ललित कलाओं ने भी इस काल में बहुत उन्नति की। अनेक ऐसे कलाकारों का उदय हुआ जिन्होंने मानव-आकृतियों, भूदृश्यों, पुष्पों और पशु-पक्षियों के चित्रांकन में ख्याति प्राप्त की और चित्रकला को समृद्ध किया। येन लीपन और ऊ ताओचि ने अपनी कूची का प्रयोग विशेष रूप से मानव-आकृतियों के चित्रांकन के लिए किया।
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