यह एक हजार सात सौ साल पुराना मठ चीन के प्राचीनतम मठों में गिना जाता है। इस प्राचीन मठ के छोटे-बडे भवनों में बुद्ध की मूर्तियां रखी हैं, प्रागण में खड़े छायादार वृक्ष आकाश से बातें करते हैं और धूपबत्तियों का धुआं चारों तरफ छाया रहता है। इसके दर्शन के लिए बहुत से पर्यटक आते हैं। पर्यटक सुश्री चांग रूंग ने बताया कि उन्हें यह प्राचीन मठ बहुत अच्छा लगता है। मैं दूसरी बार यहां आयी हूं । मेरे विचार में यह मठ शुद्ध बौद्ध धार्मिक संस्कृति से युक्त है। यहां विभिन्न अनुयायी आने-जाने को स्वतंत्र ही नही हैं, उन्हें पूजा की भी बड़ी सुविधा हासिल है।
प्रिय दोस्तो , चीन का भ्रमण कार्यक्रम अपने सभी मित्रों का अभिवादन करता है । इसी कार्यक्रम में हम आप को उत्तरी चीन में स्थित चाओ श्येन नामक एक छोटे नगर ले गये थे । वहां पर आप को इस छोटे नगर की दो मशहूर धरोहरें देखने को मिलती हैं। इन में से एक है एक हजार चार सौ वर्ष पुराना चाओ चओ पुल आप ने इसी कार्यक्रम में देखा होगा और यह मालूम भी हुआ कि हालांकि वह हजार वर्ष से भी अधिक पुराना है, पर हू-ब-हू संरक्षित है और विश्व का सब से पुराना गोलाकार पत्थर पुल माना जाता है। आज के इस कार्यक्रम में हम आप को दूसरी धरोहर हजार वर्ष पुराना पो लिन मठ के दौरे पर ले चलते हैं । पर इस हजार वर्ष पुराने मठ देखने से पहले चाओ चओ पुल के संगमरमर की बाड़ पर खुदी विभिन्न प्रकार की नक्काशी का आनन्द उठाना भी जरूरी है ।
चाओ चओ पुल पर रथ की लकीर देखने के साथ आप इस पुल के संगमरमर की बाड़ पर खुदी विभिन्न प्रकार की नक्काशी का आनन्द उठा सकते है। यहां विभिन्न प्रकार के कल्पित जल-जंतुओं की तस्वीरें इतने सजीव रूप में चित्रित की गयी हैं कि देखते ही बनती हैं। पहली बार यहां पहुंचने वाले चाओ क्वांग के पर्यटक चाओ चओ पुल पर एकदम मोहित हो गये । उन्हों ने कहा कि मुझे लगता है कि चाओ चओ पुल बहुत ही बढ़िया है। यह चीनी राष्ट्र के प्राचीन इतिहास का द्योतक है और चीनी राष्ट्र की चतुरता व बुद्धिमत्ता का सार भी। यह वाकई एक करिश्मा है कि एक हजार चार सौ साल पहले इतने वैज्ञानिक ढंग से यह शानदार पुल बना और पुल की बाड़ पर तराशी गयी जानवरों व मानवों की आकृतियां भी जीती-जागती लगती हैं।
अच्छा श्रोताओ, चाओ चओ पुल से अब हम चलें प्राचीन पोलिन साधना मठ देखने। यह प्राचीन मठ इस पुल से बहुत दूर नहीं है पर इस का इतिहास चाओचओ पुल से भी पुराना है। यह एक हजार सात सौ साल पुराना मठ चीन के प्राचीनतम मठों में गिना जाता है। इस प्राचीन मठ के छोटे-बडे भवनों में बुद्ध की मूर्तियां रखी हैं, प्रागण में खड़े छायादार वृक्ष आकाश से बातें करते हैं और धूपबत्तियों का धुआं चारों तरफ छाया रहता है। इसके दर्शन के लिए बहुत से पर्यटक आते हैं। पर्यटक सुश्री चांग रूंग ने बताया कि उन्हें यह प्राचीन मठ बहुत अच्छा लगता है। मैं दूसरी बार यहां आयी हूं । मेरे विचार में यह मठ शुद्ध बौद्ध धार्मिक संस्कृति से युक्त है। यहां विभिन्न अनुयायी आने-जाने को स्वतंत्र ही नही हैं, उन्हें पूजा की भी बड़ी सुविधा हासिल है।
बहुत से पर्यटक इस मठ में इसका भवन निर्माण देखने या पूजा करने के लिए ही नहीं आते, बल्कि सुबह इसके पहले घंटे की आवाज में आचार्य द्वारा जपे जाने वाले सूत्र भी सुनना चाहते हैं। साधना चीनी बौद्ध धर्म की शाखाओं में से एक है। यह मुख्य तौर पर साधना के जरिए अपने आप को शुद्ध करने का एक तरीका है। पोलिन मठ का चीनी बौद्ध धर्म की साधना शाखा के इतिहास में अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है। चीन के कई सुप्रसिद्ध आचार्य इस मठ में रहे और यहां अनुयाइयों के लिए सूत्रों की व्याख्या करते रहे। अब चिंग ह्वा नामक आचार्य ने इस मठ में सूत्रों के अध्ययन के आधार पर जीवन सूत्र पेश किया है। इस जीवन सूत्र का अर्थ है बौद्ध धर्म की केंद्रीय भावना व बुद्धि का वास्तविक जीवन के साथ आत्मसात कर आधुनिक मानव जीवन में उत्पन्न विभिन्न प्रकार के भ्रमों व मनोबाधाओं को दूर किया जा सकता है। 1993 से इस मठ में आयोजित होने वाले सात दिवसीय वार्षिक जीवन सूत्र ग्रीष्म शिविर में 250 व्यक्तियों को प्रशिक्षण दिया जाता है। इस दौरान यहां उन के लिए साधना, सूत्र जाप और वार्ता जैसे दिलचस्प धार्मिक आयोजन होते हैं। आज तक इसी प्रकार का वार्षिक जीवल सूत्र ग्रीष्म शिविर आयोजित किया जाता है और कोई भी पर्यटक अपनी इच्छा के अनुसार नाम दर्ज कर उस में भाग ले सकता है ।
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