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(GMT+08:00) 2005-10-11 14:44:21    
 हिन्दी प्रसारण सराहनीय है

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आजमगढ़ उत्तर प्रदेश के राजेश शर्मा ने सी .आर .आई के हिन्दी विभाग के नाम भेजे पत्र में कहा कि मैं बराबर आप के यहां पत्र भेज रहा हूं और आप के हिन्दी कार्यक्रम आज का तिब्ब्त और पेइचिंग के बारे में थोड़ी थोड़ी जानकारी हासिल हुई है । आप का प्रोग्राम मुझे बेहद भाता है । काश , आप मुझे भी उन्हीं क्लबों में जो पहले से संग्रहित किया गया है , शामिल करते । काश , आप मेरे यहां भी खुशियों से भरा उत्तर देते । मुझे आप लोगों जैसे बुद्धिमान कार्यकर्ताओं पर यह बेहद भरोसा है कि आप लोग मेरे क्लब को जल्द ही शामिल करेंगे और तुरंत उत्तर भेज कर मुझे खुश करेंगे । मैं आप का हिन्दी प्रसारण बेहद दिल लगा कर सुनता हूं ।

मऊ उत्तर प्रदेश के आशिक एलाही ने हमें लिखे पत्र में कहा कि मैं चाइना रेडियो इंटरनेशनल का पुराना श्रोता हूं । आप के कार्य़क्रम आज का तिब्बत से हमें बहुत रोमांचक और रूचि बनी रहती है । आप का कार्यक्रम हमारे क्लब और श्रोतागण बहुत ही रोमांचक और चाव से सुनते हैं । चाइना रेडियो इंटरनेशनल , जिस का पुराना नाम रेडियो पेकिंग था , ने वर्ष 1957से ही अपने हिन्दी विभाग की स्थापना की तैयारी कर दी थी . इस के दो साल बाद वर्ष 1959 के 15 मार्च से हिन्दी प्रसारण की औपचारिक शुरूआत हुई थी । हम सब क्लब वासियों ने एक मीटिंग की थी , जिस में सब क्लबों के सदस्य शामिल थे , हमारी मीटिंग में हमें यह बताया गया कि आज का तिब्बत कार्यक्रम के बारे में हमें जानकारी दी गई है । चाइना रेडियो इंटरनेशनल चैनल हमारे दिल में पूरी तरह सिमट चुका है ।

रोहतास बिहार के फिरदौस खुर्शीद ने सी .आर .आई के हिन्दी विभाग को भेजे खत में कहा कि आप के द्वारा भेजा गया पत्र और लिफाफा पा कर हमें बेहद खुशी हुई । यह जान कर और भी खुशी हुई कि सी .आर .आई अपने नए श्रोताओं को भी पुराने श्रोताओं की तरह अपने कार्यक्रम में स्थान देना शुरू किया है । सी .आर .आई द्वारा प्रसारित एक आलेख चिनफान भाई की आवाज में रेगिस्तान में अंगूर की खेती शीर्षक आलेख ने हमारी आंखें खोल दी । मुझे आश्चर्य में डाल दिया और यह कहने पर मजबूर किया कि मेहनत के बल पर रेगिस्तान में भी फुल उगा जा सकता है । लेकिन चीन में तो अंगूर का बगान ही रेगिस्तान में उगा कर दुनिया को आश्चर्य में डाल दिया है । इस तरह के आलेख प्रस्तुत करने के लिए चिनफांग को मेरी ओर से बधाई ।

आप का पत्र मिला , चीन का भ्रमण , चीन का प्राचीन इतिहास मैं प्रति सप्ताह सुनती हूं , चीनी बोलना सीखने से कई चीनी शब्दों का ज्ञान हमें हो चुका है । आप की पसंद कार्यक्रम में रूपा जी की मीठी आवाज काफी पसंद आयी , लेकिन इस प्रोग्राम में हमारे पत्र शामिल नहीं किए गए , जिस का हमें दुख है । आशा करती हूं कि आप की पसंद में हमारे पत्र शीघ्र ही शामिल करेंगे । सवाल जवाब प्रोग्राम भी काफी अच्छा है और ज्ञानवर्धक है ।

