
चीन के तेज आर्थिक विकास पर भारतीय राजनितीज्ञों की निगाह टिकी हुई है और चीन से सीखने की समान अभिलाषा जागृत हो गयी है , खासकर 2003 वर्ष की 23 जून को पूर्व प्रधान मंत्री बिहारी वाजपेइ की चीन यात्रा के दौरान चीन भारत व्यापार बढ़ाने के आधार पर कई सहयोग समझौते संपन्न हुए । इस के बाद दोनों देशों के नेताओं ने संपन्न हुए संबंधित समझौतों को मूर्त रूप देने के लिये समाल प्रयास करने को कृतसंकल्प हैं ।
प्रिय मित्रो , जैसा कि आप जानते हैं कि पिछले कई हजारों वर्षों में इन दोनों देशों के बीच परम्परागत मैत्रीपूर्ण संबंध और सहयोग बने रहे हैं , विशेषकर वर्तमान आधुनिक काल में दोनों देशों के सामने गरीबी उन्मूलन , आर्थिक विकास, देश को पुनरूत्थान बनाने और जनता का जीवन स्तर उन्नत करने का समान मिशन मौजूद है । एक शब्द में भारत व चीन ये दोनों बड़े विकासशील देश बहुत से क्षेत्रों में एक दूसरे का पूरक माने जाते हैं । इसे ध्यान में रखकर दोनों देशों की सरकारे पिछले अनेक सालों से आपसी समझ , आर्थिक व व्यापारिक सहयोग व विविधतापूर्ण आवाजाही बढ़ाने पर अत्यंत महत्व देती आयी हैं । ऐसी स्थिति में चीन की राजधानी पेइचिंग में स्थापित भारत चीन व्यापार केंद्र ने इस संदर्भ में बड़ी भूमिका निभाई है ।
भारत चीन व्यापार केंद्र का कार्यालय चीन की राजधानी पेइचिंग के उत्तरी भाग के एक नवनिर्मित रिहायशी बस्ति में स्थित है । जुलाई का दिन था , तेज गर्मी से बचने के लिये मैं सुबह सुबह जल्दी से नाश्ता करने के बाद घर से निकली , कार पर सवार होकर लगभग एक घंटे के बाद मैं पेइचिंग के उत्तर पूर्वी क्षेत्र में चाउ यांग डिस्ट्रिकट के नम्बर एक शीबाह दक्षिण रोड पर स्थित सुनहरे द्वीप बागान नामक नवनिर्मित रिहायशी बस्ति में पहुंच गयी । भारत चीन व्यापार केंद का पेइचिंग कार्यालय इसी बस्ति के लान य्वान नाम के भवन की 19वीं मजिल पर है । कार्यालय में कदम रखते ही पांच सितारों वाला चीनी राष्ट्रीय ध्वज और तीरंगे वाला भारतीय राष्ट्रीय ध्वज साथ साथ लगे नजर आते हैं , दोनों देशों के राष्ट्रीय ध्वजों के पीछे एक काफी बड़ा दफ्तर है , जिस में कई कम्प्यूटर और जरूरी फर्निचर सुव्यवस्थित रूप से रखे हुए हैं और कई कर्मचारी अपने काम में मग्न हैं । जब मैं ने अपनी नजर दफ्तर की चारों तरफ दौड़ायी , तो कार्यालय के कार्यकारिणी अधिकारी श्री व्ई यूंग मेरी अगवानी के लिये सामने आये । श्री व्ई यूंग 35 साल के हैं और वह पूर्वी चीन के आनहुइ प्रांत रहने वाले हैं । पहले वे चीनी सामाजिक अकादमी के शहरी व ग्रामीण निर्माण आर्थिक अनुसंधान प्रतिष्टान में कार्यरत थे । गत वर्ष के जुलाई को उन्हों ने इस अनुसंधान प्रतिष्टान को छोड़कर दोनों देशों के आर्थिक आदान प्रदान व सहयोग को बढ़ावा देने के लिये भारत चीन व्यापार केंद्र के प्रथम कार्यकारी अधिकारी का पद संभाल लिया ।चश्मा लगाने वाले श्री व्ई यूंग एक बहुत सुशील व विचारशील जवान अनुभवी बुद्धिजीवी हैं । श्री व्ई यूंग ने भारत चीन व्यापार केंद्र का परिचय देते हुए कहा कि हमारे भारत चीन व्यापार केंद्र का उद्देश्य है कि वैज्ञानिक अनुसंधान , निर्णायक नीति के माध्यम से दोनों पक्षों के व्यापार व पूंजी निवेश को बढ़ावा दिया जाये और दोनों देशों के उद्योग व वाणिज्य जगतों की भागीदारी से एक साझे रणनीतिक आर्थिक व व्यापारिक व्यवस्था की स्थापना के लिये प्रयास किया जाये । भारत चीन व्यापार केंद्र दोनों देशों के वाणिज्य व आर्थिक आवाजाही के लिये अपना प्रयास
करने में क्रियाशील रहा है । उन्हों ने कहा कि चीन के तेज आर्थिक विकास पर भारतीय राजनितीज्ञों की निगाह टिकी हुई है और चीन से सीखने की समान अभिलाषा जागृत हो गयी है , खासकर 2003 वर्ष की 23 जून को पूर्व प्रधान मंत्री बिहारी वाजपेइ की चीन यात्रा के दौरान चीन भारत व्यापार बढ़ाने के आधार पर कई सहयोग समझौते संपन्न हुए । इस के बाद दोनों देशों के नेताओं ने संपन्न हुए संबंधित समझौतों को मूर्त रूप देने के लिये समाल प्रयास करने को कृतसंकल्प हैं ।
वे यूंग ने कहा कि ऐसी स्थिति में भारत चीन व्यापार केंद्र के महा सचिव साकीब जी ने हमारे सामने यह प्रश्न रखा कि भारत व चीन के बीच आर्थिक व व्यापारिक संबंध कैस बढावा दिया जाये । सच कहू यह एक बहुत सरल व कठिन सवाल ही है । दोनों देशों का आर्थिक व व्यापारिक संबंध विकसित करना आधुनिक जमाने का तकाजा है और हमारा ऐतिहासिक दायित्व भी है । इसे पूरा किया जाना ही होगा । इसलिये हम ने गत दिसम्बर को पेइचिंग में चीन भारत आर्थिक व व्यापारिक संगोष्टी बुलाई , इस वर्ष अप्रैल में चीन के कई बड़े बड़े लौहा ईस्पात उद्यमों को भारत की यात्रा पर निमंत्रण दिलाया ।
चीन भारत की वर्तमान व भावी सहयोग की योजनाओं का उल्लेख करते हुए श्री व्ई यूंग ने कहा कि उच्च स्तरीय नीतियों पर अनुसंधान के जरिये भारतीय उद्यमियों के साथ लौहा ईस्पात , टेक्सटाइल , सौफ्टवेयर , मशीन निर्माण आदि क्षेत्रों में सहयोग बढायेंगे ।
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