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(GMT+08:00) 2005-11-03 16:26:58    
विकास की राह पर तिब्बत स्वायत प्रदेश

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 चीन ने एलान किया कि चूमूलांगमा चोटी की नवींतम ऊंचाई 8844.43 मीटर है ।खबर इस प्रकार है कि चीनी राजकीय सर्वेक्षण ब्यूरो के प्रधान श्री छन पांग चू ने 9 तारीख को पेइचिंग में घोषित किया कि विश्व की प्रथम चोटी चूमूलांगमा चोटी की नवींतम ऊंचाई 8844.43 मीटर है । यह ऊंचाई 1975 में चीन व्दारा घोषित 8848.13 मीटर से 3.70 मीटर कम हो गयी है । 

हाल में हमें खबर मिला कि चीनी सरकार ने एलान किया कि चूमूलांगमा चोटी की नवींतम ऊंचाई 8844.43 मीटर है ।खबर इस प्रकार है कि चीनी राजकीय सर्वेक्षण ब्यूरो के प्रधान श्री छन पांग चू ने 9 तारीख को पेइचिंग में घोषित किया कि विश्व की प्रथम चोटी चूमूलांगमा चोटी की नवींतम ऊंचाई 8844.43 मीटर है । यह ऊंचाई 1975 में चीन व्दारा घोषित 8848.13 मीटर से 3.70 मीटर कम हो गयी है ।

श्री छन पांग चू ने चीनी राज्य परिषद के सूचना कार्यालय द्वारा आयोजित न्यूज ब्रीफिंग में उक्त आंकड़ा घोषित किया है । उन्हों ने परिचय देते हुए कहा कि चूमूलांगमा चोटी का मौजूदा सर्वेक्षण काम इस वर्ष के मार्च में शुरू हुआ है , यह 1975 के बाद चीन ने दूसरी बार चूमूलांगमा चोटी माप ली है , इस माप में चीन ने संपूर्ण माप प्रस्ताव के अनुसार समुन्नत तकनीकों व संयंत्रों का प्रयोग कर मापने का स्तर बड़ी हद तक उन्नत कर लिया है ।

यहां बता दें कि श्री छन पांग चू ने चीनी राज्य परिषद के सूचना कार्यालय द्वारा आयोजित न्यूज ब्रीफिंग में विशेष रूप से कहा कि हम तिब्बत स्वायत प्रदेश की जन सरकार , तिब्बत स्वायत प्रदेश के खेलकूद विभाग और तिब्बत स्वायत प्रदेश के पर्वतारोहण दल के आभारी हैं । हमें उन के बहुत से समर्थन प्राप्त हैं ।

यहां बता दें कि तिब्बत स्वायत प्रदेश के खेलकूद विभाग और तिब्बत स्वायत प्रदेश के पर्वतारोहण दल के बहुत से सदस्यों ने इस काम में भाग लिया । मिसाल के लिये हमारे 4 तिब्बती बंधुओं ने चूमूलांगमा चोटी पर चढ़ने में जो कोशिश की वह सफल रही । उन के नाम हैं कि श्री चापू , श्री आपू . श्री आवानकितून और श्री दोचीकसान ।वे वीर हैं । हम उन्हें हार्दिक बधाई देते हैं । हाल ही में हमारे संवाददाता को पेइचिग में श्री चापू और श्री आवानकितून के साथ बातचीत करने का मौका मिला । इस बातचीत पर आधारित रिपोर्ट हम अपने नियमित कार्यक्रम आज का तिब्बत में प्रसारित कर रहे हैं । आप का हमारे कार्यक्रमके सुनने पर हार्दिक स्वागत करते हैं । हमारे कार्यक्रम में चूमूलांगमा चोटी के गुणगान के लिये एक मधूर गीत भी शामिल किया गया है । यह गीत बहुत लोकप्रिय है । गीत के बौल हैं कि चूमूलांगमा चोटी , ओ चूमूलांगमा चोटी , हम तू से प्यार करते हैं । तू हमारे मन में हो । हम तू को हाता अर्पित करना चाहते हैं और तू के लिये गीत गाते हैं और नृत्य करते हैं । यहां बता दें कि हमारे कार्यक्रम में तिब्बत स्वायत प्रदेश के पर्वतारोहण दल के सदस्य श्री चापू और श्री आवानकितून आप को बहुत कुछ बतायेंगे । मिसाल के लिये श्री आवानकितून आप को अपनी अभिलाषा बतायेंगे और श्री चापू तो आप को बतायेंगे कि क्या वे अपने बेटे नये काम का समर्थन करते हैं या नहीं यानी उन के बेटे स्कूल से स्नातक के बाद क्या काम करेंगे । मित्रो आप हमारे कार्यक्रम से तिब्बती वीरों की आवाज़ भी सुनपायेंगे ।

