थाङ राजवंशकाल में आर्थिक समृद्धि, सांस्कृतिक प्रगति और आवागमनसुविधाओं में वृद्धि से तत्कालीन चीन और अन्य एशियाई देशों के बीच आर्थिक व सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढावा मिला। थाङ राजवंश की राजधानी छाङआन में न केवल विभिन्न देशों के राजदूत बल्कि विदेशी व्यापारी, विद्यार्थी ,भिक्षु, विद्वान, कलाकार और अफसर भी रहा करते थे।
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