• हिन्दी सेवा• चाइना रेडियो इंटरनेशनल
China Radio International Thursday   may 15th   2025  
चीन की खबरें
विश्व समाचार
  आर्थिक समाचार
  संस्कृति
  विज्ञान व तकनीक
  खेल
  समाज

कारोबार-व्यापार

खेल और खिलाडी

चीन की अल्पसंख्यक जाति

विज्ञान, शिक्षा व स्वास्थ्य

सांस्कृतिक जीवन
(GMT+08:00) 2005-12-07 18:19:59    
चीन में भूउष्मा के प्रयोग की तकनीक का विकास

cri

भूउष्मा पृथ्वी का सब से समृद्ध ऊर्जा स्रोत है। इसकी मात्रा कोयले, तेल और नाभिकीय ऊर्जा को एक साथ जुटा कर प्राप्त की जा सकने वाली ऊर्जा की कुल मात्रा से अधिक है। आज की दुनिया यातायात, उद्योग और वातानुकूलन आदि के लिए भारी मात्रा में ऊर्जा का उपभोग करती है। पर प्राकृतिक ऊर्जा की मात्रा सीमित है। इसलिए इधर लोगों का ध्यान पुनरुत्पादनीय सौर ऊर्जा, वायु ऊर्जा और समुद्री लहर पर गया है। भूउष्मा भी ऐसा प्रयोगात्मक ऊर्जा स्रोत है। भूउष्मा से मानव मुफ्त में ऊर्जा का सुविधाजनक और अनंत भंडार तैयार कर सकता है।

चीन की राजधानी पेइचिंग में अनेक सालों से भूउष्मा का इस्तेमाल किया जा रहा है। आम तौर पर लोग भूउष्मा का सर्दियों में घरों को गर्म रखने में प्रयोग करते हैं, पर भूउष्मा मानव को ठंडक भी पहुंचा सकती है। पेइचिंग शहर की ह्वाशा विज्ञान व तकनीक इमारत में इस व्यवस्था का प्रयोग किया गया है, जिससे सर्दियों के दिनों में वह गर्म रहती है और गर्मियों में सर्द।

यह व्यवस्था पेइचिंग की छींगह्वा भूउष्मा विकास कंपनी द्वारा विकसित की गयी है। कंपनी के निदेशक श्री ह्वांग ने कहा कि पृथ्वी की एक खास गहराई का तापमान 15 से 18 डिग्री तक रहता है। इसलिए इससे इमारतों में सर्दियों में गर्मी और गर्मियों में सर्दी लायी जा सकती है। भूउष्मा के प्रयोग के दो प्रमुख तरीके हैं- एक कुंए की गहराई से गर्म पानी को पृथ्वी पर खींच कर लाना और दो जमीन की गहराई में पाई जाने वाली अंग्रेजी के यू आकार की पानी की नली से चक्करों में पानी को जमीन के नीचे खींचना। प्रथम तरीके में कभी-कभी पानी के संसाधन का अभाव का सामना करना पड़ता है, इसलिए आम तौर पर दूसरा तरीका ही अपनाया जाता है।

छींगह्वा भूउष्मा विकास कंपनी के निदेशक श्री ह्वांग ने बताया कि ह्वाशा इमारत में ऐसी ही व्यवस्था का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें तकनीशियन जमीन में सौ से एक सौ बीस मीटर की गहराई में कुएं खोदते हैं। सर्दियों के दिन आने पर इस व्यवस्था के जरिये जमीन के नीचे से गर्मी पैदा की जा सकती है और गर्मियों के दिनों में सर्दी। इधर कुछ वर्षों से पेइचिंग शहर की अनेक बस्तियों में इस व्यवस्था का इस्तेमाल किया जाने लगा है। वे कोयले, तेल और प्राकृतिक गैस के बजाय भूउष्मा से अपनी वातानुकूलन व्यवस्था चला रही हैं।

पेइचिंग की पेइयवान बस्ती शहर के पूर्वी भाग में स्थित है। नौ लाख वर्ग मीटर की इस विशाल बस्ती का एक बड़ा भाग भूउष्मा से चलता है। बस्ती की एक निवासी सुश्री वांग ने बताया कि उन के घरों में कमरों को गर्म या ठंडा रखने की व्यवस्था या वातानुकूलन नहीं है और इसके लिए पूरी तरह भूउष्मा का इस्तेमाल किया जाता है। इस तरह ऊर्जा का बचाव किया जा सकता है और कमरों का क्षेत्रफल भी बढ़ गया है।

पेइचिंग भौगोलिक निरीक्षण अनुसंधानशाला के प्रमुख इंजीनियर श्री रैन का कहना है कि भूउष्मा के प्रयोग से बहुत सी ऊर्जा बचायी जा सकती है। उन्हों ने कहा कि गर्मियों के दिन जब घरों के बाहर तापमान तीस डिग्री से अधिक जा पहुंचता है, तो उन्हें ठंडा रखने के लिए भारी ऊर्जा खर्च करनी पड़ती है। सर्दियों के दिनों में भी इस तरह की स्थिति आती है। पर जमीन की गहराई में तापमान वैसा ही रहता है और किसी भी मौसम में वहां से जरूरी सर्दी या गर्मी पैदा की जा सकती है।

पेइयवान की बस्ती के एक कर्मचारी श्री सुनयैन ने कहा कि भूउष्मा के प्रयोग से न केवल ऊर्जा बचती है, आर्थिक लाभ भी होता है। भूउष्मा के प्रयोग से तेल व प्राकृतिक गैस आदि की भी बचत होती है। इससे ऊर्जा पर बस्ती के निवासियों का खर्च भी कम होने लगा है। पर इससे अधिक महत्वपूर्ण बात यह है कि भूउष्मा के प्रयोग से पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिलता है। तेल व कोयले आदि को जलाने से धुआं पैदा होता है जबकि भूउष्मा के प्रयोग से धुआं, बदबू यहां तक कि शोर भी पैदा नहीं होता है। भूउष्मा प्रदूषणरहित ऊर्जा है, जो अर्थतंत्र के अनवरत विकास के लिए हितकर है। पेइचिंग सरकार की एक योजना के मुताबिक शहर की 1 करोड़ 30 लाख वर्गमीटर में फैली बस्तियों में भूउष्मा के प्रयोग को विकसित किया जाएगा। वर्ष 2006 के जनवरी माह में चीन प्रथम पुनरुत्पादनीय ऊर्जा कानून का प्रकाशन करेगा। इस कानून के तहत पुनरुत्पादनीय ऊर्जा के विकास के लिए सरकार विशेष पूंजी का प्रबंध करेगी। पुनरुत्पादनीय ऊर्जा के मुख्य स्रोत के रूप में भूउष्मा के विकास का भविष्य बहुत उज्ज्वल है।

Post Your Comments

Your Name:

E-mail:

Comments:

© China Radio International.CRI. All Rights Reserved.
16A Shijingshan Road, Beijing, China. 100040