यहां बता दें कि हाल ही में हमारे संवाददाता को अनेक तिब्बती बंधुओं के साथ बातचीत करने का मौका मिला । उन्हों ने एक स्वर में कहा कि हमें बहुत खुशी हुई कि तिब्बती कुरंग को वर्ष 2008 के पेइचिंग औलम्पियाड के शुभंकर में शामिल किया गया है । उन का कहना है कि ईधर के वर्ष कोशिशों से तिब्बती कुरंग की रक्षा में उपलभ्धियां प्राप्त हुई हैं ।
हमें खुश खबरी मिली कि वर्ष 2008 के पेइचिंग औलम्पियाड के शुभंकर हाल में राजधानी पेइचिंग में उद्घाटित हुए , उन का आकार प्रकार क्रमशः मछली , पांडा , तिब्बती कुरंग , अबाबिल और मशाल का है और उन्हें फूवा यानी खुशहाल गुड़िया कहलाते हैं ।
इन पांच फूवा नामक शुभंकरों को अलग अलग नाम भी दिया गया है । ये शुभंकर प्राप्त तीन सौ से अधिक वैकल्पिक कृतियों से चुने गये हैं , इन शुभंकर के पांच रंग औलम्पियाड के पांच कड़ियों के रंगों के आधार पर तैयार हुए हैं , जो औलम्पियाड के एक दूसरे से जुड़ने का प्रतीक है ।
यहां बता दें कि वर्ष 2008 के पेइचिंग औलम्पियाड के शुभंकर गहरी चीनी विशेषताओं से युक्त हैं और उन का विशेष बौद्धिक संपदा अधिकार है व उन की विशाल बाजार के विकास की बड़ी गुंजाइश भी है ।
यहां बता दें कि तिब्बती कुरंग को पेइचिंग 2008 औलम्पियाड के शुभंकर में शामिल किया गया है इस से हमारे तिब्बती बंधुओं की खुशी का ठिकाना न रहा । यहां बता दें कि हाल ही में हमारी संवाददाता की मुलाकात पेइचिंग में सुश्री छीतानचोखा से हुई । बातचीत में सुश्री छीतानचोखाने बड़ी खुशी के साथ कहा कि हमें सुनना है कि वर्ष 2008 के पेइचिग औलम्पियाड के शुभंकर में तिब्बती कुरंग भी शामिल हुए है यानी तिब्बती कुरंग वर्ष 2008 के पेइचिग औलम्पियाड के 5 शुभंकर में से एक है । यह खबरी सुन कर हमें बहुत बहुत खुशी हुई । तिब्बती कुरंग बहुत शुभ मानते हैं । तिब्बती पठार में तिब्बती कुरंग शुभ का चिन्ह है । सारी दुनिया में तिब्बती कुरंग केवल ही छिनहाइ तिब्बती पठार में रहते आये हैं ।हम तिब्बती कुरंग से प्यार करते हैं ।मेरे घर में तिब्बती कुरंग के सुन्दर चीत्र है । तिब्बती कुरंग बहुत तेज से दौड़ सकते हैं । तिब्बती कुरंग हर घंटे 50 किलोमीटर दौड़ सकते हैं ।बातचीत में सुश्री छीनतानचोखा ने बताया कि तिब्बती कुरंग को वर्ष 2008 के पेइचिंग 2008 औलम्पियाड के शुभंकर में शामिल होने से तिब्बती कुरंग की रक्षा के लिये बहुत अच्छा है ।इधर के कुथ वर्ष चीन सरकार ने तिब्बती कुरंग की रक्षा के लिये एक के बाद एक अनेक कदम उठाये हैं फलस्वरूप तिब्बती कुरंग की रक्षा में उपलब्धियां प्राप्त हुई हैं । मिसाल के लिये तिब्बती कुरंग की संख्या सालदर साल बढ़ने लगी है ।अधिकाधिक लोगों ने तिब्बती कुरंग की रक्षा के काम में शामिल किया है और अन्य बड़ी संख्या में लोग इस काम में भाग ले रहे हैं । हमें विश्वास है कि वर्ष 2005 में जब पेइचिग औलम्पियाड औयोजित होगा तो तिब्बती कुरंग की संख्या आज से ज्यादा होगी । हमारे संवाददाता के साथ बातचीत में सुश्री छीनताचोखा ने कहा कि तिब्बत स्वायत प्रदेश में रेल मार्ग के निर्माण में तिब्बती कुरंग के आने जाने की रक्षा के लिये विशेष रूप से एक के बाद एक 33 मार्ग व सुरंग कायेम किये गये । यहां बता दें कि विश्व की छत पर बसे दुर्लभ जीव तिब्बती कुरंग के रहन सहन में अपनी विशेष आदत है । मिसाल के लिये हर वर्ष के गर्म में तिब्बती कुरंग को अपने बच्चों का जन्म के लिये इधर से उधर जानना पड़ता है ।यहां बता दें कि तिब्बती कुरंग की रक्षा के लिये हाल में एक सुन्दर खखसिली तैयार किया गया और इस फिचर फील्म बहुत लोकप्रिय है । इस फिचर फील्म का नाम है खखसिली । सुश्री छीनतानतोखा के अनुसार तिब्बती भाषा में खखसिली का अर्थ है सुन्दर युवती । इस वर्ष खखसिली नामक फिचर फील्म को राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है । यहां बता दें कि सुश्री छीनतानचोखा ने बड़ी खुशी के साथ आप के लिये एक तिब्बती लोकगीत गाया ।आप का हमारे कार्यक्रम के सुनने पर हार्दिक स्वागत है ।
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