तु उस का गुण पकड़ने के लिए बुद्धि और तेज की आवश्यकता है। यह व्यायाम स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद है , जो किसी भी उम्र और किसी भी लिंग तथा किसी भी शारीरिक किस्मों के लिए अनुकूल है । इस लिए चीन में बड़े छोटे सभी आयु वाले लोग इसे पसंद करते हैं ।

बस्ती पार्क में छाया मुक्केबाजी में सक्रिय सुश्री क्वान पोइंग इस साल 49 साल की है , लेकिन देखने में वह अपनी आयु से काफी जवान लगती है , वे कहती हैः

मैं वर्ष 1997 से छाया मुक्केबाजी का अभ्यास करने लगी , अब तक इस पर कायम रही हूं , मुझे यह खेल बहुत पसंद है , रोज अभ्यास नहीं छोड़ती । छाया मुक्केबाजी स्वास्थय के लिए बहुत लाभदायक है । पहले मैं श्वास नली रोग से पीड़ित थी , छाया मुक्केबाजी का अभ्यास करने से अब यह रोग छूट पड़ा है ।

72 वर्षीय यांग फारन सिन्चांग के अर्थव्यवस्था व जाति शास्त्र के विद्वान हैं, पिछली सदी के अस्सी वाले दशक से वे छाया मुक्केबाजी का अभ्यास करने लगे , अब तक इस पर कायम रहे । वे रोज सुबह सात बजे पार्क में आते हैं , छाया मुक्केबाजी और तलवारबाजी का अभ्यास करते हैं , उन का जीवन बहुत आनंदित है । पार्क में वृद्ध लोग मिल कर व्यायाम करते हैं , गप्पेंशप मारते हैं और सामाजिक सूचनाओं का आदान प्रदान करते हैं और दिलचस्प विष्यों पर वादविवाद करते हैं और अपने रिटायर जीवन को खुशचैन बनाते हैं ।

श्री यांग के अनुसार उन के रिटायर जीवन बहुत खुशगवार है , वे रोज साथ साथ मिलते हैं , कसरत करते हैं , रिटायर के पैंशन पर उन का जीवन गारंटिड है , मानसिक स्थिति बेहतर है और शारीरिक व्यायाम से बहुत स्वस्थ हैं । व्यायाम के विकास से सभ्यता का स्तर उन्नत होता है , लोगों का जीवन खुशहाली के स्तर पर पहुंच गया और वे भी अपने वतर्मान जीवन को बहुत मजेदार मानते हैं ।

उरूमुची के बुजुर्ग लोगों की भांति चीन के सभी शहरी वृद्ध निवासी अपने स्वास्थ्य को बहुत बड़ा महत्व देते हैं । वे किस्म किस्म के आवकाशकालीन गतिविधियों , खेल व्यायामों तथा स्वास्थ्य लाभ वाले अभ्यासों में भाग लेते हैं । सिन्चांग के ऊरूमुची के इस बस्ती पार्क में प्रातःकालीन व्यायाम में सक्रिय बुजुर्ग लोग अब अपने जीवन के ऊंचे स्तर पर पहुंचने की कोशिश करते हैं , जो एक अच्छा साक्षी बनता है ।

दोस्तो , चीनी लोग जितनी बड़ी संख्या में और जितने व्यापक रूप से प्रातःकालीन व्यायाम करते हैं , इस का समान उदाहरण विश्व के अन्य स्थानों में कम देखने को मिलता है , इस से जाहिर है कि चीनी लोग अपने जीवन और स्वास्थ्य पर किस कदर ध्यान देते हैं और जीवन को किस तरह प्यार करते हैं , चीनी लोगों का प्रातःकालन व्यायाम बहुत लाभदायक भी है,साथ ही कम खर्चिला और सरल भी है । इसलिए वह बहुत लोकप्रिय हो सकता है । अगर आप को मौका मिला , चीन आए , तो आप खुद अपनी आंखों से देख सकते हैं कि चीन में प्रातःकालीन व्यायाम किस स्तर पर है ।