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(GMT+08:00) 2005-10-13 14:26:43    
चीन के अंतरिक्ष कार्य का जोर दार विकास

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वर्ष 2005 के अक्तुबर की 12 तारीख को सुबह नौ बजे शङ चाओ छै नामक समानव अंतरिक्ष यान सफलतापूर्वक छोड़ा गया । इस उपलक्ष में इस लेख में प्रस्तुत किया जाएगा चीन में अंतरिक्ष कार्य के बारे में ।

लगातार कई सालों के अथक प्रयासों के आधार पर चीन ने वर्ष 1999 , वर्ष 2001 तथा वर्ष 2002 के शुरू व अंत में कुल चार मानव रहित अंतरिक्ष यान सफलतापूर्वक छोड़े और उन्हें सही सलामत वापस भी ले लिया ।

समानव अंतरिक्ष यान का प्रक्षेपण एक बड़ी चुनौति व जोखिम देने वाला काम है , प्रक्षेपण की सफलता तथा अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षा के लिए जटिल और उच्च स्तर की तकनीकों की आवश्यकता है , आकाश में अपना प्रथम समानव अंतरिक्ष यान भेजने के लिए पूर्व सोवियत संघ ने सात बार मानव रहित अंतरिक्ष यान छोड़ने का परीक्षण किया था तथा अमरीका ने 21 बार किया । चीन ने अब तक चार बार मानव रहित उड़ान भरने का परीक्षण किया , लेकिन चीन ने अमरीका और रूस के उन्नतशील अनुभवों का ग्रहन किया और बेहतर सुरक्षा व्यवस्था बनायी और सही सलामत प्रक्षेपण , सामान्य उड़ान तथा सुरक्षित वापसी के लक्ष्य तय किए एवं अनेकों श्रेष्ठ विमान चालकों से सर्वश्रेष्ठ अंतरिक्ष यात्री चुने और चीन का शङ चाओ नामक अंतरिक्ष यान आकार में बड़ा है तथा उस के भीतर के यंत्र उपकरण आधुनिकतम सिद्ध हुए है , इस के अलावा चार बार मानव रहित परीक्षण से भी अच्छे अनुभव नसीब हुआ है ।

हमें मालूम है कि चीन ने बिलकुल अपनी शक्ति पर निर्भर रह कर अंतरिक्ष परियोजना का अनुसंधान व विकास किया है । अंतरिक्ष तकनीकों का स्तर और उस में प्राप्त सफलता किसी एक देश की आर्थिक , वैज्ञानिक व तकनीकी सकल शक्तियों का प्रतीक है , समानव अंतरिक्ष यान का प्रक्षेपण अंतरिक्ष तकनीकों के विकास का एक उच्च चरण है । अमरीका और रूस की तूलना में चीन अंतरिक्ष कार्य के कुछ क्षेत्रों में पिछड़ा है । समानव अंतरिक्ष यान के विकास से चीन को आधुनिक विज्ञान तकनोलोजी यानी दूर संचार , दूर संवेदन , वाहक राकेट , कम्प्युटर, नई किस्मों की सामग्री के अनुसंधान तथा कृषि के विकास में मदद व प्रेरणा मिलेगी और वाणिज्यक उपग्रह प्रक्षेपण बाजार में अपनी स्पर्धा शक्ति बढ़ जाएगी । विशेष कर चीन के अंतरिक्ष कार्य के भावी विकास के लिए आधार तैयार होगा ।

दरअसल समानव अंतरिक्ष यान छोड़ने की परियोजना सिर्फ चीन के समानव अंतरिक्ष उड़ान परियोजना का शुरूआती चरण है । चीन की अंतरिक्ष विकास परियोजना के अनुसार समानव अंतरिक्ष यान के सफल प्रक्षेपण के आधार पर चीन अंतरिक्ष में स्थाई स्टेशन स्थापित करने की कोशिश भी करेगा , ताकि वहां चीनी अंतरिक्ष यात्री रह कर अंतरिक्ष सर्वेक्षण कर सकें , इस के बाद चंद्रमा का सर्वेक्षण करने की योजना शुरू करेगा । फिर आगे मंगल का , ब्रहमांड के अन्य ग्रहों का, आदि आदि , वह दूर का सपना है , जिसे मानव जाति देखता आया है और देखता रहेगा ।

सूत्रों के अनुसार चीन समानव अंतरिक्ष उड़ान की सफलता के बाद कुछ ही सालों के अन्दर चंद्रमा सर्वेक्षण परियोजना का शुभारंभ करेगा, इस परियोजना का नाम रखा गया है छांग अ परियोजना , छांग अ प्राचीन चीनी पौराणिक कहानी की एक सुन्दर युवती थी, वह देव माता की दिव्य दवा खाने के बाद उड़ते हुए चंद्रमा पर जा पहुंची और वह अपनी प्यारी खरगोश के साथ बस गई । चंद्रमा जाने का सदियों पुराना प्राचीन चीनियों का यह सपना अब चीनी वैज्ञानिक पूरा करेंगे। चंद्रमा सर्वेक्षण परियोजना उपग्रह प्रक्षेपण तथा समानव अंतरिक्ष यान प्रक्षेपण परियोजनाओं के बाद चीन की तीसरी महान अंतरिक्ष योजना है, जो चीन के अंतरिक्ष कार्य के लिए और एक नया मील का पत्थर होगा ।

चीनी राष्ट्रीय अंतरिक्ष ब्यूरो के चंद्रमा सर्वेक्षण परियोजना केन्द्र के संबंधित अधिकारी ने कुछ समय पूर्व संवाददाता से कहा कि अब चीन की चंद्रमा सर्वेक्षण परियोजाना के विभिन्न तैयारी काम सुगल चल रहे हैं और चंद्रमा सर्वेक्षण उपग्रह वर्ष 2007 के अंत से पहले छोड़ा जाएगा ।

चीन की चंद्रमा सर्वेक्षण परियोजना का आरंभ पिछले साल से हुआ था ,इस के लिए भारी डिजाइन व योजना के काम किए गए और पिछले साल के नवम्बर से इस का प्रारंभिक निर्माण दौर शुरू हो गया । एक साल के प्रयासों और तकनीकी समस्याओं के समाधान के फलस्वरूप अब चंद्रमा सर्वेक्षण उपग्रह का नमूना बनाने की तकनीकें बुनियादी रूप से हल हो गई हैं ।