यहां बता दें कि इस माह में हम आप को तिब्बत स्वायत प्रदेश की राजधानी ल्हासा में स्थित 3 बड़े हड़े मठों की कहानी सुन पायेंगे । सब से पहले तिब्बती जीवित बुद्ध लापू हमें अपने मठ -- सला मठ की कहानी सुनायेंगे । सला मठ का निर्माण सन 1419 में किया गया ।अब कुल 800 लामाएं सला मठ में रहते हैं ।सला मठ का निर्माण निर्माण किसने कराया । तिब्बती जीवित बुद्ध लापू के अनुसार सन 1419 में तिब्बती लामा शचाइसी ने सला मठ का निर्माण कराया । 500 से अधिक वर्ष होने के बाद तिब्बती लामा शचाइसी का चित्र इस मठ में सुरक्षित है । तिब्बती लामा शचाइसी का चित्र बहुत सुन्दर है और बहुत बड़ा है । सला मठ में हजारों हजार से अधिक बुद्ध की हजारों हजार से अधिक मुर्तियां और चित्र सुरक्षित हैं ।मित्रो तिब्बती बाषा में सला का अर्थ है गुलाब । सुनना है कि 500 से अधिक वर्ष पहले इस मठ के चारों ओर सुन्दर सुन्दर गुलाब ही गुलाब दिखाई देते थे । इस प्रकार मठ का नाम सला लगाया गया । कितना सुन्दर नाम है इस मठ का । यहां बता दें कि सला मठ में एक भवन का क्षेत्रफल कोई 1000 वर्गमीटर से अधिक है । इस भवन में कुल 180 स्तंभ हैं । पुराचीन काल में तिब्बत में किसी भवन में जितना ज्यादा स्तंभ है तो उतना ही है बड़ा है । यानी स्तंभ की संख्या से भवन का क्षेत्रफल को तय होता था । सुना है कि सला मठ के इस विशाल भवन में एक बार हजार से अधिक लामाएं पूजापाठ कर सकते हैं । तिब्बती जीवित बुद्ध लापू का कहना है कि चीनी सरकार की उदार नीति से उन के मठ को जीवनी शक्ति मिली है । उन के मठ में नये लामाएं भी हैं । लामाओं के जीवन में सुधार आया है ।मित्रो , क्या आप तिब्बती जीवित बुद्ध लापू की कहानी सुनना चाहते हैं ना , तो निकट भविष्य में तिब्बती जीवित बुद्ध लापू खुद ही आप को सुननायेंगे ।

हाल ही में हमें खबरी मिली कि चीन की तिब्बत स्वायत प्रदेश सरकार ने 8 तारीख को घोषित किया कि अगले वर्ष 1 जनवरी से प्रदेश में सोना खान की खुदाई निषेध होगी।

सरकार के एक एलानलामे में कहा गया है कि खनिज पदार्थों के संसाधनों और तिब्बत पठार के कमजोर पारिस्थितिकी पर्यावरण के संरक्षण और तिब्बत के अर्थव्यवस्था व समाज के अनवरत विकास को गति के लिए यह कदम उठाया गया।

एलानलामे में कहा गया है कि तिब्बत में सोना खान की खुदाई में कार्यरत सभी व्यक्तियों व साज सामानों को चालू साल के अंत से पहले हटाना होगा।