
चीन व भारत आज की दुनिया में सब से बड़े विकासशील देश ही नहीं , दोनों निकट पड़ोसी देश भी हैं । पिछले कई हजारों वर्षों में इन दोनों देशों के बीच परम्परागत मैत्रीपूर्ण संबंध और सहयोग बने रहे हैं , विशेषकर वर्तमान आधुनिक काल में दोनों देशों के सामने गरीबी उन्मूलन , आर्थिक विकास, देश को पुनरूत्थान बनाने और जनता का जीवन स्तर उन्नत करने का समान मिशन मौजूद है । एक शब्द में भारत व चीन ये दोनों बड़े विकासशील देश बहुत से क्षेत्रों में एक दूसरे का पूरक माने जाते हैं ।
चीन का भ्रमण कार्यक्रम पसंद करने वाले मित्रों को हमारा नमस्कार । आज के चीन का भ्रमण कार्यक्रम में चीन के किसी रमणीक स्थल के प्राकृतिक सौंदर्य का लुत्फ लेने के बजाये राजधानी पेइचिंग में स्थापित भारत चीन व्यापार केंद्र देखने आप को ले चलते हैं । मुझे पता है कि आप को इस व्यापार केंद्र के बारे में जानकारी पाने में रूचि ही होंगे । तो आइये मेरे साथ चलिये इस भारत चीन व्यापार केंद्र देखने ।
श्रोताओ , जैसा कि आप जानते हैं कि चीन व भारत आज की दुनिया में सब से बड़े विकासशील देश ही नहीं , दोनों निकट पड़ोसी देश भी हैं । पिछले कई हजारों वर्षों में इन दोनों देशों के बीच परम्परागत मैत्रीपूर्ण संबंध और सहयोग बने रहे हैं , विशेषकर वर्तमान आधुनिक काल में दोनों देशों के सामने गरीबी उन्मूलन , आर्थिक विकास, देश को पुनरूत्थान बनाने और जनता का जीवन स्तर उन्नत करने का समान मिशन मौजूद है । एक शब्द में भारत व चीन ये दोनों बड़े विकासशील देश बहुत से क्षेत्रों में एक दूसरे का पूरक माने जाते हैं । इसे ध्यान में रखकर दोनों देशों की सरकारे पिछले अनेक सालों से आपसी समझ , आर्थिक व व्यापारिक सहयोग व विविधतापूर्ण आवाजाही बढ़ाने पर अत्यंत महत्व देती आयी हैं । प्रशंसनीय बात है कि इधर कई सालों में दोनों देशों के नेताओं ने एक दूसरे की उच्च स्तरीय यात्राओं के जरिये दोनों देशों के मैत्रीपूर्ण संबंध व सहयोग को और अधिक बढावा देने में अनेक प्रभावकारी ठोस कदम भी उठाये हैं , जिस से दोनों देशों के मैत्रीपूर्ण संबंध और घनिष्ट हो गये हैं और आर्थिक व व्यापारिक विकास में उल्लेखनीय उपलब्धियां प्राप्त हो पायी हैं । चीन की राजधानी पेइचिंग में स्थापित भारत चीन व्यापार केंद्र ने इस संदर्भ में बड़ी भूमिका निभाई है ।
कुछ समय से पहले मुझे इस केंद्र के कार्यालय का दौरा करने का मौका मिला और इस कार्यालय के प्रथम कार्यकारी प्रतिनिधि श्री वू यूंग से मेरी मुलाकात हुई ।
मित्रो , अभी हम ने बता दिया है कि भूमंडलीय आर्थिक विकास के चलते चीन व भारत आज की दुनिया में सब से बड़े विकासशील देश ही नहीं , उन का आर्थिक विकास सब से तेज गति से चल रहा है और दोनों देशों के सामने देश को पुनरूत्थान बनाने और जनता का जीवन स्तर उन्नत करने का समान लक्षय मौजूद है , और तो और इधर सालों में दोनों देशों के नेताओं ने एक दूसरे की उच्च स्तरीय यात्राओं के जरिये दोनों देशों के मैत्रीपूर्ण संबंध व यहयोग को और अधिक बढावा देने में अनेक प्रभावकारी कदम भी उठा दिये हैं । ऐसी स्थिति में भारत चीन व्यापार केंद्र 1997 में नयी दिल्ली में स्थित भारतीय राजीव गांधी कोष के मुख्यालय में स्थापित हुआ और इस केंद्र का महा सचिव डाक्टर साकिब हैं । दोनों देशों के बीच आवाजाही व व्यापारिक संबंध बढ़ने के मद्देनजर 2000 में भारत चीन व्यापार केंद्र के पेइचिंग कार्यालय की स्थापना विधिवत रूप से पेइचिंग में की गयी और वह इसी राजीव गांधी कोष के अधीन में भी है । श्री वे युंग अब भारत चीन व्यापार केंद्र के पेइचिंग कार्यालय के प्रथम कार्यकारी प्रतिनिधि हैं ।
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