कलेर बिहार के मोहम्मद आसिफ खान ने हमें भेजे पत्र में कहा कि चीन में निर्माण और सुधार कार्यक्रम के अन्तर्गत चिनफांग भाई द्वारा प्रस्तुत किया गया आलेख रेगिस्तान में अंगूर की खेती , अंगूर मदिरा के निर्माता के बारे में जो जानकारी दी गई , उस से सुन कर हम श्रोताओं की आंखें खोल दी । रेगिस्तान में अंगूर की खेती सचमुच पत्थर पर दुब उगाने जैसा कार्य है । मेहनत और लगन दोनों साथ हो , तो सबकुछ आसान है । यह कार्यक्रम श्रोताओं के लिए मार्ग दर्शन का कार्य करेगा ।

आप का पत्र मिला , सवाल जवाब , चीन का प्राचीन इतिहास तथा चीनी बोलना सीखे बहुत ही अच्छा चल रहा है । आप की पसंद में चंद्रिमा की जगह रूपा की मधुर आवाज सुन कर सकून हासिल हुआ है । गीत से अधिक उन की आवाज हमें पसंद आयी । मेरा सुझाव आप की पसंद कार्यक्रम रूपा जी ही प्रसारित करे ।

पावना बंगलादेश के फिरोज आलम ने सी .आर.आई के हिन्दी विभाग के नाम लिखे पत्र में कहा कि मैं भारतीय समय के अनुसार साढ़े नौ से साढे दस तक , बंगलादेश के समय के अनुसार दस से ग्यारह यु .टी .सी समय के सोलह से सतरह तक सात हजार दो सौ पैंतीस किलोहर्ज पर आप का कार्यक्रम सुनता हूं । सी .आर .आई का समाचार , रिपोर्ट , कारबार व्यापार , खेल खिलाड़ी , श्रोता मंच , चीनी अल्पसंख्यक जाति , विज्ञान शिक्षा व स्वास्थ्य , चीन का भ्रमण , सांस्कृतिक जीवन , आज का तिब्बत , जीवन और समाज , आप की पसंद , चीनी गीत संगीत और चीन का इतिहास सुनता हूं ।

चीनी बोलना सीखे मेरा बहुत पसंद कार्यक्रम हैं ,लेकिन बोलना सीखने वाली पुस्तक नहीं मिली है ।

हम फिरोज आलम का अपने नियमित श्रोता के रूप में हार्दिक स्वागत करते हैं , एक बंगला देश का अहिन्दी भाषी व्यक्ति होने के बावजूद आप हमारा हिन्दी कार्यक्रम सुनते हैं और पसंद भी करते हैं , इस से हम बहुत प्रभावित हुए हैं और हम आप के आभारी हैं , आशा है कि हमें आप का पत्र मिलता रहेगा ।

पगनकोट पंजाब के ए. कुमार शर्मा और रशिमी शर्मा ने हमें लिख कर सी .आर .आई से चीन के बारे में जानकारी पाने को कहा है । श्री ए. कुमार शर्मा ने कहा कि मैं आप की हिन्दी सेवा के सभी प्रोग्राम लम्बे समय से सुन रहा हूं , सभी कार्यक्रम अच्छे , रोचक और ज्ञानवर्धक है . कृपया चीन की अधिक जानकारी के लिए पुस्तकें और गाईड भेजें , मैं आप की जानकारी के लिए आप का आभारी रहूंगा , आशा है कि आप का प्रेमपूर्ण सहयोग जल्दी ही प्राप्त होगा।

बहन रशिमी शर्मा ने अपने पत्र में लिखा है कि मैं सी .आर .आई की हिन्दी सेवा के सारे प्रोग्राम लम्बे समय से सुन रही हूं . हिन्दी प्रसारण के सभी कार्यक्रम रोचक और जानकारी वाले हैं । मैं चीन की पूरी जानकारी प्राप्त करना चाहती हूं । आशा है कि मुझे आप का जवाब व सहयोग जल्दी ही प्रेम से मिलेगा ।