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(GMT+08:00) 2005-11-30 15:04:23    
चीन और अमेरिका के बीच शिक्षा सहयोग का निरंतर विकास

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चीन और अमेरिका विश्व में सब से बड़ा विकासमान देश और विकसित देश हैं । दोनों देशों के बीच शिक्षा समेत अनेक क्षेत्रों में सहयोग का सुभीते से विकास किया जा रहा है । आठ साल पहले चीन के मशहूर विश्वविद्यालय छींगह्वा विश्वविद्यालय तथा अमेरिका के मशहूर हावर विश्वविद्यालय ने सहयोग कर छींगह्वा विश्वविद्यालय में एक चीनी भाषा प्रशिक्षण केंद्र रखा । केंद्र में एक दो छात्रों को एक चीनी अध्यापक के माध्यम से कुछ अमेरिकियों को चीनी भाषा प्रशिक्षण किया जाता था । चीन के छींगह्वा विश्वविद्यालय के विदेशी चीनी भाषा प्रशिक्षण केंद्र के प्रोफेसर तींगशा ने कहा , छींगह्वा विश्वविद्यालय में चीनी भाषा प्रशिक्षण केंद्र रखा जाने से चीन और अमेरिका के बीच संबंधों के सुधार का प्रतीक हुआ । कुछ साल पूर्व हमारे यहां जो चीनी भाषा सीखने आये थे , वे आम तौर पर कूटनैतिक , विद्वान और खासकर चीन का अनुसंधान करने वाले थे । आजकल इस केंद्र में चीनी भाषा सीखने वालों में विद्वान , मशहूर कंपनियों के कार्यक्रता तथा संवाददाता आदि सब शामिल हैं । केंद्र में प्रति क्लास तीन माह चलता है , जिस में चालीस पचास छात्र शामिल होते हैं । भाषा प्रशिक्षण चीन अमेरिका शिक्षा सहयोग का महत्वपूर्ण भाग है । पता चला है कि चीन हर वर्ष अमेरिका को बीस तीस चीनी भाषा अध्यापक भेजता है । चीन और अमेरिका के शिक्षा विभागों ने इंटरनेट के जरिये चीनी भाषा व अंग्रेजी बहुमिडिया सामग्री तैयार की , जिससे दोनों देशों के प्राइमरी व मिडिल स्कूलों के छात्रों को सुविधा मिल सकती है । साथ ही चीन के अनेक उच्च शिक्षालयों ने अमेरिका के कालेज़ों के साथ संयुक्त रूप से वैज्ञानिक अनुसंधान करने तथा शिक्षा मुद्दे चलाने के संबंध कायम किये हैं । चीनी जन विश्वविद्यालय ने अमेरिका के गोलंबिया विश्वविद्यालय के साथ आर्थिक व वित्तीय प्रबंध मुद्दा सुरक्षित किया ।चीन के छात्र इन दो विश्वविद्यालयों में अलग अलग तौर पर एक साल के लिए पढ़ सकते हैं और दोनों विश्वविद्यालयों से डिग्री प्राप्त कर सकते हैं । चीनी छात्रों का कहना है कि अमेरिका का आर्थिक विकास स्तर तथा इस का अनुसंधान स्तर दोनों विश्व के चोटी वाले स्तर पर रहता है । इसलिए चीनी कालेजों में ही अमेरिका के साथ किये गये शिक्षा सहयोग मुद्दों में शामिल करने का उल्लेखनीय फायदा है । बहुत से चीनी छात्र अमेरिका में पढ़ने जाना चाहते हैं और अमेरिका चीनी छात्रों के अध्ययन करने का प्रथम गंतव्य होता रहा है । अमेरिकी अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा सोसाइटी द्वारा प्रकाशित एक वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2004-2005 में कुल साठ हजार से अधिक चीनी छात्र अमेरिका में पढ़ते हैं । इस के साथ साथ चीन में चीनी भाषा , चीनी संस्कृति , सामाजिक विज्ञान तथा चीनी कला सीखने के लिए अमेरिकी व्यक्तियों की संख्या भी निरंतर बढ़ती जा रही है । उन में बहुत से छात्रों को चीनी परंपरागत चिकित्सा पद्धति के प्रति काफी रुचि है । अब चीन में लगभग चार हजार अमेरिकी छात्र विभिन्न उपाधियों में पढ़ते रहे हैं । चीनी शिक्षा मंत्रालय के अंतर्राष्ट्रीय सहयोग व आदान प्रदान ब्यूरो के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि चीन अमेरिकी छात्रों के आने का स्वागत करता है । उन्हों ने कहा कि छात्रों का