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(GMT+08:00) 2005-09-05 13:11:07    
थाईवानी चित्रकार खांग याओ नान

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खांग याओ नान चीन के थाई वान प्रांत के एक चित्रकार हैं । कुछ समय पूर्व उन्होंने राजधानी पेइचिंग में एड्ज़ रोगियों के लिए एक चित्र प्रदर्शनी की, जिस से होने वाली कमाई इस रोग के रोगियों को प्रदान की जाएगी। आज के इस लेख में आप पाएंगे इस चित्रकार का परिचय ।

एक सुनहरी दोपहर हमारे संवाददाता ने खांग याओ नान से मुलाकात की। सफ़ेद कमीज और जींस में खांग याओ नान देखने में बहुत सरल लगे और उन के साथ बातचीत बड़ी स्नेहपूर्ण रही।

श्री खांग याओ नान ने बताया कि उन की इस चित्र प्रदर्शनी का मुख्य विषय "एड्ज़ रोग से सुरक्षा की प्रार्थना"है । इस में प्रदर्शित चालीस से ज्यादा चित्रों का विषय फूलदार बर्तन है। ये सभी इधर के सालों की उन की श्रेष्ठ रचनाएं हैं। अपनी रचनाओं में उन्होंने फूलदार बर्तन को क्यों मुख्य विषय बनाया के जवाब में श्री खांग याओ नान ने कहा कि चीनी भाषा में फूलदार बर्तन "ह्वा फिंग" कहलाता है, जब कि सुरक्षा के लिए चीनी शब्द "फिंग आन" है । इसलिए उन्हें लगा कि फूलदार बर्तन यानी "ह्वा फिंग" के चित्रों से एड्ज़ रोगियों की सुरक्षा की प्रार्थना की जा सकती है। उन्होंने कहा

"चीन में सुरक्षा को सौभाग्य कहा जाता है । मेरी आशा है कि फूलदार बर्तन इन रोगियों को सुरक्षा प्रदान कर सकेंगे और वे मानसिक व शारीरिक सुरक्षा प्राप्त कर सकेंगे। मैंने इस प्रदर्शनी के माध्यम से एड्ज़ रोग पर ज्यादा से ज्यादा उद्यमों विशेषकर थाईवानी उद्यमों का ध्यान आकृष्ट करना चाहा।"

हमारे संवाददाता ने भी श्री खांग याओ नान की चित्र प्रदर्शनी का दौरा किया। प्रदर्शनी कक्ष में प्रवेश करते ही उन्हें भिन्न-भिन्न प्रकार के फूलदार बर्तनों ने आकृष्ट किया।खांग याओ नान की इन रचनाओं में चीन के प्राचीन और आधुनिक समय के फूलदार बर्तन होने के साथ अनेक विविध डिज़ाइन वाले बर्तन भी थे। कई फूलदार बर्तन तुंबी की तरह थे और कई मानव शरीर की तरह । इन बर्तनों पर खींचे गये चित्र बालदृष्टि लिये और रंगीन थे। इन्हें देखने वाले दर्शकों ने चित्रकार की रचनात्मक जिज्ञासा महसूस की।

43 वर्षीय खांग याओ नान का जन्म चीन के थाई वान प्रांत में हुआ। विश्वविद्यालय से स्नातक होने के बाद वे एक कंपनी में दाखिल हुए। लेकिन एकांतप्रिय व्यक्ति के रूप में वे कंपनी के अरुचिकर काम के अनुकूल नहीं थे। इसलिए 30 वर्ष की उम्र में उन्होंने अपने परिजनों के विरोध की अनदेखी कर यह महत्वपूर्ण फ़ैसला लिया कि नौकरी छोड़कर चित्र ही खींचेंगे। चित्र खींचने की पेशेवर ट्रेनिंग न पाने वाले खांग याओ नान के लिए यह विकल्प एक भारी चुनौती था, लेकिन उन का खयाल था कि चित्र खींचने के जरिए वे मनमाने ढंग से अपने दिमाग में उपजे विभिन्न विचारों को व्यावहारिक तौर पर दर्शा सकते हैं।

श्री खांग याओ नान का विचार था कि चित्र खींचने की तकनीक न होने के बावजूद उनमें चित्रण की प्रतिभा है। वे चित्र खींचते समय खूब सोच-विचार करते हैं। भारी कोशिशों के जरिए उन्होंने चित्र खींचने की अपनी विशेष तकनीक प्राप्त की। खांग याओ नान के चित्रों की सब से बड़े विशेषता यह है कि वे पश्चिमी तकनीक से चीनी मिट्टी के बर्तन और बौद्ध धर्म की मूर्तियां आदि चीन के परम्परागत विषयों को व्यक्त करते हैं। चित्र खींचते समय वे डिज़ाइन पर ज्यादा ध्यान देने के बजाए विभिन्न रंगों से अपने मुख्य विषय को अभिव्यक्त करते हैं। उन के चित्र देखने में मनमाने लगते हैं, पर उन के भीतर गहरे विचार मौजूद होते हैं, जिन से रंगों के प्रयोग का खांग याओ नान का लचीलापन जाहिर होता है। श्री खांग याओ नान की सृजन प्रतिभा अटल है। वे एक ही विषय पर सीमित नहीं रहते और उन के चित्रों की शैली भी भिन्न-भिन्न हैं। एक ही साल में खांग याओ नान चित्र कला मंच पर मशहूर हो उठे। उन्होंने थाई वान की एक चित्र प्रदर्शनी में श्रेष्ठ चित्र के लिए पुरस्कार भी हासिल किया। श्री खांग याओ नान का कहना है

"मुझे लगता है कि चित्र खींचना मानव जीवन के अनुभवों को इकट्ठा करना है। इस तरह जैसा भी चित्र खींचने की इच्छा हो,खींचा जा सकता है। अब तक मेरी चित्रों के सृजन की चमक कभी नहीं टूटी है। मैं चित्र खींचना सीखने के लिए किसी कॉलेज नहीं गया, इसलिए मेरे विचार ज्यादा खुले हैं। चित्र खींचते समय मैं उसमें कुछ न कुछ नया दिखाना चाहता हूँ ,वरना उसे खींचने के लिए ज्यादा समय की जरूरत नहीं होती।"