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(GMT+08:00) 2005-10-20 19:18:47    
तिब्बत स्वायत प्रदेश के महिला संघ की उपाध्याक्ष सुश्री छिरेनछोमू

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तिब्बत स्वायत प्रदेश के महिला संघ की उपाध्याक्ष सुश्री छिनछोमू के अनुसार इधर के वर्ष तिब्बत स्वायत प्रदेश के महिला संघ की निरंतर भरपूर कोशिशों से नब्बे हजार से अधिक तिब्बती महिलाओं ने खेतीबारी के नयी तकनीकों पर महारत हासिल किया । फलस्वरूप बड़ी संख्या में तिब्बती महिलाओं के जीवन में सुधार आया । पिछले अनेक वर्षों की कोशिशों से तिब्बत स्वायत प्रदेश में एक लाख पचास हजार निरक्षर तिब्बती महिलाएं साक्षर बन गयी हैं यानी वे लिख सकती हैं और पढ़ भी सकती हैं ।

मित्रो, हाल ही में हमारी संवाददाता को पेइचिग में तिब्बत स्वायत प्रदेश के महिला संघ की उपाध्याक्ष सुश्री छिनछोमू के साथ बातचीत करने का मौका मिला । आज के कार्यक्रम में हम आप को उन से मिलवायेंगे और वे खुद आप को अपनी कहानी सुनायेंगी। पर सुश्री छिनछोमू से मिलने से पहले हम आप से पूछना चाहते हैं कि कार्यक्रम की पिछली कड़ी में सुश्री छिनछोमू ने हमें तिब्बती भाषा सिखायी , क्या आप को याद है । मित्रो तिब्बती भाषा में तिब्बत कैसे बोलते हैं , सुनिये सुश्री छिनछोमू हमें एक बार फिर बता रही हैं ।यहां हम आप से पूछना चाहते हैंकि तिब्बती भाषा में मित्र और स्वागत कैसे बोलते हैं , सुनिये सुश्री छिनछोमू हमें एक बार फिर बता रही हैं ।मित्रो याद रखिये तिब्बती भाषा में आप का तिब्बत की यात्रा पर स्वागत है एसे बोलते हैं ।मित्रो अब सुनिये सुश्री छिनछोमू हमें अपनी कहानी सुना रही हैं । हाल ही में हमारी संवाददाता को पेइचिग में सुश्री छिनछोमूके साथ बातचीत करने का मौका मिला । हमारी संवाददाता के अनुरोध पर तिब्बत स्वायत प्रदेश के महिला संघ की उपाध्याक्ष सुश्री छिनछोमू ने अपनी कहानी सुनायी । सुश्री छिनछोमू का कहना है कि उन का जन्म तिब्बत के पूर्व में स्थित छानटू में हुआ । 1951 में तिब्बत की शांतिपूर्ण मुक्ति से उनके परिवार के अच्छे दिन आये । छानटू प्रिफेक्चर इतना सुन्दर है कि तिब्बतियों का कहना है कि छानटू प्रिफेक्चर तिब्बत का मोटी है । सुश्री छिनछोमू के अनुसार उन्हें तिब्बत की राजधानी लहासा में शिक्षा मिली । तब लहासा मिडिल स्कूल तिब्बत के लिये एक बहुत बढ़िया स्कूल था पर अब तिब्बतस्वायत प्रदेश में लहासा मिडिल स्कूल से जैसे स्कूल बहुत हैं ।सुश्री छिनछोमू का कहना है कि 1971 में हाई स्कूल से स्नातक होने के बाद वे तिब्बत स्वायत प्रदेश के अली प्रिफेक्चर जा कर एक स्कूल में काम करने लगी ।सुश्री छिनछोमू का कहना है कि स्कूल में अध्यापिका होने के नाते वे अपने स्कूल व छात्रों से प्यार करती रही । उन्हें स्कूल में 9 वर्षों में काम करते रहें । अब उन के बहुत से छात्र तिब्बत स्वायत प्रदेश के विकास के लिये अपनी प्रतिभा दिखा रहे हैं । इसे उन की खुशी का ठिकाना न रहा ।सुश्री छिनछोमू के अनुसार 1980 में तिब्बत स्वायत प्रदेश के महिला संघ ने उन्हें लहासा में बुलाया तभी से वे लहासा में स्थित तिब्बत स्वायत प्रदेश के महिला संघ में काम करने लगी । हमारी संवाददाता ने सुश्री छिनछोमू से पूछा कि क्या आप को महिलाओं की सेवा का काम पसंद है । तो सुश्री छिनछोमू ने कहा कि मुझे महिलाओं की सेवा के काम को बहुत पसंद है । मेरा ख्याल है कि महिलाओं की सेवा का काम बहुत महत्वपूर्ण है । तिब्बती महिला तिब्बत के विकास की शक्तिशाली ताक्त है ।तिब्बती महिला तिब्बत की आधी दुनिया है । सुश्री छिनछोमू ने कहा कि इधर के वर्ष तिब्बत स्वायत प्रदेश के महिला संघ की निरंतर भरपूर कोशिशों से 90 हजार से अधिक तिब्बती महिलाओं ने खेतीबारी के नयी तकनीकों पर महारत हासिल किया । फलस्वरूप बड़ी संख्या में तिब्बती महिलाओं के जीवन में सुधार आया । साथ ही उन के परिवार और समाज में महिलाओं का स्थान भी बढ़ गया है। सुश्री छिनछोमू का कहना है कि पिछले अनेक वर्षों में तिब्बत स्वायत प्रदेश ने साल दर साल शानदार फसलें प्राप्त की हैं । इस बात की चर्चा में सुश्री छिनछोमू ने कहा कि यह देख कर हमें बहुत खुशी हुई । सुश्री छिनछोमू के अनुसार पिछले अनेक वर्षों की कोशिशों से एक लाख 50 हजार निरक्षर तिब्बती महिलाएं साक्षर बन गयी हैं यानी वे लिख सकती हैं और पढ़ भी सकती हैं । इस बात की चर्चा में सुश्री छिनछोमू को गौर्व महसूस हुआ । मित्रो क्या आप जानना चाहते हैं कि सुश्री छिनछोमू कब तिब्बत स्वायत प्रदेश के महिला संघ की उपाध्यक्ष बन गयी तो कार्यक्रम की अकली कड़ी में हम आप को सुश्री छिनछोमू से एक बार फिर मिलवायेंगे और वे खुद ही आप को बतायेंगी। आप का हमारे कार्यक्रम के सुनने पर हार्दिक स्वागत है ।