चीन के चार शास्त्रीय उपन्यास बहुत मशहूर हैं । ये हैं "लाल भवन का स्वप्न", "पश्चिम की तीर्थ यात्रा ","ल्यांग शान पर्वत के वीर" तथा "तीन राज्यों की कहानी"। पिछले दो दशकों में इन उपन्यासों के आधार पर टी.वी. धारावाहिक भी बने, जिन के गीत बड़े लोकप्रिय रहे । इस लेख में टी.वी. धारावाहिक "ल्यांग शान पर्वत के वीर"के कुछ गीतों को पेश किया जाएगा। पहले सुनिए इस टी.वी. धारावाहिक का शीर्ष गीत, नाम है " वीरता का गीत"।
गीत का भावार्थ कुछ इस प्रकार है
नदी बहती है पूर्व की ओर
आकाश में चमकते हैं सितारे
आगे चलते हैं हम साथ साथ
संघर्ष करते हुए
अन्याय के खिलाफ
साहस के साथ चलते हैं हम
गाते हुए वीरता का गीत
टी.वी. धारावाहिक "ल्यांग शान पर्वत के वीर" का शीर्ष गीत "वीरता का गीत"में पूर्वी चीन के शान तुंग प्रांत की एक लोकधुन के आधार पर ल्यांग शान पर्वत के वीरों का गुणगान किया गया है।
मशहूर चीनी लेखक शी नाई आन का प्राचीन उपन्यास "ल्यांग शान पर्वत के वीर" चीन में बहुत प्रसिद्ध है। यह एक श्रेष्ठ कला उपलब्बधि माना जाता है। इस उपन्यास में सामंतवादी चीन के किसानों के विद्रोह का वर्णन किया गया है और साथ ही तत्कालीन राजनीति, संस्कृति रीति-रिवाज़ और सामाजिक दृश्य भी प्रतिबिंबित हुआ है। उपन्यास में दूसरों की सहायता और सहअस्तित्व की विचारधारा पेश की गयी है। इस उपन्यास के आधार पर जब टी.वी. धारावाहिक "ल्यांग शान पर्वत के वीर" बना तो उसे भी चीनी दर्शकों ने बहुत सराहा। अब सुनिए इसका एक और गीत, नाम है "न्याय है संसार में"
गीत के बोल हैं
उथल-पुथल से बेहाल हैं व्यक्ति व घोड़े भी
वीर बुलंद हौसले के साथ इस दुर्दशा पर काबू पाने को संकल्पबद्ध हैं
पीढ़ी दर पीढ़ी वीरों को यह करते हजारों वर्ष बीत गये
ऊंचे पर्वत व नदियां उन के कारनामे याद करती आयी हैं
आज उन का गुणगान करते हुए नया युग भी आरम्भ हो गया है ,
न्याय हमेशा रहा है मानव के बीच
टी.वी. धारावाहिक "ल्यांग शान पर्वत के वीर" में ल्यांग शान पर्वत के उन एक सौ आठ वीरों का वर्णन किया गया है जो गरीबों की सहायता करते थे और एक-दूसरे की मदद करते थे। उपन्यास के इन एक सौ आठ पात्रों ने चीनी दर्शकों को बहुत आकृष्ट किया।
टी.वी. धारावाहिक "ल्यांग शान पर्वत के वीर"में उत्तरी सोंग राजवंश के अंत में हुए किसानों के विद्रोह का वर्णन है। उस समय के चीन का सामंतवादी शासन बहुत क्रूर था और किसानों का जीवन बहुत कठिन। ऐसे में सोंग च्यांग नामक वीर ने उत्तरी सोंग राजवंश के क्रूर शासन का विरोध करने के लिए अपने दोस्तों को ल्यांग शान पर्वत पर एकत्र किया। इन वीरों में एक सौ आठ प्रमुख थे। उन्होंने किसानों का नेतृत्व कर सरकार के विरोध में विद्रोह किया जो अंत में विफल हो गया। पर इसके बावजूद ल्यांग शान पर्वत के वीरों की कहानी समूचे चीन में प्रचलित हुई । ल्यांग शान पर्वत के वीरों की दोस्ती और साहस अब भी चीनी लोगों को प्रेरित करता है। अब सुनिए इस टी.वी. धारावाहिक का एक और गीत, नाम है "न्यू लांग और ची न्वी की कहानी" ।
गीत "न्यु लांग और ची न्वी की कहानी" वर्ष 960 से वर्ष 1127 के बीच उत्तरी सोंग राजवंश में हुए कवि छिन क्वान ने एक प्राचीन चीनी कथा के आधार पर लिखा । कहा जाता है कि न्यू लांग एक किसान था और ची न्वु एक देवी। दोनों में प्रेम हुआ और वे पति-पत्नी बने। न्यू लांग और ची न्यु का जीवन बहुत सुखमय था। उन के दो बेटे थे, लेकिन ची न्यी के पिता स्वर्ग के स्वामी ने इस विवाह का विरोध किया और ची न्वु को स्वर्ग वापस लौटने का आदेश दिया। इस तरह पति- पत्नी अलग हो गए। कहते हैं कि न्यू लांग और ची न्वु चीनी पंचांग के अनुसार, हर साल सात जुलाई को आकाश गंगा के तट पर एक-दूसरे से आकर मिलते हैं। इसलिए चीनी पंचांग के अनुसार, सात जुलाई चीनी लोगों का वैलंटाइंस डे बन गया है। गीत "न्यू लांग और ची न्वी की कहानी" में प्रेम का गुणगान किया गया है ।
टी.वी. धारावाहिक "ल्यांग शान पर्वत के वीर" में एक सुन्दर पात्र ली शी शी है, जो गीत गाकर जीवन बिताती है । वह एक छोटे रेस्तरां में भोजन करने आए लोगों के लिए यह गीत गाती है और सच्चे प्रेम की अपनी जिज्ञासा व्यक्त करती है।
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