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(GMT+08:00) 2005-09-26 16:25:22    
चीन की गाड़ी, शाकाहारी

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आज के इस कार्यक्रम में हम बिहार के इजराइल कस्तूरी, हलीमा कातून, मिकाइल अंसारी, मऊनाथ भंजन, उत्तर प्रदेश के फैज़ अहमद फैज़, जीशान अहमद अंसारी, नूरुल हसन अंसारी, मुहम्मद शाहीद अंसारी, मऊ, उत्तर प्रदेश के निजाम अंसारी और केसिंगा, उड़ीसा के सुरेश अग्रवाल के पत्र शामिल कर रहे हैं।

अब हम मऊनाथ, भंजन उत्तर प्रदेश के फैज़ अहमद फैज़, जीशान अहमद अंसारी, नूरुल हसन अंसारी और मुहम्मद शाहीद अंसारी का पत्र ले रहे हैं। उन्होंने पूछा है कि चीन में सरकारी व निजी मोटर गाड़ियों की कुल संख्या कितनी है।

पिछले एक अरसे में चीन में मोटर गाड़ियों की संख्या में बड़ी वृद्धि हुई है। वर्ष 1994 में चीन में मोटर गाड़ियों की संख्या 94 लाख 14 हजार थी। इन में निजी गाड़ियों की संख्या 20 लाख 54 हजार 200 थी। वर्ष 1996 में मोटर गाड़ियों की संख्या बढ़ कर 1 करोड़ 10 लाख जा पहुंची, इन में निजी गाड़ियों की संख्या 28 लाख 96 हजार 700 थी। 1998 में चीन में मोटर गाड़ियों की संख्या 1 करोड़ 31 लाख 93 हजार रही, जबकि निजी गाड़ियों की संख्या 42 लाख 35 हजार 500। 2000 में गाड़ियों की संख्या बढ़ कर 1 करोड़ 60 लाख 89 हजार जा पहुंची, जिन में निजी गाड़ियां 62 लाख 53 हजार थीं। 2001 में गाड़ियों की संख्या 1 करोड़ 80 लाख 20 हजार रही, इन में निजी गाड़ियां 77 लाख रहीं। 2002 में गाड़ियों की संख्या 2 करोड़ 5 लाख 31 हजार रही और निजी गाडियां 96 लाख 90 हजार। 2003 में गाड़ियों की संख्या 2 करोड़ 38 लाख 30 हजार जा पहुंची और निजी गाड़ियों की संख्या बढ़ कर 1 करोड़ 22 लाख रही।

2004 में गाड़ियों की संख्या 2 करोड़ 74 लाख 22 हजार जा पहुंची और निजी गाड़ियों की संख्या बढ़ कर 1 करोड़ 36 लाख 50 हजार हो गई।

राजधानी पेइचिंग के यातायात प्रशासन के एक प्रभारी श्री ल्यू हाई-श्याओ ने हाल में जानकारी दी कि इस वर्ष पेइचिंग में मोटर गाड़ियों की संख्या 24 लाख 10 हजार रही। इन में निजी गाड़ियों की संख्या 16 लाख 50 हजार को पार कर गई।

श्री ल्यू ने कहा कि नए चीन की स्थापना के समय पेइचिंग में मोटर गाड़ियों की संख्या कुछ हजार भर थी। वर्ष 1997 में पेइचिंग में गाड़ियों की संख्या 10 लाख को पार कर गई। पर 1997 से 2003 तक पेइचिंग में गाड़ियों की संख्या बढ़ कर 20 लाख तक जा पहुंची। इस वर्ष पेइचिंग में मोटर गाड़ियों की संख्या बढ़ कर 24 लाख 10 हजार जा पहुंची। इन में निजी गाड़ियों की संख्या 16 लाख 50 हजार को पार कर गई। हर रोज 1000 नई कारें सड़क पर उतरती हैं। लाइसेंस प्राप्त गाड़ी चालकों की संख्या 37 लाख 30 हजार को पार कर गई है।

