
वर्ष 2004 के जून माह में श्री श्यू श्याओ जू तिब्बत की सहायता करने के लिए चौथे खेप के एक सदस्य के रूप में तिब्बत आए, और वे दक्षिण पूर्वी तिब्बत में स्थित मो थ्वो कांउटी के उप जिलाध्यक्ष नियुक्त किए गए ।
मो थ्वो कांउटी में काम करने के दौरान श्री श्यू श्याओ जू ने अपने साथियों के साथ मिल कर चार महीनों से ज्यादा समय लगा कर गांव गांव जाकर निरीक्षण दौरा किया । उन्होंने पाया कि यहां का प्रटूर प्राकृतिक संसाधन मिलता है । उन्होंने कहा कि मो थ्वो कांउटी में धान, मक्के, जौ, मूंगफूली, सरसों और मसरूम आदि नकदी फसलों के अलावा विविध किस्मों की मुल्यवान जड़ी-बुटियां भी प्राप्त होती है । इस के अलावा, यहां की प्राकृतिक झील बहुत सुन्दर है, दुर्लभ हिमनदी और आदि जंगल के सहारे पर्यटन उद्योग का विकास करने की अच्छी निहित शक्ति है । मो थ्वो की इन प्राकृतिक श्रेष्ठता को देख कर श्यू शायो जू ने फैसला लिया कि वे मो थ्वो के विकास के लिए अवश्य ज्यादा लाभदायक काम करेंगे । इस लिए उन्होंने विशेष तौर पर तिब्बत की राजधानी ल्हासा जाकर तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की सरकार के अध्यक्ष श्यांग बा फिंग त्सो से भेंट की और स्वायत्त प्रदेश के सर्वोच्च नेता को मोथ्वो में खींचे गए सुन्दर प्राकृतिक दृश्यों के फोटो दिखाए । उन्होंने तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की विभिन्न स्तरीय सरकारों के सामने मो थ्वो वासियों के लिए पक्की सड़कों का निर्माण करने का सुझाव पेश किया । श्री श्यू श्या जू ने कहा
"मो थ्वो का प्राकृतिक दृश्य बहुत सुन्दर ही नहीं, प्रटूर प्राकृतिक संसाधन भी मिलता है । यालुंगजांगबू नदी का मुख्य भाग इस कांउटी में बहता गुजरता है । यहां पैदल से यात्रा करने वाले पर्यटकों का पसंदीदा स्थल है, यहां का मौसम और जलवायु बहुत सुहावना होता है , जो दक्षिण चीन के हाई नान प्रांत के बराबर है । आड़ू, संतरा और केला आदि फल हर जगह मिलते हैं । मेरा विचार है कि अगर मो थ्वो से बाहर जाने का रास्ता खुलेगा, तो यह कांउटी तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में पर्यटन का हॉट स्थल बनेगी ही नहीं, साथ ही तिब्बत के अनाज का भंडार भी बन जाएगा ।"
मो थ्वो कांउटी के विभिन्न सत्रों के नेताओं की अथक कोशिशों विशेष कर श्यू श्याओ जू के निरंतर प्रयास के बाद तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की सरकार ने हाल में तय किया कि इस वर्ष में तीन करोड़ 20 लाख य्वान की पूंजी लगाकर मो थ्वो कांउटी में विभिन्न कस्बों व टाउनशिपों के बीच सड़क नहीं उपलब्ध होने के सवाल का समाधान किया जाएगा ।
मो थ्वो कांउटी में काम करने के दौरान श्री श्यू श्याओ जू अकसर स्थानीय स्कूलों का निरीक्षण दौरा भी करते हैं । एक बार कांउटी के बेइ बङ कस्बे के प्राइमरी स्कूल का नीरिक्षण दौरा करने के दौरान उन्होंने देखा कि इस प्राइमरी स्कूल की भौतिक स्थिति अच्छी नहीं है । क्लासरूम में मेज़ कुर्सी खराब हो गई और बिजली की लाइट नहीं है । विद्यार्थियों को क्लासरूम में रखे हुए ब्लैकबोर्ड पर लिखे हुए अक्षर साफ साफ दिखाई नहीं देते है । ऐसी स्थिति पर दुखी हुए 37 वर्षीय जिलाध्यक्ष श्यू श्याओ जू की आंखों में आंसू भर आयी । उन्होंने भावविभोर होकर कहाः
"इस स्कूल के अध्यापक अध्यापिका बहुत मेहनत से काम करते हैं । मैं ने उन में से एक से पूछा था कि यहां की स्थिति बहुत कठिन है , आप विश्वविद्यालय से स्नातक हैं , आप ने क्यों यहां आने का फैसला लिया ?अध्यापक ने जवाब में कहा कि जब मैं ने यहां आने के बाद छात्रों की हालत देखी , तो मैं फिर चले जाने में असमर्थ हुआ , और मैं ने यहां रह कर उन्हें पढ़ाने का फैसला लिया । इस स्कूल अध्यापक की बातों से मैं बहुत प्रभावित हुआ, मेरे पास कुछ भी कहने के शब्द नहीं रह गए। "
इस के बाद श्री श्यू श्याओ जू ने घर वालों से मिलने जाने का मौका पकड़ कर भीतरी इलाके के क्वांग तुंग प्रांत, हांगकांग व मकाओ विशेष प्रशासनिक क्षेत्रों में जा कर मो थ्वो के शिक्षा कार्य के लिए चुंदा जुटाने की हर संभव कोशिश की । उन्होंने मुझे बताया कि अब तक मो थ्वो कांउटी की सरकार ने दो करोड़ 70 लाख य्वान का प्रयोग कर कांउटी में प्रथम मिडिल स्कूल की स्थापना की, इस के अलावा, कांउटी की सरकार ने विभिन्न कस्बों के प्राइमरी स्कूलों की बुनियादी सुविधाओं को सुधारने के लिए विशेष अनुदान किया । श्यू श्याओ जू का कहना हैः
"मेरा विचार है कि हमें किसी भी प्रकार का खर्च नहीं करने पर भी बच्चों के लिए खर्च करना चाहिए । तिब्बत में शिक्षा का जोरदार विकास किया जाना चाहिए । यहां के बच्चे शिक्षा पाने के बाद अपनी जन्मभूमि का अच्छी तरह निर्माण कर सकते हैं । मुझे विश्वास है कि निकट भविष्य में मो थ्वो की गरीबी निश्चय ही दूर की जाएगी ।"
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