• हिन्दी सेवा• चाइना रेडियो इंटरनेशनल
China Radio International
चीन की खबरें
विश्व समाचार
  आर्थिक समाचार
  संस्कृति
  विज्ञान व तकनीक
  खेल
  समाज

कारोबार-व्यापार

खेल और खिलाडी

चीन की अल्पसंख्यक जाति

विज्ञान, शिक्षा व स्वास्थ्य

सांस्कृतिक जीवन
(GMT+08:00) 2005-12-02 09:29:22    
चीन पाक दोस्ती का शहर काश्गर

cri

सिन्चांग के दक्षिण पश्चिम भाग में स्थित काश्गर शहर चीन के पश्चिमी सीमांत क्षेत्र में पाकिस्तान से निकटस्थ शहर है , जो चीन और पाकिस्तान के बीच परम्परागत दोस्ती जोड़ने वाला पुल के नाम से मशहूर है । यह शहर चीन और पाकिस्तान के बीच सीमांत व्यापार का अहम केन्द्र है । हर साल बड़ी संख्या में पाकिस्तानी व्यापारी सीमा के उस पार से शहर में आ कर चीन के साथ व्यापार करते हैं । जब हम काश्गर आये , हमें गहरा अनुभव हुआ है कि यह एक प्रबल आकर्षक शहर है और चीनी और पाक जनता के बीच की दोस्ती स्थानीय लोगों के दिल में गहरी घर कर गई है। सचे माइने में काश्गर चीनी और पाक जनता का मैत्रीपूर्ण शहर है ।

चीन और पाकिस्तान दोनों घनिष्ठ पड़ोसी देश हैं , दोनों पक्षों में जो परम्परागत दोस्ती कायम है , वह आज से दो हजार साल पुरानी हो गयी है । प्राचीन काल में चीन को मध्य व पश्चिमी एशिया व यूरोप के साथ जोड़ने वाला रेशम मार्ग काश्गर से हो कर आज के पाकिस्तान तक पहुंचता था , फिर वहां से आगे चलकर पश्चिमी एशिया और यूरोप जा पहुंचता था । आज भी काश्गर शहर की सड़कों पर चीन और पाकिस्तान की मैत्रीपूर्ण आवाजाही के ऐतिहासिक अवशेष सुरक्षित दिखाई पड़ते हैं । पिछले दशकों से चीन और पाकिस्तान के बीच सीमांत व्यापार के जोरदार विकास के परिणामस्वरूप इस शहर को समृद्ध और विकसित करने में बड़ी मदद मिली है । काश्गर शहर के बड़े और छोटे बाजारों व दुकानों में पाकिस्तान की कारगरी चीजें , जैसा की कंबल , वस्त्र , आभूषण तथा जेड की चीजें बिकने को मिलती हैं और बहुत सी दुकानों में पाक फिल्मी गीत संगीत बजते सुनाई देते हैं । विशेष रूप से पाक वस्तुएं बेचने वाली दुकानें भी बड़ी शुमार में हैं ।

पिछली शताब्दी के मध्य में चीन और पाकिस्तान के बीच राजनयिक संबंध कायम हुआ , इस के बाद दोनों देशों के बीच व्यापार , खास कर सीमांत व्यापार दोनों देशों के संबंधों के विकास के साथ विभिन्न ऐतिहासिक कालों में खासा विकसित हुए। सिन्चांग वेवूर स्वायत्त प्रदेश के वैदेशिक व्यापार विभाग के उप प्रभारी श्री पाईहा.माते वर्षों से विदेश व्यापार में कार्यरत हैं । इस साल 57 वर्षीय श्री पाईहा . माते ने चीन पाक व्यापार की याद करते हुए कहाः

वर्ष 1968 में पाकिस्तान सरकार और चीन सरकार ने सीमांत व्यापार पर समझौता संपन्न किया था , इसे चीन सरकार बराबर बड़ा महत्व देती रहती है । तत्कालीन चीनी प्रधान मंत्री चाओ एनलाई ने खुद इस काम के बारे में निर्देशन जारी कर उदार नीति लागू करने का प्रबंध किया ।

सिन्चांग और पाकिस्तान के बीच आर्थिक व व्यापारिक संबंधों की मजबूती के साथ साथ दोनों पक्षों के द्विपक्षीय व्यापार के क्षेत्रों और स्तरों में भारी प्रगति आई । वर्ष 1982 में काश्गर में हुङछीलाफु व्यापार पोर्ट औपचारिक रूप से खोला गया , जो चीन पाक व्यापार के लिए एकमात्र थल रास्ते के रूप में अहम भूमिका अदा करने लगा . इस के परिणाम स्वरूप काश्गर शहर से काराखुन्लुन पर्वत पर निर्मिक सड़क से गुजरते हुए सीधे पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद जा पहुंचता है । इस तरह काश्गर शहर चीन और पाकिस्तान के बीच व्यापार का अहम केन्द्र बन गया। दोनों पक्षों के बीच लोगों की आवाजाही लगातार बढ़ती गई है और पाकिस्तानी सीमा से जुड़ा काश्गर शहर पाक व्यापारियों की दूसरी गृह भूमि बन गया।

