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(GMT+08:00) 2005-09-12 14:59:31    
चित्रकार खांग याओ नान की कहानी

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चीन के थाई वान प्रांत के चित्रकार खांग याओ नान थाई वान ही नहीं, मुख्यभूमि में भी मशहूर हैं ।  

तैंतालीस वर्षीय खांग याओ नान का जन्म चीन के थाई वान प्रांत में हुआ। विश्वविद्यालय से स्नातक होने के बाद वे एक कंपनी में दाखिल हुए। लेकिन एकांतप्रिय व्यक्ति के रूप में वे कंपनी के अरुचिकर काम के अनुकूल नहीं थे। इसलिए 30 वर्ष की उम्र में उन्होंने अपने परिजनों के विरोध की अनदेखी कर यह महत्वपूर्ण फ़ैसला लिया कि नौकरी छोड़कर चित्र ही खींचेंगे। चित्र खींचने की पेशेवर ट्रेनिंग न पाने वाले खांग याओ नान के लिए यह विकल्प एक भारी चुनौती था, लेकिन उन का खयाल था कि चित्र खींचने के जरिए वे मनमाने ढंग से अपने दिमाग में उपजे विभिन्न विचारों को व्यावहारिक तौर पर दर्शा सकते हैं।
खांग याओ नान ने माना कि चित्र खींचने से उन के अकेलापन पूरी तरह परिवर्तित हो गया। बचपन में खांग याओ नान बहुत कमज़ोर थे और अक्सर बीमार रहते थे। मां के देहांत के बाद नन्हे खांग याओ नान को बहुत अकेलापन महसूस हुआ। चित्र खींच कर वे अपनी कूची के जरिए दिल का दुख व अकेलापन बाहर निकालते हैं और खुशी पाते हैं। इसीलिए खांग याओ नान ने चित्र खींच कर दूसरों की सहायता करने का विकल्प चुना। उन के विचार में दूसरों की सहायता करना अपनी सहायता करना ही है। इस तरह उन्होंने पश्चिमी कला उपचार की दलील अपनाई और चीनियों के कला से इलाज का विशेष तरीका खोजा। इस के अलावा, उन्होंने महिला जेल में मानसिक स्वस्थ कक्षा खोली और अपराधियों का मानसिक इलाज किया।

श्री खांग याओ नान ने कहा
"अगर आप सिर्फ़ अपने मन की चीज़ों के चित्र बनाते हैं तो उसमें कला कोई भूमिका नहीं निभाती। पर अगर उसे समाज के साथ जोडते हैं, तो वह ज्यादा भूमिका अदा कर सकती है। ज्यादा से ज्यादा लोगों की मदद कर आप अपनी शक्ति बढ़ाते हैं। इस तरह हमारे विचार और व्यापक होते हैं और व्यक्तिगत समस्याओं तक सीमित नहीं रहते।"
गत वर्ष के अगस्त मांह में खांग याओ नान एड्ज़ रोगियों को देखने ह बेइ प्रांत के यो आन अस्पताल गए। वहां उन्होंने देखा कि हरेक एड्ज़ रोगी का हर दिन इलाज होता है और उसे मानसिक व शारीरिक दर्द सहना पड़ता है। खांग याओ नान को यह देख कर बहुत दुख हुआ। उन की आशा है कि इन रोगियों का इलाज एक हल्के वातावरण में किया जा सकेगा, जिस से उन्हें ज्यादा आनंद मिलेगा । इसलिए उन्होंने सक्रिय रूप से एड्ज़ रोगियों के साथ पेइचिंग के चित्रकार गांव का दौरा किया, और उन्हें चित्रकला के बारे में समझाया।

श्री खांग याओ नान ने अपने विशेष कला उपचार का प्रयोग कर एड्ज़ रोगियों को उनके मानसिक स्ववास्थ्य में मदद दी। वे दोस्त के रूप में एड्ज़ रोगियों को चित्र खींचने को प्रेरित करते हैं और इस के बाद इन रोगियों के चित्रों से उन की मानसिक दुनिया का विश्लेषण कर उन की सहायता करते हैं। इस के साथ ही वे अलग-अलग रोगी के इलाज का अलग-अलग उपाय करते हैं।
खांग याओ नान ने एड्ज़ रोगियों के लिए बड़ी शक्ति व समय लगाया। उन्होंने पेइचिंग में चित्र प्रदर्शनी की और वे चित्रों की बिक्री से होने वाली कमाई को वे चंदे के रूप में चीनी एड्ज़ रोग कोष को प्रदान करेंगे। उन का विचार है कि अकेला व्यक्ति ही कमज़ोर होता है और उन की आशा है कि उनकी इस चित्र प्रदर्शनी के जरिए ज्यादा से ज्यादा लोगों को एड्ज़ रोगियों की सहायता के लिए आकृष्ट किया जा सकेगा।
चित्र खींचना श्री खांग याओ नान के जीवन का एक लक्ष्य ही नहीं है । उनकी आशा भविष्य में बहुपक्षीय विकास करने, चित्रप्रदर्शनी निर्देशक बनने और चीन की मातृभूमि व थाई वान के कला संसाधनों को जोड़कर जलडमरूमध्य के दोनों तटों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान बढ़ाने की भी है। इस के साथ ही वे एड्ज़ रोगियों को लगातार मदद देना चाहते हैं और चीन में एड्ज़ रोग की रोकथाम व इलाज में और योगदान करने की इच्छा रखते हैं।