थाङ काल का साहित्य विकास के एक नए उच्च शिखर पर पहुंच गया था। थाङ काव्य उस काल के चीनी समाज का दर्पण है। वह विश्व-साहित्य की एक मूल्यवान निधि भी है। उस काल में लिखि गई कविताओं में से लगभग 50,000 आज भी उपलब्ध हैं। इनकी रचना 2,200 से अधिक कवियों द्वारा की गई थी, जिन में ली पाए, तू फू और पाए च्वीई नामक सुप्रसिद्ध कवित्रय उल्लेखनीय हैं।
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