पेइचिंग का पर्यटन करने वाले हों, या पेइचिंग में रहने वाले विदेशी, अधिकांश पेइचिंग की गलियों को बहुत पसंद करते हैं। पेइचिंग की यात्रा करने वाले विदेशी यदि पेइचिंग की गलियों की सैर नहीं करते, तो उन्हें महसूस होता है कि उनकी यात्रा बहुत सफल नहीं रही। यदि उन के पास समय हुआ, तो वे गलियों में स्थित होटलों में रहना पसंद करते हैं। यों पेइचिंग में लम्बे समय तक काम करने या पढ़ने के लिए आने वाले विदेशी गलियों में रहना पसंद करते हैं। कुछ समय पहले, हमारी पेइचिंग की च्वूर नामक गली को पसंद करने वाले कुछ विदेशियों से मुलाकात हुई।
पेइचिंग की गलियों का पुराने पेइचिंग की वास्तुकला से घनिष्ठ संबंध है। पहले पेइचिंग के नागरिक आम तौर पर चारदिवारी वाले छोटे घरों में रहते थे और ये आवास छोटी सड़कों-गलियों से जुड़े थे। पेइचिंग की गलियों का कोई आठ सौ वर्षों का इतिहास है। ये गलियां और इनके चारदिवारी वाले आवास पुराने पेइचिंगवासियों के जीवन का प्रमुख स्थल रहे और उनकी आदतों, रीति-रिवाज़ों तथा संस्कृति को बरकरार रखने वाले स्थल भी।
च्वूर गली पेइचिंग के पूर्वी क्षेत्र में स्थित है। इस की लम्बाई 400 मीटर से कुछ अधिक है। यह चार-पांच सौ वर्ष पुरानी गली है। पुराने समय में यहां अनेक सरकारी अधिकारी व नेता रहते थे। गलियों में अब भी ऐसे अनेक पुराने आवास हैं। इन आवासों में रहने वाले पेइचिंगवासियों का जीवन अनेक विदेशियों को आकर्षित करता है। गलियों में आते-जाते नागरिकों से अक्सर उनकी मुलाकात भी होती है।
इस गली में हमारी मुलाकात जर्मनी से आये वस्तु इंजीनियर श्री बर्ना हार्द साओरबिएर से हुई। श्री बर्ना पेइचिंग की एक वास्तु अनुसंधान संस्था में कार्यरत हैं। वे हाल ही में बर्लिन से पेइचिंग पहुंचे। उन्होंने बताया कि वे यहां मकान ढूंढ रहे हैं। श्री बर्ना ने कहा कि उन्होंने इस जगह को इसलिए चुना क्योंकि उन्हें पेइचिंग की गलियों का माहौल बहुत पसंद है। उन के अनुसार, मुझे यह बहुत अच्छा स्थल लगता है। देखने में यहां के वास्तु पुराने हैं, फिर भी यहां का जीवन बहुत सुविधाजनक है। लोग पुराने आंगनों में फूल उगाते हैं, आराम करते हैं और बच्चे खेलते हैं। इस तरह का दृश्य अब जर्मनी में बहुत कठिन हो गया है। गली पेइचिंग की वास्तुकला की प्रतिनिधि है और पेइचिंग के इतिहास का एक भाग भी।
इस समय च्वूर गली में 200 से ज्यादा परिवार रहते हैं, जिन में लगभग 40 विदेशी हैं। वे ब्रिटेन, अमरीका, फ्रांस, जर्मनी और इजराइल आदि अनेक देशों से हैं। इन में से कई विदेशी कंपनियों के कर्मचारी हैं, संवाददाता हैं, विद्यार्थी हैं या स्वतंत्र रोजगार करने वाले लोग।
श्री खोंग बाओ रे इजराइल के हैं। उन्हें यह चीनी नाम उन के एक चीनी मित्र ने दिया है। उन का असली नाम बालु खोहेन है। सात वर्ष पहले, श्री खोंग बाओ रे पेइचिंग आये और अब पेइचिंग के एक अंग्रेज़ी अखबार में स्वतंत्र लेखक हैं।
