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(GMT+08:00) 2005-09-23 11:58:56    
तिब्बती किसानों का नया जीवन

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ग्याला गांव की उर्गयेन सोमो के घर के आंगन में उनके दो पोते खेल रहे थे और गा रहे थे। आंगन में एक लारी व एक ट्रैक्टर खड़ा था। मुर्गियां दाना चुग रही थीं। इस दुमंजिला मकान के बाहर पशुशाला से सुअरों की आवाज आ रही थी। मकान मालकिन ने बताया कि पहले केवल उनके पति ही पहाड़ों से में जड़ी-बूटी लाकर कुछ पैसे कमाते थे और अक्सर रिश्तेदारों व सरकार की मदद से वे जीवन गुजारते थे।

पर 2003 में उन्होने काउंटी के किसान-चरवाहा मकान सुधार परियोजना में भाग लिया और सरकार व भीतरी इलाकों के विभागों की पूंजी की सहायता से तथा बैंक व रिश्तेदारों से उधार लिए पैसों के सहारे 12 कमरों वाला यह दुमंजिला मकान बनाया। उचीछोमू ने कहा जब से हमने यहां घर बसाया है, हम बहुत खुश हैं। पहले वाले पुराने मकान में बड़ी गन्दगी रहती थी। अब हमारा घर बहुत साफ-सुथरा है। कमरे में शौचालय भी है। भविष्य में हम और पैसा कमाएंगे और अपने जीवन को और बेहतर बनाने की कोशिश जारी रखेंगे।

इस मकान की मालकिन की उम्र केवल 47 साल है, लेकिन वे दादी बन चुकी हैं। उन्होंने कहा कि जब से उनका परिवार इस नए मकान में आया है, उसने यातायात की सुविधा का फायदा उठाकर बाहर से नया ज्ञान भी हासिल किया है। उन्होंने कहा, अब हमारे दिमाग में लचीपन आने लगा है। लोगों की पैसा कमाने की तमन्ना बढ़ने लगी है। मेरे तीन बच्चे वर्तमान में ल्हासा में नौकरी कर रहे हैं। पति जड़ी- बूटी बेचने के अलावा अक्सर माल ट्रक चलाकर भी अतिरिक्त पैसा कमाते हैं। पूरे परिवार की वार्षिक आमदनी 20 से 30 हजार य्वेन के बीच है।

उन्होंने हमें अपना दुमंजिला मकान भी दिखाया। शयन कक्ष, भोजकक्ष व अतिथिगृह के अलावा गोदाम व शौचालय का दौरा कराया और पशुशाला भी दिखाई। उन्होंने बताया कि जल्द ही वह अपने कमाए पैसों से एक नयी इमारत का निर्माण करेंगी और हो सका तो बाहर जाकर कुछ उद्यम भी शुरू करेंगी।

गोंगबो ग्यामडा काउंटी के किसानों व चरवाहों के मकानों के सुधार के जिम्मेदार अधिकारी श्री न्यो वीन सन ने बताया कि सुश्री उचीछोमू के परिवार की तरह नए मकानों में बसने वाले परिवारों की संख्या अब 1200 तक जा पहुंची है, जो पूरी काउंटी की जनसंख्या का 30 प्रतिशत है। उनके अनुसार इस परियोजना में 8 करोड़ य्वेन की धनऱाशि खर्च की गई और इससे यह काउंटी तिब्बत के किसानों व चरवाहों के मकानों की सुधार परियोजना की सबसे सफल मिसाल बनी।

इस अधिकारी ने बताया कि स्थानीय किसानों व चरवाहों के मकानों के सुधार के लिए पूंजी भीतरी इलाकों से तिब्बत को दी गई आर्थिक सहायता व काउंटी के वित्त विभाग के किसानों व चरवाहों को मिले ऋण से प्राप्त हुई। सरकार ने निर्धन किसानों व चरवाहों के लिए अधिक उदार नीतियां बनाई हैं, बैंको ने उन्हें उदार शर्तों पर ऋण दिया। काउंटी का लक्ष्य आगामी पांच सालों में काउंटी के बाकी 3200 किसान व चरवाहा परिवारों को नए मकानों में स्थानांतरित करना है।

अभी आप न्यांगछु नदी के किनारे किसानों के नये घर शीर्षक से तिब्बत के आर्थिक विकास पर एक आलेख सुन रहे थे।