
प्रिय मित्रो , चीन के भ्रमण कार्यक्रम में हम आप को दक्षिण-पश्चिमी चीन के युन्नान-क्वेचाओ पठार पर स्थित जंगली शहर के नाम से प्रसिद्ध क्वेयांग के दौरे पर ले गये थे । आप को मालूम हुआ होगा कि क्वेयांग शहर का मौसम सुहाना ही नहीं है, साल भर सदाबहार रहता है और उसका विभिन्न शैलियों और जातीय रीति-रिवाज वाला स्वादिष्ट स्थानीय भोजन भी बहुत विख्यात है। मजेदार बात यह है कि क्वेयांग शहर में दक्षिण-पश्चिमी चीन के क्वेचाओ प्रांत की राजधानी के रूप में ऊबड़-खाबड़ ढलाने, छोटी-बड़ी बेसिन और घाटियां हर जगह देखने को मिलती हैं। ऐसी विशेष भौगोलिक स्थिति में विशाल वृक्षों ने चार चांद ही लगाये हैं। इसलिये क्वेयांग शहर का जंगली पार्क चीन का प्रथम बड़ा शहरी जंगल पार्क माना जाता है।
इस जंगली पार्क में कदम रखने पर लगता है मानो हम एक अनोखे जंगली शाही राज्य में प्रवेश कर गये हों। यहां हजारों किस्मों की दुर्लभ वनस्पति ऊंचे पर्वतों या ऊबड़-खाबड़ ढलानों पर उगी नजर आती है। यदि आप पैदल चलें तो घने छायादार पेड़ों के बीच झरनों की कल-कल और पक्षियों की चहचहाट की मधुर ध्वनि सुनकर मन खुश हो उठता है। कभी-कभार जंगली खरगोश और सुअर जैसे जानवर भी दौड़ते दिखते हैं।
दिन ढलने लगा तो क्वेयांग की छोटी-बड़ी सभी सड़कें रौनक से भर उठीं। सड़कों के दोनों किनारों पर भीड़ से खचाखच हर रेस्त्रां चहल-पहल से मचलने लगा। दरअसल आहार संस्कृति क्वेयांग के निवासियों के जीवन का एक अभिन्न अंग है। स्थानीय निवासी दिन की व्यस्तता के बाद अवकाश में संबंधियों या मित्रों के साथ रेस्त्राओं में स्वादिष्ट स्थानीय भोजन खाने को एकत्र होते हैं। इसलिये इस शहर के रेस्त्रां देर रात तक खुले रहते हैं, कुछ तो पूरी रात खुले रहते हैं और ग्राहक उनमें आराम से बैठकर मनपसंद खाने का मजा लेते हैं।
पेइचिंग से पहली बार क्वेयांग आने वाले पर्यटक ली थूंग भी इस चहलपहल से बड़े प्रभावित दिखे। उन्होंने कहा कि मैं अभी-अभी आया हूं। क्वेयांग का रात्रि बाजार सचमुच बड़ा रौनकदार है। बाजार में इतने अधिक प्रकार के स्थानीय व्यंजन देख कर बड़ा अच्छा लगता है। मैं ने सुना था कि क्वेयांग के बीफ नूडल बहुत बढ़िया होते हैं और यहां आने के तुरंत बाद एक रेस्ट्रां में खाना खाया तो वे वाकई बड़े स्वादिष्ट व खुशबूदार लगे। हल्का तेज स्वाद यहां के खाने की विशेषता है।
क्वे यांग वासियों का मानना है कि वहां आने वाले हर पर्यटक को अवश्य ही रात्रि बाजार देखना चाहिए व वहां स्थानीय पकवानों का मजा लेना चाहिए, नहीं तो उनका क्वेयांग आना यहां न आने के बराबर होगा। क्वेयांग में बीफ नूडल, चावल के नूडल, भुने हुए झींगे व मुहब्बत का सोया पनीर जैसे सौ से अधिक किस्मों के बड़े नामी परम्परागत व्यंजन मिलते हैं। इन विशेष स्थानीय पकवानों का नाम सुनते ही लोगों के मुंह में पानी आने लगता है।
श्रोता दोस्तो, आपको मालूम ही है कि क्वेयांग शहर हान जाति बहुल क्षेत्र है, पर यहां अन्य 38 अल्पसंख्यक जातियां भी रहती हैं। इसलिये यहां के अलग ढंग के रीति-रिवाज भी पर्यटकों का मन मोहते हैं।
अभी आप ने जोशोखरोश भरी जो आवाज सुनी, वह हम ने क्वेयांग की एक सड़क पर उस समय रिकार्ड की जिस समय अल्पसंख्यक म्याओ जाति के लोग वहां अपना परम्परागत त्यौहार मना रहे थे।
क्वेयांग शहर के केंद्रीय क्षेत्र में फौवारा चौक खड़ा है। यहां रहने वाली अल्पसंख्यक जातियों के लोग अपने परम्परागत त्यौहारों की खुशियां शानदार जातीय पोशाकों में सज-धज कर यहीं इकट्ठे होकर मनाते हैं।
क्वेयांग शहर के उपनगरों में बहुत से अल्पसंख्यक जातीय गांव हैं। इन गांवों में अल्पसंख्यक जातियों के लोग अपनी-अपनी जाति की विशेष पोशाक पहने नजर आते हैं। वे अपनी पुरानी परम्पराएं बरकरार ऱखे हुए हैं। ऐसे गांवों का दौरा पर्यटकों को विशेष अनुभूति देता है।
क्वेयांग शहर के पर्यटन ब्यूरो की अधिकारी सुश्री वांग शंग शंग ने इस की चर्चा में कहा कि आम लोगों के विचार में बुई, म्याओ और थुंग जैसी अल्पसंख्यक जातियां बहुत रहस्यमयी हैं। वे उन की जीवन शैली, परम्परा, संस्कृति, पोशाक यहां तक कि उन के आकार-प्रकार को भी नजदीकी से जानना चाहते हैं। यहां आने के बाद अपने मन के सवालों का इतनी नजदीकी से जवाब पाकर वे संतुष्ट ही होते हैं।
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