आज के इस कार्यक्रम में हम आजमगढ़, उत्तर प्रदेश के मसूद अहमद आजमी,कोआथ रोहतास, बिहार के कुमार रेडियो श्रोता संघ के मनोज कुमार गुप्ता, राजेश कुमार गुप्ता,खरियार रोड, उड़ीसा के चीन मैत्री क्लब के अध्यक्ष श्री हेम सागर नाएक के पत्र शामिल कर रहे हैं।
पहले आजमगढ़, उत्तर प्रदेश के मसूद अहमद आजमी का पत्र देखें। उन्होंने पूछा है कि चीन के फिल्म स्टूडियो किस प्रांत में स्थापित हैं और किस नाम से जाने जाते हैं।
दोस्तो, सिनेमा का आविष्कार 19 वीं शताब्दी के अंत में हुआ। वर्ष 1889 में विश्वविख्यात वैज्ञानिक थोमस अल्वा एडिसन ने अमेरिका में फिल्म मशीन तैयार की। 1895 में सिनेमा का आरम्भ हुआ। इस साल 28 दिसंबर को फ्रांस के लुमिएर भाइयों ने पेरिस में सिनेमा के अनेक शो किए। इस दिन को सिनेमा का आरम्भ बताया जाता है।
वर्ष 1896 के शुरू में लुमिएर कम्पनी के 20 से अधिक कर्मचारी सिनेमा का प्रसार करने जापान, चीन और भारत गए। 11 अगस्त को चीन के शांहाई में सिनेमा का पहला शो दिखाया गया। चीन में यह सिनेमा का आरम्भ था।
इस के बाद चीन में सिनेमा का प्रसार तेज गति से हुआ। 20 वीं शताब्दी के शुरू में चीन के हर प्रांत की राजधानी व अनेक सीमावर्ती इलाकों में सिनेमा प्रचलित हो चुका था।
नवंबर 1905 में राजधानी पेइचिंग के फंगथाई नामक फोटोग्राफी स्टूडियो के श्री रन चिंग-फंग ने अपने स्टूडियो के आंगन में चीन की प्रथम फीचर फिल्म पेइचिंग ऑपेरा तिंगच्वीनशान की शूटिंग की। सिनेमाघर में इस फिल्म का शो सफल रहा। चीन में यह फीचर फिल्म की शुरूआत थी। 20वीं शताब्दी के 60 वाले दशक में चीन में फीचर फिल्म उद्योग का बड़ा विकास हुआ। 1926 में अमेरिका की वर्नर ब्रोस ने विश्व की प्रथम सवाक फिल्म की शूटिंग की। इस के 5 साल बाद यानी 1931 में चीन की प्रथम सवाक फिल्म की शूटिंग की गई।
नए चीन की स्थापना के बाद चीन में फिल्म उद्योग का बड़ा विकास हुआ। उस वक्त चीन में पेइचिंग, पा-ई, छांगछुन, शांहाई, चूच्यांग, श्याओश्यांग, शीआन, अमेई और क्वांगशी 9 फिल्म स्टूडियो की स्थापना की गई। वे अलग-अलग तौर पर राजधानी पेइचिंग, उत्तर- पूर्वी चीन के चीलीन प्रांत की राजधानी छांगछुन, शांहाई, क्वांगतुंग प्रांत की राजधानी क्वांगचओ, हूनान प्रांत की राजधानी छांगशा, शेनशी प्रांत की राजधानी शीआन, सछ्वान प्रांत की राजधानी छंगतू, और क्वांगशी च्वांग स्वायत्त प्रदेश की राजधानी नाननिंग में स्थित हैं। 20 वीं शताब्दी के 70 वाले दशक के अंत में सिंच्यांग उइगुर स्वायत्त प्रदेश की राजधानी उरूमूची, भीतरी मंगोलिया की राजधानी हूहोहोथ और युन्नान प्रांत की राजधानी खुनमिंग में भी फिल्म स्टूडियो स्थापित हुए। साथ ही राजधानी पेइचिंग में बाल फिल्म स्टूडियो और शांहाई कार्टून फिल्म स्टूडियो भी स्थापित हुए। ये सब सरकारी हैं।
