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(GMT+08:00) 2005-12-12 15:09:47    
चीनी समाज द्वारा सभ्यता की कार्यवाई का आह्वान

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चीनी लोग अब अनेक पुरानी चीनी आदतों को असभ्य मानते हैं। इनमें से कुछ हैं- चीनी लोगों का सार्वजनिक स्थलों में ऊंची आवाज में बोलना, सार्वजनिक बसों के इन्तजार के समय पंक्ति में खड़ा न होना आदि। इधर चीनी समाज ने आम लोगों से सभ्यता की कार्यवाई का आह्वान किया है। इससे लोगों की सभ्यता का स्तर निरंतर उन्नत होता जा रहा है।

स दिन सुबह हमने पेइचिंग की पश्चिमी छांग एन सड़क के एक बस स्टॉप पर विभिन्न बसों के नंबरों की तख्तियों के नीचे लोगों को व्यवस्थित रूप से बसों का इन्तजार करते देखा। बस नम्बर 318 के स्टॉप पर खड़ी सुश्री ल्यू श्याओ दी ने बताया कि एक वर्ष से पहले यहां यह स्थिति नहीं थी। उन के अनुसार,पहले बसों के इन्तजार के समय बहुत भीड़ रहती थी। बस आती, तो युवा ही उस पर चढ़ पाते थे, जबकि वृद्ध व बच्चे नीचे रह जाते थे। अब लोग पंक्ति में खड़े होकर बसों का इन्तजार करते हैं। अब यह उनकी आदत बन गयी है। मुझे लगता है कि चीनी लोगों की गुणवत्ता में उन्नति हो रही है।

हालांकि इधर के वर्षों में पेइचिंग में सार्वजनिक परिवहन का निर्माण बहुत तेज़ रहा है, तो भी एक करोड़ से ज्यादा की आबादी वाले इस महानगर की परिवहन क्षमता पर्याप्त नहीं है। पहले सुबह या शाम भीड़ भरे यातायात के समय, लोग जल्दी-जल्दी ही बसों पर सवार होने के लिए आगे निकलना चाहते थे, इसलिए, बस स्टॉप की व्यवस्था अच्छी नहीं थी। लेकिन, इधर के दो वर्षों में लोगों ने पंक्ति में खड़े होकर बसों पर चढ़ने की आदत विकसित की है। अधिक से अधिक लोग सार्वजनिक स्थलों की सभ्यता पर ध्यान देने लगे हैं। संगीतसभाओं या खेलकूद देखने के दौरान लोग स्वच्छा से अपने मोबाइल फोन बंद करते हैं और श्रेष्ठ प्रस्तुति पर तालियां भी बजाते हैं।

इस तरह के परिवर्तन पेइचिंग के अलावा चीन के अन्य शहरों में भी देखे जा सकते हैं। कुछ दिन पहले, हमने पूर्वी चीन के ज च्यांग प्रांत के हांग च्यो शहर की यात्रा की। हवाईअड्डे से बाहर आने पर हमने टैक्सी ड्राइवर की गर्मजोशी महसूस की।

40 वर्षीय चिन योंग शिन 20 वर्षों से टैक्सी चला रहे हैं। यात्रियों की सुविधा के लिए वे अपनी टैक्सी में हांग च्यो शहर का नक्शा और अखबार आदि रखते हैं। उन का मानना है कि वे न केवल एक टैक्सी ड्राइवर हैं, बल्कि शहर की छवि का प्रसार-प्रचार करने वाले व्यक्ति भी हैं। उन के आचरण से हांग च्यो शहर की छवि प्रतिबिंबित होती है। उन्होंने कहा, हांग च्यो आने पर यात्री सर्वप्रथम हम टैक्सी ड्राइवरों से मिलते हैं। और हमारी सेवा इस शहर की सभ्यता को प्रतिबिंबित करती है।

