
यह पर्वत समुद्र की सतह से हजार मीटर की ऊंचाई पर स्थित है , इसकी 12 गगनचुम्बी चोटियां हैं। दूर से देखने पर उस की प्रमुख चोटी अर्धगोलाकार चंद्रमा जैसी जान पड़ती है। इसलिये स्थानीय निवासी उसे मिंगय्वेशान यानी चमकदार चंद्रपर्वत पुकारते हैं। इस पर्वतीय क्षेत्र का 130 वर्गकिलोमीटर क्षेत्रफल वाला विशाल राष्ट्रीय स्तर का वन पार्क भी कम मनमोहक नहीं है। जब कभी कोई पर्यटक मिंगय्वे पर्वत के दौरे पर आता है, एक विशेष केबलकार पर सवार होकर पर्वत की चोटी पर पहुंचने का मजा लेता है। 
प्रिय दोस्तो , इससे पहले हम इस कार्यक्रम में चीन के सीमावर्ती हेलुंगच्यांग प्रांत व सिनच्यांग वेवुर स्वायत्त प्रदेश के दौरे पर हो आये हैं। आज के इस कार्यक्रम में हम आप को दक्षिण-पूर्वी चीन के च्यांगशी प्रांत स्थित मिंगय्वे पर्वत के दौरे पर ले चलते हैं। इस हरे-भरे पर्वत का घना आदिम जंगल और स्वच्छ पानी बहुत चर्चित है और पर्वत के गर्म चश्मे ने सैकड़ों वर्षों से अपना विशेष स्थान बनाये रखा है। तो आइये चलें पकड़ें मिंगय्वे पर्वत की राह।
मिंगय्वे पर्वत दक्षिण-पूर्वी चीन के च्यांगशी प्रांत के ईछुन शहर के उपनगरीय भाग में स्थित है। यह पर्वत समुद्र की सतह से हजार मीटर की ऊंचाई पर स्थित है , इसकी 12 गगनचुम्बी चोटियां हैं। दूर से देखने पर उस की प्रमुख चोटी अर्धगोलाकार चंद्रमा जैसी जान पड़ती है। इसलिये स्थानीय निवासी उसे मिंगय्वेशान यानी चमकदार चंद्रपर्वत पुकारते हैं। इस पर्वतीय क्षेत्र का 130 वर्गकिलोमीटर क्षेत्रफल वाला विशाल राष्ट्रीय स्तर का वन पार्क भी कम मनमोहक नहीं है।
जब कभी कोई पर्यटक मिंगय्वे पर्वत के दौरे पर आता है, एक विशेष केबलकार पर सवार होकर पर्वत की चोटी पर पहुंचने का मजा लेता है। नीचे से ऊपर तक पहुंचने में कोई चालीस मिनट लगते हैं। केबलकार से चारों तरफ नजर दौड़ाने पर आप को हर तरफ हल्का कोहरा चलता दिखता है और लगता है जैसे आप किसी काल्पनिक दुनिया में प्रविष्ट हो गये हों। नीचे गहरी पहाड़ी घाटियां और ऊपर हरी-भरी ऊंची चोटियां सब की सब हल्के कोहरे में धुंधला जाती हैं। ऐसा अनोखा प्राकृतिक दृश्य पर्यटकों को एक रहस्यमयी व शांत स्थिति का आभास देता है। जब केबलकार धीरे-धीरे ऊपर पहुंचती है, तो हरे-भरे ऊंचे मिंगय्वे पर्वत की खूबसूरती सामने आती है।
पर्यटक मिंगय्वे पर्वत की चोटी पर पहुंच कर समुद्र की सतह से हजार मीटर ऊंचे स्थान के अनुपम प्राकृतिक सौंदर्य का मन भरकर आनन्द लेते हैं और फिर पैदल नीचे उतरने का विकल्प चुनते हैं, क्योंकि पर्वत से पैदल उतरते हुए वे अजीबोगरीब खड़ी चट्टानें, घने जंगल और शानदार झरने देख सकते हैं। यदि आप वसंत या गर्मियों में टेढ़े-मेढे पहाड़ी रास्ते पर चलें, तो हल्की हवा के मुलायम झोंके से विशेष शीतलता महसूस करेंगे। रास्ते में आपको बेशुमार रंग-बिरंगे जंगली फूल खिलते दिखाई देंगे तथा झरनों की कलकल और चीड़ियों की चहचहाट सुनाई देगी। प्रकृति का यह असाधारण कारनामा देखकर आप का मन खुश होगा ही।
हम इस रास्ते के ऐसे रमणीक प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेने में मस्त थे कि पूर्वी चीन के शांनतुंग प्रांत से आयी पर्यटक सुश्री सथिंगथिंग से मुलाकात हुई। उन्होंने कहा, यहां का प्राकृतिक सौंदर्य वास्तव में बहुत मनोहर है।
वे बोलीं, मैं यहां पहली बार आयी हूं। यहां का प्राकृतिक दृश्य अत्यंत आकर्षक है। मुझे यह देख कर बहुत आश्चर्य हुआ कि मिंगय्वे पर्वतीय क्षेत्र में जितने भी घने आदिम जंगल हैं, उनको जरा भी क्षति नहीं पहुंची है। उन का संरक्षण बहुत प्रशंसनीय है। फिर यहां कोई भी कथित सांस्कृतिक धूम भी नहीं दिखती। बहुत स्वाभाविक और आरामदेह है यह जगह।
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