चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ल्यु च्येन छाओ ने 22 तारीख को पेइचिंग में एक संवाददाता सम्मेलन में दोहराया कि जापान को यासुकूनि मंदिर के सवाल की गंभीरता व संवेदनशीलता की ठोस जानकारी रखनी चाहिए और जिम्मेदार रवैया अपना कर इस का निपटारा करना चाहिए। यही जापान का एशियाई पड़ोसी देशों के संबंध सुधारने और भविष्य के विकास का एकमात्र सही रास्ता है ।
जापानी विदेशमंत्री आसो तारो ने हाल में कहा था कि यासुकूनि मंदिर के युशुकान संग्रहालय में युद्ध को महिमामंडित करने के बजाए तत्कालीन युद्ध की वास्तविक स्थिति प्रतिबिंबित की गयी है।
श्री ल्यू च्येन छाओ ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा कि चीन को जापानी विदेशमंत्री की इस बयान से आश्चर्य ही हुआ। यासुकूनि मंदिर इतिहास को तोड़-मरोड़ कर जापानी सैन्यवादियों के आक्रमणकारी युद्ध को महिमामंडित करता है जो युशुकान संग्रहालय और यासुकूनि के कथित दृष्टिकोण का मूल है। यह सर्वमान्य बात है। जापान के इस वस्तुस्थिति को नकारने से जाहिर होता है कि जापान में अपने आक्रमणकारी युद्ध के इतिहास से सही वर्ताव करने का साहस नहीं है।
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