काश्गर शहर की शेमान सड़क पर चीन पाक दोस्ती नाम का एक दो स्टारों वाला होटल स्थित है, जहां पाक लोग ज्यादा ठहरते हैं । वर्ष 1995 में निर्मित 17 मंजिला इस होटल का वास्तु डिजाइन अलग अनोखा है और आकार में नयापन दिखाई देता है । यह चीन और पाकिस्तान की संयुक्त पूंजी पर बनाया गया पर्यटन निर्माण है , होटल में आधुनिक सुविधाएं हासिल होती हैं , सेवा बढ़िया है और किराया युक्तिसंगत है ।यह होटल चीनी और पाक पर्यटकों और व्यापारियों में अत्यन्त मशहूर है । जब हम होटल गए ,तो वहां हमारी मुलाकात पाकिस्तान के उतरी भाग से आए बहुत से पाक व्यापारियों से हुई । वस्त्र व्यापार में लगे श्री मंजूर अहम्मद और बिद्युत वस्तु व्यापार में लगे श्री सेलमान को चीन और पाकिस्तान के बीच व्यापार करते हुए दस साल हो चुके हैं । हर साल के मई महीने में दोनों देशों के बीच व्यापार पोर्ट और सड़क खोले जाने के बाद वे काश्गर में चीनी माल खरीदने आते हैं , फिर चीनी मालों को पाकिस्तान के विभिन्न बड़े शहरों में बेचने ले जाते हैं । कभी कभी वे सिन्चांग की राजधानी ऊरूमुची और भीतरी चीन के लानचाओ और सीआन आदि शहर भी व्यापार के लिए जाते हैं , आम तौर पर वे साल का आधा समय चीन में गुजारते हैं। चीन में ठहरने के अनुभवों का जिक्र जब छिड़ा , तो दोनों ने अपनी बातचीत बन्द करना नहीं चाहाः

हम हर साल काश्गर आते हैं , यह हमारा दूसरा घर सा बन गया है , शुरूशुरू में भिन्न भाषा होने के कारण स्थानीय चीनी दोस्तों के साथ बातचीत बहुत मुश्किल थी , लेकिन धीरे धीरे हम ने कुछ चीनी भाषा साखी , हान भाषा के साथ वेवूर भाषा भी सीखी। भाषा जानने के बाद चीन में जीवन बिताने तथा व्य़ापार करने के लिए काफी आसान हो गए हैं । यहां के लोग हमें विदेशी नहीं समझते हैं , वे हमें भाई समझते हैं । चीनी वाणिज्य व्यापार प्रबंधन विभागों के अधिकारी भी हमारे व्यापार के अच्छे तरह चलने के लिए हमें तरह तरह की सुविधाएं प्रदान करने की भरसक कोशिश करते हैं । काश्गर में व्यापार के व्यस्त मौसम में कभी कभी रहने के लिए होटल मिलना मुश्किल था , तो हमारी कठिनाइयों को दूर करने के लिए काश्गर के संबंधित विभाग पहल कर हमारे लिए आवास का स्थल ढूंढते हैं । एक बार काश्गर नगर पालिक सरकार के एक चीनी दोस्त को जब मालूम हुआ कि हम रहने की जगह ढूंढ़ रहे हैं , तो उन्हों ने हमें अपने घर में रहने की सुविधा दी ,मैं उन के घर एक हफ्ते तक रहा , उन के परिवारजनों ने मुझे उन के घर में खाने पीने का बंदोबस्त किया और हमारे लिए व्यापार का साझेदार ढूंढा , उन की निस्वार्थ सहायता पर हम बहुत प्रभावित हुए हैं ।

इतिहास में काश्गर और पाकिस्तान , खास कर पाकिस्तान के उत्तरी भाग के घनिष्ठ संबंध कायम रहे है , दोनों देशों के निवासियों में आपसी व्यापार की आवाजाही लम्बी पुरानी बनी रही है , लम्बे अरसे की आवाजाही और संपर्क से दोनों स्थानों का समान धार्मिक विश्वास हो गया , रीतिरिवाज मिलता जुलता हुआ और खून के रिश्ता भी बने । दोनों स्थानों में भाईचारी की दोस्ती स्थापित हुई । काश्गर में जब कभी पाकिस्तान की चर्चा हुई ,तो बड़े छोटे सभी लोग हमें पाकिस्तान के बारे में ढेर सारी जानकारी बता सकते हैं । उन में से बेशुमार लोगों के पाक दोस्त हैं । काश्गर के एक प्राइमरी स्कूल में जब अध्यापक को मालूम हुआ कि हम सी .आर .आई के ऊर्द विभाग से आये और हम पाकिस्तानी श्रोताओं को प्रसारण करने का काम करते हैं , तो उन्हों ने तुरंत कक्षा में बैठे छात्रों से पूछा कि तुम लोगों को पाकिस्तान के बारे में क्या क्या पता है , तो छात्रों ने हाथ उठा उठा कर बोलने की इच्छा व्यक्त की ।

एक लड़का ने कहा कि उस का चाचा पाकिस्तान के साथ व्यापार करता है , उस के चाचा पाकिस्तान से खांसी का इलाज करने वाली जो दवा लाये है , वह मिठ्ठा स्वाद होने के साथ बीमारी के इलाज में बहुत असरदार है । छन हो यु नाम के एक लड़के ने कहा कि उस के दादा पहले पाकिस्तान को माल पहुंचाने वाला ट्रक चलाते थे , और फिर पाकिस्तान से चीन में चीजें ले आते थे , उस समय पाकिस्तान से बड़ी मात्रा में कॉफि आयात किया जाता था ।

बातचीत के अन्त में छात्रों की मांग पर हम ने ऊर्दू में उन्हें यह वाक्य सीखा कि चीन पाक जिन्दाबाद । होशियार बच्चों ने तुरंत ही यह वाक्य सीख लिया.

बच्चों की मासूम आवाज हमारी कानों में देर तक गूंजती रही , उन की आंखों में पड़ोसी देश पाकिस्तान से प्यार करने का भाव प्रतिबिंबित है । काश्गर की सुन्दर भूमि में चीन पाक दोस्ती का वृक्ष गहरी जड़ के साथ लग गया , जो पीढ़ि पर पीढ़ि फलता फुलता रहेगा ।