श्री खोंग बाओ रे मित्रों के जरिए च्वूर गली पहुंचे। हालांकि उन्हें चीन आये बहुत समय नहीं हुआ फिर भी वे आसान चीनी में पड़ोसियों के साथ बातचीत कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि हालांकि उन की चीनी भाषा बहुत शुद्ध नहीं है, फिर भी गली में रहने वाले निवासी उन के साथ बातचीत करना पसंद करते हैं। उन्हें लगता है कि यहां के लोग उदार व गर्मजोश है। उन्हें पेइचिंग का अपना यह घर बहुत पसंद है।श्री खोंग ने कहा,यहां के नागरिक बहुत मैत्रीपूर्ण हैं। उन के मुख पर हमेशार मुस्कराहट रहती है। हालांकि मेरी चीनी बहुत खराब है, फिर भी गली में लोग मुझसे साथ बातचीत करने से इनकार नहीं करते। मैं इससे बहुत प्रभावित हूं। यह भी एक कारण है कि मुझे यहां रहना पसंद है।
श्री खोंग बाओ रे ने कहा कि फुरसत के समय वे गली के श्याओ शिन नामक कॉफी बार में कॉफी पीते हैं। उन का कहना है कि वहां के केक बहुत स्वादिष्ट हैं।
पेइचिंग की च्वूर गली में रहने वाले विदेशी स्थानीय नागरिकों के साथ मेलजोल से रहते हैं। फुरसत के समय वे एक साथ गपशप करते हैं। गली में फल बेचने वाली सुश्री जडं फंग ईंग के यहां से ये विदेशी अकसर फल खरीदते हैं। उन के अनुसार, विदेशी लोग बहुत शिष्ट हैं। वे अक्सर मुझ से चीनी भाषा में बातचीत करते हैं।
च्वूर गली तथा आसपास के कई निजी रेस्तरांओं में भी विदेशी पर्यटक अक्सर आते हैं। गली के निकट छिन ज्वू व्येन नामक निजी होटल भी है। इस छोटे होटल में तीस बिस्तर हैं और उनका एक दिन का दाम 210 य्वान है। इसकी मैनेजर सुश्री च्याओ सू ह्वा ने बताया कि खुलने के एक महीने के बाद से यह लगभग हर दिन भरा रहता है। हमने भी पाया कि वहां आने-जाने वाले अधिकतर लोग विदेशी पर्यटक हैं। इस होटल के युवा कर्मचारी अंग्रेजी में मेहमानों के सवालों के उत्तर देते हैं।
ब्रिटिश पर्यटक ख्रीस्टोफ तथा उन की सहेली कुछ हफ्ते पहले चीन आयी। वे चीन के शांगहाई व शीएन की यात्रा करने के बाद पेइचिंग आये। मित्रों ने उन्हें छिन ज्वू व्येन होटल का परिचय दिया तो वे यहां रहने आये और यहां के दाम, सेवा तथा पुराने पेइचिंग की संस्कृति तथा वातावरण से अत्यन्त संतुष्ट हैं। श्री ख्रीस्टोफ ने कहा, यह एक अच्छा होटल है। यहां विभिन्न देशों के आये पर्यटक मेल से रहते हैं। यहां की सेवा अच्छी है और दाम भी उचित है।
आज का पेइचिंग एक बड़ा आधुनिक शहर है। पेइचिंग में जगह-जगह में ऊंची इमारतें दिखती हैं और सड़कों पर गाड़ियां आती-जाती। इस के बावजूद पेइचिंग म्युनिसिपल सरकार शहर की गलियों की रक्षा को बड़ा महत्व देती है। स्थानीय सरकार ने पुराने क्षेत्र में वास्तुओं की ऊंचाई को नियंत्रित किया है और मनमाने तरीके से यहां की सड़कों का विस्तार नहीं होने दिया। कुछ गलियों में उसने मोटर गाड़ियों के आने-जाने पर पाबंदी भी लगाई है। इसलिए, पेइचिंग की गलियों में बड़ी सड़कों की तुलना में भीड़भाड़ नहीं होती।
पेइचिंग में च्वूर गली की तरह कोई हजार गलियां हैं। विदेशियों के लिए वे पेइचिंग के एक अनूठा दृश्य बनाती हैं। गली पेइचिंग की परम्परागत सभ्यता का एक भाग है और विदेशियों के लिए पुराने पेइचिंगवासियों को जानने की एक खिड़की भी।
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