श्री चिन ने अपने लिए जो नियम बनाया है उसमें यात्रियों का गर्मजोशी से स्वागत करना, उनके सवालों का संजीदगी से जवाब देना और यात्रियों से बिदा लेना शामिल है। वे अपनी अच्छी सेवा से यात्रियों को विश्वास, सुरक्षा व आराम देना चाहते हैं। श्री चिन ने कहा कि इधर के वर्षों में हांग च्यो शहर के टैक्सी ड्राइवरों की गुणवत्ता में भारी उन्नति हुई है। ड्राइवर टैक्सी चलाते समय राहगीरों से ही नहीं आम बात करते समय भी भद्दी बातें न कहने की कोशिश करते हैं।

आजकल न केवल चीन में शहरों में, गांवों में भी लोग सभ्य जीवन ढ़ूंढने की कोशिश कर रहे हैं। शा खांग गांव क्वांग च्यो शहर के फेन व्यू क्षेत्र के शा वेन कस्बे का एक छोटा गांव है। यहां के किसान अपने मकानों के आंगनों में घास उगाते हैं और सड़कों के दोनों किनारे नारियल के पेड़। वहां हमने देखा कि कुछ वृद्ध व बच्चे पेड़ों के नीचे आराम से खेल रहे हैं या आराम कर रहे हैं। किसान च्यो री शींग ने बताया कि पहले यहां के किसान पर्यावरण संरक्षण पर ज्यादा ध्यान नहीं देते थे, बत्तखें, मुर्गियां जैसे पालतू पशु तब गांव की हर जगह दिखते थे और लोग मनमाने ढंग से इधर-उधर कचरा डालते थे। पर अब स्थिति बदल गयी है। पालतू पशुओं को विशेष स्थलों में रखा जाता है और हर परिवार कूड़ेदान का इस्तेमाल करता है। श्री चिन ने कहा, इधर जीवन अच्छा हो गया है। लोग और आरामदेह व अच्छा वातावरण चाहते हैं। इसलिए, हर व्यक्ति अच्छी आदतों पर ध्यान दे रहा है।

श्रोताओ, चीन सरकार ने नागरिकों के आचरण की निगरानी के लिए संबंधित कानून व नियम भी बनाये हैं। विभिन्न सरकारों के संबंधित विभाग भी जरूरी कदम उठाकर नागरिकों की सभ्यता को उन्नत करने की कोशिश कर रहे हैं। चीन के अखबार या टी वी जैसे समाचार माध्यम भी अच्छे आचरण का प्रचार-प्रसार करते हैं। प्रबंधन विभाग बुरी आदतों की कड़ी सजा देते हैं। मिसाल के लिए, चीन के हांग च्यो शहर में मनमाने ढंग से थूकने वाले के लिए 150 य्वान की सज़ा तय की गई है।

चीनी जन विश्विद्यालय के दर्शनशास्त्र विभाग की प्रोफेसर ग छन हुंग ने कहा , भौतिक व मानसिक सभ्यता की उन्नति का लोगों के जीने के तरीके पर सीधा असर पड़ता है। इससे लोगों की विचारधारा में परिवर्तन आते हैं। इधर लोग आधुनिक सभ्य जीवन के तरीकों के अनुकूल न होने वाले क्षेत्रों को कदम ब कदम बदलने लगे हैं।

संबंधित विशेषज्ञों का मानना है कि वास्तव में हर देश में कुछ न कुछ बुराइयां होती हैं। इनका विभिन्न देशों की सांस्कृतिक व क्षेत्रीय भिन्नता से घनिष्ठ संबंध होता है। लेकिन, मनुष्य जाति की प्रगति की प्रक्रिया में समाज की प्रगति के अनुकूल कार्यवाई के अनेक मापदंड विकसित हुए हैं, जिन्हें लोग सभ्य आचरण के भीतर मानते हैं। चीनी लोगों के आचरण के तरीके को चीनी अर्थतंत्र के विकास तथा चीनी समाज के आधुनिकीकरण से मेल खाना चाहिए। लोगों का और ऊंचे जीवन स्तर व वातावरण ढूंढ़ने के प्रयास करना जरूरी ही है।