चीन द्वारा सुधार व खुलेपन की नीति अपनाने के बाद अनेक निजी फिल्म स्टूडियो भी स्थापित हुए। वर्ष 1997 में पेइचिंग में चीचीनछंग फिल्म कंपनी स्थापित हुई। अफसोस की बात है कि हमारे पास निजी फिल्म स्टूडियो के बारे में पर्याप्त जानकारी नहीं है, इसलिए उनके बारे में हम विस्तार से नहीं बता सकते।
चीनी राजकीय रेडियो टीवी व फिल्म प्रशासन के अधीनस्थ फिल्म मामले ब्यूरो के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार गत वर्ष चीन में कुल 212 फीचर फिल्में तैयार की गईं। विश्व में अमेरिका और भारत के बाद चीन तीसरे स्थान पर रहा।
अब कोआथ रोहतास, बिहार के कुमार रेडियो श्रोता संघ के मनोज कुमार गुप्ता और राजेश कुमार गुप्ता का पत्र लें। उन्होंने पूछा है कि चीन की सब से लम्बी नदी का क्या नाम है।
श्रोता दोस्तो, अब हम आप को चीन की सब से बड़ी नदी के बारे में विस्तार से जानकारी दे रहे हैं। चीन की सब से बड़ी नदी यांत्सी है। इस का उद्गम उत्तर-पश्चिमी चीन के चिंगहाई-तिब्बत पठार पर स्थित थांगकुला पर्वतमाला की कोलातांतुंग हिम चोटी के दक्षिण- पश्चिमी छोर में है। वहां की ऊंचाई समुद्र की सतह से 5400 मीटर है।
यांत्सी नदी की प्रमुख धारा छिंगहाई प्रांत, तिब्बत स्वायत्त प्रदेश, सछ्वान प्रांत, युन्नान प्रांत, हूपेई प्रांत, बूनान प्रांत, च्यांगशी प्रांत, आनह्वेई प्रांत, च्यांगसू प्रांत और शांहाई से गुजर कर समुद्र में गिरती है।
नदी की प्रमुख धारा की लम्बाई 6300 किलोमीटर से अधिक है, विश्व की नदियों में यह तीसरे स्थान पर है। नदी का जल क्षेत्र 18 लाख वर्गकिलोमीटर है। वहां का मौसम अर्ध उष्ण कटिबंधीय मानसून का है। हर वर्ष वर्षा की औसत मात्रा 1100 मिलिमीटर होती है और प्रति वर्ष 10 खरब घन मीटर जल समुद्र में गिरता है, जो चीन की सभी नदियों की जल धाराओं का कमोबेश 36 प्रतिशत होता है।
यांत्सी नदी का जल जाल बहुत घना है, जल क्षेत्र की शाखाओं की संख्या हजार से भी अधिक है। जल जाल में ऐसी नदियों की संख्या 49 है, जिन का जल क्षेत्र 10 हजार वर्गकिलोमीटर को पार कर गया है। यांत्सी नदी के मध्य व निचले भाग में मीठे पानी की कई झीलें हैं। इन में से पोयांग, तुंगथिंग, थाईहू और छाओहू विख्यात हैं।
यांत्सी नदी के उद्गमस्थान से हूपेई प्रांत के ईछांग तक नदी का ऊपरी भाग है। ऊपरी भाग की लम्बाई 4500 किलोमीटर है और जल क्षेत्र का रकबा 10 लाख वर्गकिलोमीटर है। नदी मार्ग पठार, पर्वत और बेसिन से बहता है। यहां नदी की धारा बहुत तेज है। इस क्षेत्र की शाखाएं यालूंग नदी, मीनच्यांग नदी, चालिंग नदी और उच्यांग नदी भी मशहूर हैं।
इछांग से च्यांगशी प्रांत के हूखाओ तक यांत्सी का मध्यम भाग गिना जाता है। इस की लम्बाई 938 किलोमीटर है और जल क्षेत्र 6 लाख 80 हजार वर्गकिलोमीटर है। यहां का नदी मार्ग बहुत टेढ़ा-मेढ़ा है।

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