चीन रेशमी कपड़े का जन्म स्थान है , सुन्दर रेशमी कपड़ा प्राचीन काल से अब तक लोगों का पसंदीदा वस्त्र रहा है । इस प्रकार के मूल्यवान कपड़े के व्यापार के लिए दो हजार वर्ष पहले ही चीन और एशिया के अन्य स्थानों तथा यूरोप के बीच विश्वविख्यात रेशम मार्ग खुला , जिस से पूर्व और पश्चिम के बीच सांस्कृतिक आदान प्रदान भी हुआ । उत्तर पश्चिमी चीन का सिन्चांग वेवूर स्वायत्त प्रदेश रेशम मार्ग का केन्द्र स्थल रहा है , जहां रेशम संबंधी संस्कृति का बड़ा विकास हुआ । वर्ष 2005 में सिन्चांग वेवूर स्वायत्त प्रदेश की राजधानी ऊरूमुची में रेशम मार्ग के नाम से अन्तरराष्ट्रीय वस्त्र मेला हुआ , जिस में सिन्चांग के अनूठी रेशम संस्कृति दर्शायी गई है ।
विश्व इतिहास में रेशम मार्ग ने पश्चिम और पूर्व के सांस्कृतिक ,सामाजिक तथा आर्थिक व व्यापारिक आदान प्रदान बढ़ाने में खासा महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी । जबकि सिन्चांग इस मार्ग के मध्य स्थल पर स्थित है और रेशमी कपड़े की जन्म भूमि भी है । इसलिए वहां अन्तरराष्ट्रीय वस्त्र मेला आयोजित करने का विशेष महत्व है । रेशम मार्ग नामक अन्तरराष्ट्रीय वस्त्र मेले की आयोजन कमेटी के उप प्रधान श्री ह ईमिन ने कहाः
सिन्चांग में वस्त्रों का प्रचूर संसाधन मिलता है , खास कर रंगीन कपास का उत्पादन बहुत अच्छा है और सूती कताई बुनाई उद्योग चीन में अहम स्थान पर है । इस के अलावा सिन्चांग की संस्कृति भी विशेष और विरल है ,उस पर बहुतत्वों का प्रभाव देखने को मिलता है । वस्त्र उद्योग में भी सांस्कृतिक तत्व मिश्रित है । फिर सिन्चांग की भौगोलिक स्थिति श्रेष्ठ है , वह आठ देशों की सीमा से सटा है और उन के साथ बड़ा बाजार विकसित होने की अच्छी संभावना है ।
रेशम मार्ग का अन्तरराष्ट्रीय मेला मध्य , पश्चिम तथा दक्षिण एशिया एवं रूस व पूर्वी यूरोपीय देशों के साथ आदान प्रदान के लिए खोला गया है। अभी अभी समाप्त हुआ वर्ष 2005 का मेला एक बड़े पैमाने वाला उम्दा समारोह था । मेले में भाग लेने आए विदेशी व्यापारियों की संख्या इधर सालों में सब से अधिक थी और मेले में तीन सौ से ज्यादा कारोबारों ने भी हिस्सा लिया , जिस में बड़ी मात्रा में विश्व के नामी ब्रांडों वाले वस्त्र प्रदर्शित किए गए और विभिन्न देशों के मशहूर वस्त्र मॉडलों को आकृष्ट भी किया गया ।
सिन्चांग में अनेक अल्पसंख्यक जातियों की बहुतत्वीय संस्कृति मिलती है , हजारों सालों से चीन , भारत , इस्लाम तथा यूरोप की संस्कृतियों का यहां संगम हुआ और उन के मिश्रण से सिन्चांग की विशेष पहचान वाली उत्तम संस्कृति उत्पन्न हुई है , इसलिए सिन्चांग का वस्त्र मेला खास कर स्वाग काबिला है । ऊरूमुची की एडलिश पर्यटन वस्तु कंपनी रेशमी वस्त्रों का डिजाइन करने वाला एक विशेष कारोबार है , जिस के एडलैश के नाम से मशहूर रेशमी कपड़ा वेवूर जाति में पीढियों से परम्परागत रेशमी कारगरी चीज के रूप में लोकप्रिय रहा है और इस के रेशमी शाल , टाई तथा बस्टु व्यापारियों में बहुत पसंद हैं । वस्त्र मेले में कंपनी के बीस से ज्यादा किस्मों के एडलेश वस्त्र दर्शाये गए । कंपनी की मेनेजर सुश्री ऊ क्वी लिंग ने कहाः
हमारे देशी एडलैश रेशमी वस्त्र मेले में प्रथम बार प्रदर्शित हुए हैं , दर्शकों को इस में बड़ी रूचि हुई , ये वस्त्र जाति विशेष की अलग पहचान लिए हुए फैशनेबुल भी है ।
