जापानी प्रधान मंत्री श्री जुनिचिरो कोइजुमी ने हाल में एक बार फिर यासुकुनि मंदिर के दर्शन किए। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता श्री खुन छ्वेन और कोरिया गणराज्य के विदश एवं व्यापार मंत्री श्री बान की-मून ने 27 तारीख को अलग-अलग तौर पर यह मामला उठाते हुए कहा कि जुनिचिरो कोइजुमी की इस कार्रवाई ने दोनों देशों की जनता की भावना को क्षति पहुंचाई है।
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता श्री खुन छ्वेन ने इस दिन पेइचिंग में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यासुकुनि में दूसरे विश्वयुद्ध के अपराधियों के स्मृति चिन्ह रखे हैं। इधर के वर्षों में जापानी प्रधानमंत्री श्री जुनिचिरो कोइजुमी ने बार-बार यासुकुनि का दर्शन किया। इस से चीन-जापान संबंधों की नींव टूटी और इन संबंधों के सामान्य विकास में बड़ी बाधाएं आईं। श्री खुन ने कहा कि जापान को इस घटना से उत्पन्न गंभीर स्थिति को समझना चाहिए, आक्रमणकारी युद्ध की आत्मालोचना करनी चाहिए और चीनी जनता की भावना को क्षति नहीं पहुंचाना चाहिए। इस दिन जापान की यात्रा कर रहे कोरिया गणराज्य के विदेश एवं व्यापार मंत्री श्री बान की-मून ने भी टोक्यो में जापानी प्रधानमंत्री जुनिचिरो कोइजुमी के यासुकुनि मंदिर के दर्शन करने की कड़ी निंदा की। श्री बान ने जापानी विदेशमंत्री श्री माचिमुरा नोबुताका से वार्ता के दौरान कहा कि जुनिचिरो के यासुकुनि मंदिर के दर्शन ने कोरिया गणराज्य के आम लोगों की भावनाओं को पैरों तले रौंद डाला है, उनके यासुकुनि मंदिर के दर्शन पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय सहमत नहीं है।
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