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(GMT+08:00) 2005-09-29 16:03:58    
चीन लोक गणराज्य की स्थापना की 56 वीं वर्षगांठ की खुशियां

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इस वर्ष की पहली अक्तूबर को चीन लोक गणराज्य की स्थापना की 56 वीं वर्षगांठ है ।चीन भर में उस की खुशियां मना रही हैं । सुप्रसिद्ध तिब्बती गायिका छेतानचोमा राजधानी पेइचिग में अपना सुन्दर कार्यक्रम प्रस्तुत कर रही हैं । उन के कार्यक्रम का आंखों देखा हाल cctv के जरिये देश विदेश में प्रसारित किया जा रहा है ।देश विदेश में बहुत से दर्शक उन के कार्यक्रम का आनंद उठा रहे हैं । 

मित्रो यहां बता दें कि पहली अक्तूबर को चीन लोक गणराज्य की स्थापना की 56 वीं वर्षगांठ है ।चीन भर में उस की खुशियां ही खुशियां नजर रही हैं । इन दिनों सुप्रसिद्ध तिब्बती गायिका छेतानचोमा राजधानी पेइचिग में अपना सुन्दर कार्यक्रम प्रस्तुत कर रही हैं । उन के कार्यक्रम का आंखों देखा हाल cctv के जरिये देश विदेश में प्रसारित किया जा रहा है । यहां बता दें कि गणमान्य तिब्बती नेता श्री श्री नगापोई नगावांग जिगमे का चित्रसंग्रह 19 सितंबर को पेइचिंग में प्रथम बार प्रकाशित किया गया। 96 वर्षीय नगापोई नगावांग जिगमे ने चीन के तिब्बत की शांतिपूर्ण मुक्ति, लोकतांत्रिक रूपांतरण तथा स्वशासन क्षेत्र की तैयारी के कार्य में भागीदारी की थी। वे तिब्बत स्वायत प्रदेश की जन कमेटी के प्रथम अध्यक्ष भी रहे।चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की केंद्रीय कमेटी की एकता मोर्चा मंत्री सुश्री ल्यू येन तुंग ने कहा कि इस चित्रसंग्रह के प्रकाशन ने चतुर्मुखी रूप से श्री नगापोई नगावांग जिगमे के जीवन और तिब्बत में ऐतिहासिक परिवर्तन को प्रतिबिंबित किया है, जो तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की स्थापना की 40वीं वर्षगांठ पर एक मूल्यवान उपहार है।

मित्रो हाल ही में हमारी संवाददाता को पेइचिग में तिब्बती प्रोफेसर तानबारोतान के साथ बातचीत करने का मौका मिला । प्रोफेस तानबारोतान का कहना है कि वे तिब्बत स्वायत प्रदेश की राजधानी लहासा में स्थित तिब्बती विश्वविद्दालय के कला कालेज में कार्यरत हैं ।उन्हें इस कालेज में काम करते हुए अनेक वर्ष हो चूके हैं । 64 वर्षीय तानबारोतानने बताया कि हाल ही में उन्हों ने अपनी पत्नी के साथ जापान की यात्रा की । यात्रा के दौरान जहां वे गये वहां उन का स्वागत किया गया । प्रोफेस तानबारोतान के अनुसार जापान की यात्रा के दौरान उन्हों ने बौध्द विद्यालय में तिब्बत में प्रचरित कला के बारे में रियोर्ट की ।उन की रियोर्ट लोकप्रिय रही । प्रोफेस तानबारोतान का कहना है कि इधर के वर्ष उन्हों ने होलैंड और ब्रिटेन की यात्रा की थी ।वहां के बहुत से लोगों में तिब्बती कला की बड़ी रूचि रही और उन्हों ने उन से पूछे एक के बाद एक अनेक सवाल पूछे ।उन्हों ने उन के पूछे सवालों का अच्छी तरह जवाब किया । फलस्वरूप देश विदेश में वे बहुत नामी होने लगे ।मित्रो क्या आप जानना चाहते हैं तिब्बती विश्वविद्यालय कैसे बोलते हैं तो सुनिये प्रोफेस तानबारोतान आप को बता रहे हैं ।मित्रो प्रोफेस तानबारोतानके अनुसार अब तिब्बती विश्वविद्यालय में कुल 3 हजार से अधिक छात्र व छात्राएं पढ़ रहे हैं और उस के अधिन कला कालेज में कुल 300 से अधिक छात्र व छात्राएं पढ़ रहे हैं ।वे तिब्बत स्वायत प्रदेश के गौर्व हैं । प्रोफेस तानबारोतान के अनुसार उन के परिवार में कुल 4 सदस्य हैं ।दंपत्ति के एक बेटी और एक बेटा हैं । वे दोनों कालेज नें में पढ़ रहे हैं । उन की बेटी एक इंजिनियर कालेज में और उन का बेटा तो उन के कला कालेज में पढ़ता है । दोनों लगन से पढ़ रहे हैं ।स्नातक होने के बाद वे तिब्बत स्वायत प्रदेश के विकास के लिये अपनी प्रतिभा दिखायेंगे ।प्रोफेस तानबारोतान का कहना है कि पिछले 40 वर्षों में तिब्बत स्वायत प्रदेश का बड़ा विकास हुआ है । स्थानीय लोगों के जीवन में बड़ा सुधार आया है । तिब्बत स्वायत प्रदेश का जो विकास हुआ है वह प्रशंसनीय है ।मित्रो आज श्री तानबारोतान ने हमें बहुत कुछ बताया है । हम उन के आभारी हैं । मित्रो क्या आप जानना चाहते हैं कि तिब्बती भाषा में धन्यवाद द कैसे बोलते हैं तो सुनिये श्री तानबारोतान हम बता रहे हैं । एक बार फिर सुनिये । मित्रो याद रखिये तिब्बती भाषा में धन्वाद एसा बोलते हैं । मित्रो इधर के वर्ष आप हमारे नि.मित कार्यक्तर आज का तिब्बत को भरपूर समर्थन करते रहे हैं । आप के धन्यवाद के लिये हम आप की सेवा जारी रखेंगे । यहां बता दें कि इन दिनों देश विदेश के बहुत से यात्री तिब्बत स्वायत प्रदेश की यात्रा कर रहे हैं । उन का कहना है कि तिब्बत स्वायत प्रदेश कितना सुन्दर और कितना विकसित है ।