तिब्बत के शिकाज़े प्रिफ़ैक्चर की या तोंग कांउटी के कम्युनिस्ट पार्टी कमेटी के उप सचिव श्री शी वन छिंग शांग हाई से आए कर्मचारी हैं । तिब्बत आने के बाद उन्हें यहां की विशेष सुन्दरता बड़ी आकृष्ट हुई , उन्होंने कहा कि तिब्बत के सुन्दर प्राकृतिक दृश्य और सीधे सादे स्वभाव वाले तिब्बती बंधुओं के प्रति उन का गहरा प्यार है । श्री शी वन छिंग ने कहा
"तिब्बत आने से पहले हमें तिब्बत के बारे में पर्याप्त जानकारी नहीं थी , लेकिन यहां आने के बाद हम तिब्बत को बहुत महान महसूस करते हैं । ऊंचे ऊंचे पहाड़, बड़ी बड़ी नदियां, विशाल घास मौदान, सभी चीजें बड़ी और विशाल है , यहां तक कि तिब्बती जनता का दिल भी बहुत विशाल है । तिब्बती बंधु बहुत सीधे सादे स्वभाव के हैं और दूसरे लोगों के साथ अच्छे अच्छे व्यवहार करते हैं । मेरे विचार में तिब्बत एक गाने व नाचने का सागर है । उन्हें जब बातें करना आया हो , तो गीत गाना भी आया , जब पांव पर खड़े हो सके हो, तो उन्हें नाचना भी आता है । यहां के लोग बहुत मेहमाननवाज व स्नेहपूर्ण हैं । मुझे लगता है कि तिब्बती जाति में मिल जुल होना मेरे सारे जीवन के लिए एक मुल्यवान संपत्ति है और मुझे बड़ा सौभाग्य लगता है ।"
या तुंग कांउटी में श्री शी वन छिंग मुख्य तौर पर प्रचार, संस्कृति व शिक्षा कार्य की देखरेख करते हैं ।यहां आने से पहले वे शांग हाई के फ़ूतान विश्वविद्यालय के अधीनस्थ मिडिल स्कूल के प्रभारी थे और शिक्षा क्षेत्र में काम करते हुए उन्हें 20 साल हो चुके हैं। उनके विचार में शिक्षा का तिब्बत के विकास से घनिष्ठ संबंध है। श्री शी वन छिंग ने संकल्प लिया है कि वे तिब्बत की सहायता के अपने तीन साल के कार्यकाल में या तुंग काउंटी के शिक्षा कार्य को आगे बढ़ाने की पूरी कोशिश करेंगे। अपनी योजनानुसार वे हर वर्ष दस तिब्बती स्कूलों के प्रभारी व अध्यापकों को भीतरी इलाके ,विशेष कर शांग हाई के उन्नतीशील शिक्षा तरीके व अनुभव सीखने के लिए वहां भेजेंगे और इस के साथ ही शांग हाई के अध्यापकों को या तुंग में पढ़ाने आने के लिए आमंत्रित करेंगे। वे उनसे तिब्बत में शिक्षा की स्थिति सुधारने के सुझाव भी मांगेंगे।
श्री शी वन छिंग ने कहा कि भविष्य में वे आधुनिक तकनीक का प्रयोग कर इन्टरनेट, दूर शिक्षा व सूचना शिक्षा के जरिए तिब्बत के शिक्षा कार्य को आगे ले जाने की कोशिश करेंगे। उन का विचार है कि तिब्बत को अपनी विशेषता वाली शिक्षा का विकास करना चाहिए और उसका भीतरी इलाके की शिक्षा पद्धति में विलय नहीं होने देना चाहिए। उन का कहना है
"शिक्षा के विकास की प्रक्रिया के बारे में मेरा विचार यह है कि जातीय विशेषता वाली चीज़ों को न छोड़ा जाए। तिब्बती जाति की परम्परा और श्रेष्ठ संस्कृति को बरकरार रखा जाना चाहिए। हमें नहीं लगता कि नयी पीढ़ी के तिब्बती लोग हान जाति व आधुनिकीकरण से बंधे रहें । मेरी आशा है कि तिब्बती जाति अपनी विशेषता बनाए रखेगी ,क्योंकि सिर्फ़ जातीय चीज़ें ही विश्व की मानी जाती हैं।"
विश्व की छत पर स्थित तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में समुद्र सतह से बहुत ऊंचा होने के कारण कम ओक्सिजन होता है ।पठार में रहना हर भीतरी इलाके के कर्मचारियों केलिए एक चुनौती है । लम्बे समय में तिब्बत में रहने से भीतरी इलाके से आए कर्मचारी वात रोग और विशेष किस्म के हृदय रोग रोग से पीड़ित हो सकते हैं । तिब्बत के शिकाज़े प्रिफ़ैक्चर की च्यांग जी कांउटी के कम्युनिस्ट पार्टी पार्टी के उप सचिव श्री ल्यु तोंग छांग शांग हाई से आए कर्मचारी हैं । उन्होंने मुझे बताया कि तीन सालों के भीतर तिब्बत में काम करने के बाद शांग हाई से आए तीसरे जत्थे के पचास से ज्यादा कर्मचारियों में से 27 लोगों को वात बीनारी पड़ी और अन्य 15 लोग हृद्य कक्ष मोटा बनने के रोग से पीड़ित हुए हैं । तीन सालों के बाद भीतरी इलाके में वौपस लौटकर उन्हें भी पठारी रोग से जुझना पड़ता है , यह उन के लिए एक बड़ी चुनौती है । इस की चर्चा में श्री ल्यु तोंग छांग ने कहा
"तिब्बत में तीन साल रहने के बाद भी हम वात रोग से पीड़ित रहते हैं , अगर ऐसा कहे कि हम इस रोग पर चिंतित नहीं हैं , यह सत्य नहीं है । लेकिन मेरा विचार है कि हर जत्थे के भीतरी इलाके के कर्मचारियों ने अपने तीन साल के कार्य को सफलता के साथ पूरा किया है , इसलिए हमें उन के रास्ते पर आगे बढ़ना चाहिए । यहां हमारे रहन सहन में कोई न कोई कठिनाई जरूर होती है , हम उसे दूर करने की कोशिश करेंगे और बिमारी से बचने का प्रयत्न करेंगे । मेरा विचार है कि अपने आप को स्वस्थ बनाए रखकरके ही हम तिब्बती बंधुओं की और अच्छी सेवा कर सकते हैं ।"
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