आज के इस कार्यक्रम में हम कोआथ रोहतास, बिहार के कुमार रेडियो श्रोता संघ के मनोज कुमार गुप्ता, राजेश कुमार गुप्ता, भागलपुर, बिहार की नाजनी हसन, तमन्ना हसन, हमीदा हसन, शवीना हसन, नजमा खावम, सुन्नताना खातुन, मोहम्मद हुसैन अन्नी, मुर्तजा अन्नी, मोहम्मद हुसैन, गुन्नरेज अन्नी, मोहम्मद मिन्हाज अन्नी, बदर खां, कोआथ, बिहार के मोहम्मद अली बदर, तलत परवीन, हाशिम आज़ाद, कैरून निसा, रज़ीया खातुन, खाकसार अहमद, बाबू अकरम, रोहतास, बिहार के कुमार रेडियो श्रोता संघ के मनोज कुमार गुप्ता, राजेश कुमार गुप्ता, गया, बिहार के मोहम्मद जावेद खां, मोहम्मद जमिल खां, शाहीना प्रवीन, खुशबू कातून और रोहतास, बिहार के ही सुनील केशरी, संजय केशरी तथा सीताराम केशरी के पत्र शामिल कर रहे हैं।
अब रोहतास, बिहार के कुमार रेडियो श्रोता संघ के मनोज कुमार गुप्ता और राजेश कुमार गुप्ता का पत्र देखें। उन्होंने पूछा है कि CRI की वेब साइट कब शुरू हुई और चाइना रेडियो इंटरनैशनल का हिंदी प्रसारण किस वर्ष शुरू हुआ।
श्रोताओ, दिसंबर 1999 में सी आर आई की वेबसाइट शुरू हुई। 28 दिसंबर 2003 को सी आर आई की 43 भाषाओं की सेवाओं ने अपनी-अपनी वेबसाइट शुरू कीं। इस तरह आप हिंदी वेबसाइट पर जब चाहें हिंदी भाषा के प्रोग्राम भी सुन सकते हैं। यह चीन की एकमात्र हिंदी वेबसाइट है। इस के अलावा आप सी आर आई की वेबसाइट पर नेपाली, बंगाली, उर्दू, तमिल जैसी भाषाओं के प्रोग्राम भी देख- सुन सकते हैं।
चाइना रेडियो इंटरनैशनल हिंदी प्रसारण 15 मार्च 1959 को शुरू हुआ। तब रोज दो कार्यक्रम होते थे और प्रसारण की अवधि थी दो घंटे। बाद में एक घंटा बढ़ कर यह तीन घंटे पहुंची।
इस समय सी आर आई का हिंदी प्रसारण हर रोज चार घंटे होता है। भारतीय समयानुसार रात को पहला कार्यक्रम साढ़े 6 से साढ़े सात बजे तक, दूसरा कार्यक्रम रात को साढ़े आठ से साढ़े नौ बजे तक, तीसरा कार्यक्रम रात को साढ़े नौ से साढ़े दस बजे तक और चौथा कार्यक्रम दूसरे दिन सुबह साढ़े आठ से साढ़े नौ बजे तक।
यही नहीं, अब हमारे श्रोता या पाठक वेब साइट पर भी हिंदी में सूचना पा सकते हैं। वेबसाइट पर हर रोज ताजा समाचार, फीचर, साप्ताहिक कार्यक्रम, समीक्षाएं, श्रोताओं के पत्र और चीन के बारे में संक्षिप्त जानकारी भी ले सकते हैं।
अब गया बिहार, के मोहम्मद जावेद खां, मोहम्मद जमिल खां, शाहीना प्रवीन और खुशबू कातून का पत्र लें। उन्होंने पूछा है कि तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में कितने मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारे, चर्च हैं और वहां किस धर्म के लोग सबसे अधिक हैं।
तिब्बत में लोगों को धार्मिक विश्वास का पूरा अधिकार है। तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के अधिकांश तिब्बती, मनबा, लोबा और नाशी लोग बौद्ध मत के अनुयाई हैं। साथ ही वहां मुसलमानों और कैथोलिकों की भी बड़ी संख्या है।
वर्तमान में स्वायत्त प्रदेश में कुल 1700 बौद्ध मठ हैं। इन में रहने वाले भिक्षुओं और भिक्षुणियों की संख्या करीब 46000 है। मसजिदों की संख्या 4 है और मुसलमान आबादी 3000। एक कैथोलिक चर्च है और 700 कैथोलिक।
अंत में रोहतास ,बिहार के सुनील केशरी, संजय केशरी, सीताराम केशरी का पत्र देखें। उन्होंने पूछा कि चीन में तिब्बती, अंग्रेजी तथा चीनी भाषाओं की पत्रिकाएं कहां-कहां छपती हैं तथा ऐसी पत्रिकाओं का मूल्य ज्यादा से ज्यादा तथा कम से कम कितने य्वान है।
इस समय चीन में कुल 1926 समाचारपत्र हैं और इस दृष्टि से चीन विश्व में पहले स्थान पर है। गत वर्ष चीन में मुद्रित पत्रों की संख्या 10 करोड़ के निकट थी। विश्व में यह भी पहले स्थान पर रही, जबकि दूसरे स्थान पर भारत रहा । गत वर्ष भारत में मुद्रित पत्रों की संख्या कोई 8 करोड़ थी।
इस समय चीन में प्रकाशित पत्रिकाओं की संख्या 9 हजार के निकट है। विश्व में यह तीसरे स्थान पर है।
चीन में अधिकांश पत्र-पत्रिकाएं चीनी भाषा में प्रकाशित होती हैं, शेष अंग्रेजी समेत विदेशी भाषाओं या अल्पसंख्यक जातियों की भाषाओं में प्रकाशित होती हैं।
तिब्बती भाषा में प्रकाशित पत्र-पत्रिकाएं 200 से अधिक हैं। ये पत्र-पत्रिकाएं तिब्बत स्वायत्त प्रदेश, छिंगहाई, कांसू व युन्नान प्रांत में प्रकाशित होती हैं।
पत्र-पत्रिकाओं की किस्मों की दृष्टि से कहें तो सब से सस्ती पत्रिका दो च्याओ या लगभग एक रुपये में मिल सकती है। महंगी पत्रिका का दाम दस य्वान या पचास रुपये के आसपास है।

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