पेइचिंग में गाड़ियों की संख्या की वार्षिक वृद्धि दर 10 प्रतिशत है। कहा जाता है कि वर्ष 2008 तक यानी 29 वें आलंपिक खेलों के आयोजन के समय पेइचिंग में गाड़ियों की संख्या बढ़ कर 35 लाख तक जा पहुंचेगी। पेइचिंग में यातायात इतना भीड़भरा है कि सरकार शहर में गाड़ियों की संख्या को 32 लाख पर नियंत्रित करना चाहती है।

अब मऊ, उत्तर प्रदेश के निजाम अंसारी का पत्र देखें। उन्होंने पूछा है कि चीन में यातायात के मुख्य साधन क्या हैं औऱ कितने लोगों के पास साइकिलें, दोपहिया गाड़ियां, कारें और छोटे हवाई जहाज हैं तथा किन-किन वाहनों के लिए कर देना पड़ता है।

निजाम अंसारी भाई, चीन में यातायात के प्रमुख साधन बस, मेट्रो, कार, मोटर साइकिल, इलेक्ट्रिक साइकिल व साइकिल हैं।

चीन में दोपहिया गाड़ियों में अधिकांश मोटर साइकिलें ही हैं। इस समय चीन में 8 करोड़ व्यक्तियों के पास दो पहिया गाड़ियां हैं जिन में 1 करोड़ 60 लाख स्कूटर हैं।

इस समय चीन में कोई 50 करोड़ व्यक्ति साइकिल चलाते हैं और उन के पास 60 करोड़ साइकिलें हैं। चीन में अर्थतंत्र के विकास के साथ यातायात में साइकिल का प्रयोग कम हो गया है।कुछ लोग अवकाश के समय साइकिल चलाने का मजा लेते हैं।

इधर चीन में इलेक्ट्रिक साइकिलों का प्रयोग बढ़ा है। इस समय चीन में एक करोड़ 50 लाख व्यक्तियों के पास इलेक्ट्रिक साइकिलें हैं। इनकी वृद्धि तेज गति से हो रही है।  

पिछले 10 साल में चीन में निजी कारों की संख्या में 5 गुनी वृद्धि हुई है। वर्ष 1994 में चीन में कारों की संख्या 94 लाख थी। इन में से निजी कारें 20 लाख 50 हजार मात्र थी। पर इस समय चीन में निजी कारों की संख्या 1 करोड़ 36 लाख 50 हजार है।

पहले चीन में निजी विमान नहीं थे। पर इस समय लाइसेंस प्राप्त निजी विमानों की संख्या शायद 240 है। सरकार ने निजी विमानों की उड़ान के लिए सुविधाजनक नीति बनाई है, पर महंगी कीमतों के कारण इस की वृद्धि में तेजी नहीं आ सकती।

चीनी सार्वजनिक यातायात संचालन विभाग के अनुसार, चीन में दो पहिया वाहनों, कारों, बसों के लिए कर देना पड़ता है।

और अंत में केसिंगा उड़ीसा के सुरेश अग्रवाल का पत्र देखें। उन्होंने पूछा है क्या चीन में भारतीय शुद्ध शाकाहारी भोजन भी मिलता है।

सुरेश अग्रवाल भाई, चीन में भी कई लोग शाकाहारी हैं। बौद्धमत व ताओमत के भिक्षु-भिक्षुणी, अनुयाई अपने धार्मिक विश्वास के चलते शाक भाजी खाते हैं, पर कुछ लोग स्वास्थ्य बनाये रखने के लिए शाकाहारी हैं। ऐसे लोगों के विचार में शाकाहार स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है। ये लोग मांस, मछली व अंडे के स्थान पर साग सब्जी, कुकुरमत्ते और सोयाबीन का आहार लेते हैं।

बौद्धमत व ताओमत के भिक्षु-भिक्षुणी अपने मठों में शाकाहारी भोजन करते हैं। पर आम लोग घर पर शाकाहारी भोजन पकाते हैं। चीन में शाकाहारियों की संख्या इधर बहुत बढ़ी है, इसीलिए हर शहर में शाकाहार रेस्तरां भी हैं जहां साग-सब्जियों के अलावा सोयाबीन और ताजा फलों की तरकारी परोसी जाती है।

भारतीय शुद्ध शाकाहारी भोजन कुछ बड़े होटलों के रेस्तरां में मिलता है, पर उसकी ऊंची कीमत के कारण आम लोग वहां कम ही जाते हैं।

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