आदान प्रदान डबल होना चाहिये । अब चीन में पढ़ने वाले अमेरिकी छात्रों की संख्या कम है , आशा है कि अधिकाधिक अमेरिकी छात्र चीन आएंगे । अमेरिकी छात्रों को सुविधा प्रदान करने के लिए चीनी विदेश ने अमेरिका के चीन स्थित दूतावास के साथ एक दूसरे के छात्रों के लिए बहुबार वीज़ा पेश करने का समझौता संपन्न किया । शिक्षा के सहयोग के मुद्दों में अमेरिका ने अनेक वर्षों के लिए चीनी शिक्षालयों में स्वयंसेवक भेजे हैं । नीचे पढ़ पाते हैं चीन और विदेशों के बीच जारी शिक्षा सहयोग संबंधी जानकारी । वर्ष उन्नीस सौ अस्सी से चीन में खुलेपन की नीति लागू होने के बाद जहां हजारों लाखों चीनी छात्र विदेशों में पढ़ने गये । वहीं कुछ विदेशी कालेजों ने भी चीन के साथ शिक्षा सहयोग की शुरूआत की , और कुछ विदेशी अध्यापकों ने भी चीन में अध्यापन करना शुरू किया । चीनी राज्य परिषद की शिक्षा उपाधि मान्यता समिति के पदाधिकारी श्री शू पोल्यांग मानते हैं कि चीन और विदेशों के बीच शिक्षा सहयोग , देश के शिक्षा कार्य के विकास के लिये खासा लाभदायक है । और कहते हैं कि इसलिये चीन सरकार इस का समर्थन करती है । उन्हों ने कहा कि चीन सरकार, विदेशी शिक्षा संसाधनों तथा उन्नतिशील प्रबंध उपायों के आयात की पक्षधर है , क्योंकि इस से देश को आर्थिक निर्माण तथा सामाजिक विकास के लिये आवश्यक प्रतिभाओं के प्रशिक्षण में मदद मिली है । वे कहते हैं , चीन की आशा है कि उस के कालेज, सहयोग के जरिये विदेशी कालेजों से उन्नतिशील शिक्षण तकनीक तथा प्रबंध अनुभव सीखेंगे , और इस से चीनी अध्यापकों का स्तर भी उन्नत हो सकेगा । इस दौरान चीनी छात्र भी विदेशी कालेजों की उन्नत वैज्ञानिक व तकनीकी जानकारियां हासिल कर पाएंगे । इधर के सालों में चीनी-विदेशी शिक्षा सहयोग का तेजी से विकास हुआ है । चीनी शिक्षा मंत्रालय के चीन विदेश आदान प्रदान विभाग के पदाधिकारी श्री न्ये रेलीन ने कहा कि विश्व व्यापार संगठन में चीन के प्रवेश के बाद चीन व विदेशों के बीच शिक्षा सहयोग बड़ी तेजी से विकसित हो रहा है । आंकड़ों के अनुसार गत वर्ष के अन्त तक चीन व विदेशों के बीच कुल सात सौ सहयोग योजनाएं लागू हुई हैं । इन विदेशों में अमेरिका , ओस्ट्रेलिया , कनाडा , सिंगापुर , ब्रिटेन , फ्रांस और जर्मनी आदि विकसित देश शामिल हुए । और सहयोग के मुद्दों में मुख्य तौर पर वाणिज्य प्रबंध , भाषा , आर्थिक सूचना , कला आदि विषयों की उपाधियां शामिल हैं । इधर के वर्षों में पूर्वी चीन के पेइचिंग , शांघाई और शानतुंग जैसे स्थानों के अलावा पश्चिमी चीन की शिआन व छंगतु आदि जगहों के कालेजों ने भी विदेशों के साथ सहयोग करना शुरू कर दिया है । पेइजिंग कृषि विश्वविद्यालय ने वर्ष उन्नीस सौ चौरानवे में ही अमेरिका व ब्रिटेन के कालेजों की मदद से पशुपालन व अंतर्राष्टीय अर्थ-शास्त्र समेत अनेक उपाधियां खोल दी थीं । कृषि विश्वविद्यालय के उप कुलपत्ति श्री फू जेथिएन ने कहा कि विदेशी कालेजों के साथ सहयोग से विश्व की सब से उन्नतिशील जानकारियां हासिल हुईं , इस से हमारा विश्वविद्यालय नयी शताब्दी की जरूरत के लिये और अधिक उपयोगी बना है । चीन सरकार द्वारा कुछ समय पहले प्रकाशित चीनी विदेशी शिक्षा सहयोग नियम ने विदेशी कालेजों के चीन से शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग का समर्थन किया है । पर यह सहयोग आम तौर पर व्यावसायिक व उच्च स्तरीय शिक्षा के दायरे तक में ही सीमित रखा गया है । प्राइमरी व मिडिल स्कूल तथा सेना , पुलिस तथा राजनीति आदि से संबंधित चीनी स्कूलों में ऐसा सहयोग नहीं हो जाएगा ।