तत्कालीन भारत (आज का भारत, पाकिस्तान और बंगलादेश) थाङकालीन चीन में सिंधु देश के नाम से प्रसिद्ध था। वहां से बौद्ध धर्म और स्थापत्य का प्रवेश चीन में बहुत पहले ही हो चुका था। 641 में उस देश ने अपना एक सद्भावना प्रतिनिधिमण्डल चीन भेचा, बदले में थाङ राजवंश का एक प्रतिनिधिमण्डल भी वहां गया।
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