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(GMT+08:00) 2005-12-01 08:48:40    
मिंगय्वे पर्वत का गर्म चश्मा स्वास्थ्य के लिये फायदेमंद है

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प्रिय दोस्तो , जैसा कि आप जानते हैं कि दक्षिण-पूर्वी चीन के च्यांगशी प्रांत स्थित हरे-भरे मिंगय्वे पर्वत का घना आदिम जंगल और स्वच्छ पानी बहुत चर्चित है और पर्वत के गर्म चश्मे ने सैकड़ों वर्षों से अपना विशेष स्थान बनाये रखा है। तो आज आइये चलें मिंगय्वे पर्वत के गर्म चश्मा देखने ।

पहले हमें मिंगय्वे पर्वत के बारे में यह जानकारी प्राप्त हुई है कि यह पर्वत दक्षिण-पूर्वी चीन के च्यांगशी प्रांत के ईछुन शहर के उपनगरीय भाग में स्थित है। यह पर्वत समुद्र की सतह से हजार मीटर की ऊंचाई पर स्थित है , इसकी 12 गगनचुम्बी चोटियां हैं। दूर से देखने पर उस की प्रमुख चोटी अर्धगोलाकार चंद्रमा जैसी जान पड़ती है। इसलिये स्थानीय निवासी उसे मिंगय्वेशान यानी चमकदार चंद्रपर्वत पुकारते हैं। इस पर्वतीय क्षेत्र का 130 वर्गकिलोमीटर क्षेत्रफल वाला विशाल राष्ट्रीय स्तर का वन पार्क भी कम मनमोहक नहीं है। इसलिये कोई भी पर्यटक इस पर्वत आने के बाद केबलकार पर सवार होकर पर्वत की चोटी पर पहुंचने से नहीं चूकता , क्योंकि पर्यटक मिंगय्वे पर्वत की चोटी पर पहुंच कर समुद्र की सतह से हजार मीटर ऊंचे स्थान के अनुपम प्राकृतिक सौंदर्य का मन भरकर आनन्द लेते हैं और फिर पैदल नीचे उतरने का विकल्प चुनते हैं, पर्वत से पैदल उतरते हुए वे अजीबोगरीब खड़ी चट्टानें, घने जंगल और शानदार झरने देख सकते हैं। यदि आप वसंत या गर्मियों में टेढ़े-मेढे पहाड़ी रास्ते पर चलें, तो हल्की हवा के मुलायम झोंके से विशेष शीतलता महसूस करेंगे। रास्ते में आपको बेशुमार रंग-बिरंगे जंगली फूल खिलते दिखाई देंगे तथा झरनों की कलकल और चीड़ियों की चहचहाट सुनाई देगी।

मिंगय्वे पर्वतीय क्षेत्र के बहुत से प्राकृतिक पर्यटन क्षेत्र देखने लायक हैं। कुछ के बारे में बेहद दिलचस्प किम्वदंतियां भी प्रचलित हैं। यहां का बादलों में उड़ता झरना नामक चश्मा बहुत चर्चित है।

इस झरने की ऊपर से नीचे तक की दूरी 110 मीटर है। झरने को नीचे से ऊपर की ओर देखें तो तीन-चार चौड़े झरने सफेद ड्रैगन की तरह गरजते हुए तेजी से पहाड़ की तलहटी की ओर बहते दिखते हैं। स्वच्छ पानी सीधी चट्टानों से टकराता हुआ बेशुमार चमकदार मोतियां छिड़कता लगता है। कहा जाता है कि बहुत पहले मिंगय्वे पर्वत के पास जल व अग्नि नामक दो ड्रैगन रहते थे। जल ड्रैगन स्थानीय लोगों को तंग करने के लिए जानबूझकर जरूरत से ज्यादा पानी बरसाता था, जिस से बाढ़ आती थी व भूस्खलन होते थे, जबकि अग्नि ड्रेगन आग की लपटों से फसलें बरबाद करता था। इसके चलते स्थानीय लोगों का जीवन बहुत दूभर था। एक दिन जब स्वर्ग के देवता ने सुना कि इन दोनों ड्रैगनों ने अपनी मनमानी से लोगों को परेशान कर रखा है, तो उस ने इन दोनों क्रूर ड्रैगनों को नष्ट करने की ठान ली। दोनों पक्षों के बीच लगातार 81 दिन तक भीषण लड़ाई हुई पर अंत में स्वर्ग के देवता ने दोनों ड्रैगनों पर काबू पा लिया। देवता ने जल ड्रैगन को सजा देने के लिए बादलों में बंद कर दिया और उसे स्थानीय लोगों की जरूरत के अनुसार उचित मात्रा में पानी बरसने का आदेश दिया और धीरे-धीरे इस पानी ने बादलों में उड़ते झरने का रूप धारण किया। देवता ने अग्नि ड्रैगन को सजा देने के लिए बर्फीली जमीन के नीचे दबा दिया। पर बर्फ इस ड्रैगन की गरमी से धीरे-धीरे पिघलकर बाहर निकली और गर्म चश्मा बन गयी।

यह गर्म चश्मा मिंगय्वे पर्वत की तलहटी में स्थित उन थांग कस्बे में है। गर्म चश्मा स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत कर्मचारी श्री ल्यू व्ई ने बताया कि यह गर्म चश्मा स्वास्थ्य रक्षा में आसाधारण भूमिका निभाता है। इसीलिये पिछले 800 वर्षों से स्थानीय निवासियों के बीच स्वास्थ्य रक्षा के लिए इस चश्मे के पानी से नहाने की परम्परा बरकरार है।

श्री ल्यू व्ई ने कहा, वन थांग का गर्म चश्मा जमीन के नीचे चार सौ मीटर की गहराई में जड़ जमाये बैठी ज्वलंत चट्टानों की दरारों से निकल कर बाहर आता है। उस के पानी का तापमान साल भर 68 से 72 सेल्सियस डिग्री रहता है। उस का पानी बहुत स्वच्छ व पारदर्शी होता है और उसमें कोई गंध भी नहीं है। पानी में निहित खनिज पदार्थ लोगों को स्वस्थ बनाये रखने और कैंसर जैसे रोगों की रोकथाम में बहुत फायदेमंद हैं।

स्थानीय निवासियों के अनुसार वनथांग क्षेत्र में कैंसर रोगी बहुत कम देखने को मिलते है। स्थानीय निवासियों की औसत आयु भी दूसरे क्षेत्रों के लोगों से पांच से दस साल अधिक है। इधर पर्यटन कार्य के तेज विकास के चलते अधिकाधिक पर्यटक स्वास्थ्य रक्षा के लिए इस गर्म चश्मे के पानी से नहाने आने लगे हैं।

ईछुन क्षेत्र के निवासी न केवल इस चश्मे पर गर्व महसूस करते हैं और मिंगय्वे पर्वत के प्राकृतिक सौंदर्य का उल्लेख करना कभी नहीं भूलते। वहां रहने वाली सुश्री च्यांग वन फूंग के साथ बातचीत शुरू हुई तो उन्होंने बिना किसी संकोच के कहा कि मुझे लगता है कि मिंगय्वे पर्वत बहुत सुंदर है, सब से सुंदर है। जवान हो या बूढ़ा, हम सब का यहां आने के लिए हार्दिक स्वागत करते हैं। हमें विश्वास है कि उन्हें यहां का दिलकश प्राकृतिक नजारा अवश्य बड़ा मजा देगा।

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