उरूमुची के वस्त्र मेले में विभिन्न जगहों के व्यापारी अपने उत्पादों को दर्शाने के जरिए उन के ब्रांडों को नामी बनाने की कोशिश करते हैं और नामी ब्रांड को कला , फैशन व जीवन के साथ जोड़ते हुए अपना लक्ष्य खोजते हैं । चीन के भीतरी इलाके के कुछ बड़े कारोबारों ने भी मेले में अपने विशेष रंगढंग के उत्पादों से आम लोगों को अवगत कराया और वस्त्र संस्कृति के बारे में उन की समझ बढ़ायी ।
वर्ष 2005 के अन्तरराष्ट्रीय वस्त्र मेले में तरह तरह की उत्पाद प्रर्दशनियां , प्रचार प्रसार गतिविधियां , व्यापारिक सौदा वार्ताएं आयोजित हुईं , इस के अलावा बड़े पैमाने पर झांकी परेड भी निकाला गया , चीनी विदेशी नामी वस्त्र डिजाइनों के शौ , रेशम मार्ग के अन्तरराष्ट्रीय वस्त्र मॉडलों की प्रतियोगिता और रूसी साईबरिया कला मंडली का प्रदर्शन समारोह हुए , जिन से मेले में आए दर्शकों को अपार आनंद मिला ।
रूसी संगीत की मधुर धुन में विभिन्न देशों के वस्त्र मॉडलों की रंगबिरंगी झांकियां निकली। मॉडल सुन्दरियां झांकी गाड़ियों पर विविध शैली के नृत्य करते नजर आये और दोनों तरफ दर्शकों की भीड़ में लागातार हर्षोल्लास की आवाज गूंज उठी ।
विविध रंगढ़ंग के वस्त्रों की विशेष प्रदर्शनियां मेले का आकर्षण केन्द्र है । मेले में उज्जबेकस्तान की वस्त्र आभूषण प्रदर्शनी बड़ी आकर्षक थी , शहनाई की बुलंद धुन में रंगबिरंगों से सुसज्जित मंच पर दस मॉडल मशहूर उज्जबेक डिजाइनर रोल्ला बाबायेव द्वारा तैयार जातीय पोशाक में पधारी और दर्शकों को उज्जबेकस्तान की इस्लामी संस्कृति दर्शायी । सुश्री रोल्ला पहली बार सिन्चांग आयी ,उन्हों ने अपना अनुभव बताते हुए कहाः
यहां आने पर मैं बहुत खुश हूं , हमारे देश और चीन में बहुत सी चीजें मिलती जुलती हैं , चीन एक प्राचीन देश है और प्राचीन रेशम मार्ग का एक अहम भाग है । मौजूदा मेले से मुझे कजाखस्तान और रूस के प्रतिनिधि मंडलों से भी अनुभव हासिल हुआ है और भव्य झांकी परेड से चीन की अल्पसंख्यक जातियों के वस्त्रों से भी प्रेरणा मिली है ।
मॉडल सुन्दरी अलेमजेवना ने सिन्चांग के वस्त्र मेले के प्रति अपना अनुभव बतायाः
ऊरूमुची शहर मुझे अत्यन्त सुन्दर लगा है , शहर के निवासी बेहद मैत्रीपूर्ण और मिलनसार हैं । मौजूदा मेला भी मंच आयोजन और डिजाइन में उम्दा साबित है , हम बहुत खुश हैं और हमारा अभिनय भी सफल हुआ ।
सिन्चांग के रेशम मार्ग के नाम से आयोजित अन्तरराष्ट्रीय वस्त्र मेला ने लोगों के दिल पर गहरी छाप छोड़ी है । मेले में चीन और विदेशों के मशहूर वस्त्रों की प्रदर्शनी बहुत आकर्षक है , जिस में चीन , रूस , युक्रेन के तीन सुप्रसिद्ध डिजाइनरों की फैशन शैली दिखाई दी गई ।
इस मेले ने चीन के वस्त्रों के प्रचार प्रसार को बढावा दिया है , भविष्य में इस किस्म का मेला विदेशों में भी आयोजित होगा , किरगिजस्तान की राजधानी बिस्केक में सब से पहले रेशम मार्ग का वस्त्र मेला आयोजित होगा , तब चीन के नामी ब्रांड वाले वस्त्र , जातीय पोशाक , आभूषण , ऊनी कपड़े , चमड़े की वस्तुएं , प्रसाधन वस्तुएं और वस्त्र प्रोसेसिंग मशीनरी विदेशी दर्शकों के सामने प्रदर्शित होंगे ।
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