
दोस्तो , जैसा कि आप जानते हैं कि थाओ ह्वा य्वान कांऊटी मध्य चीन के हू नान प्रांत में स्थित है । प्राचीन चीन के प्रसिद्ध कवि थाओ छिन ने इस कांऊटी के एक पहाड़ी गांव के गुणगान में एक बहुत प्रसिद्ध कविता लिखी ।
अब थाओ ह्वा य्वान क्षेत्र को एक विशाल पर्यटन क्षेत्र का रूप दिया गया है । हर वर्ष करीब पांच लाख 40 हजार पर्यटक यहां आते हैं , जिन में लगभग 20 से 30 हजार विदेशी पर्यटक शामिल हैं ।
हालांकि इधर कुछ सालों से पर्यटन के विकास के चलते कुछ लोग यहां आने लगे हैं, तो भी गांव का वातावरण शांत बना हुआ है और गांववासियों का स्वभाव वैसा ही सादा है। मैं ने एक मकान के द्वार के पास खड़ी एक महिला से बातचीत शुरू ही की थी कि वह तुरंत भीतर से मेरे लिए एक कटोरा खूशबूदार सूप सा कुछ ले आई। मेरे साथ चल रहे श्री थांग छी ची ने कटोरे की ओर इशारा करते हुए कहा कि यह कोई सूप नही हैं, बल्कि छिन वासियों की प्रसिद्ध वह लेई चाय है जो वे अपने सब से आदरणीय मेहमान को पिलाते हैं।
पर्यटक थाओ ह्वा य्वान पर्यटन क्षेत्र में मनमोहक प्राकृतिक दृश्य का लुत्फ लेने के बाद अपने ढंग की एक स्थानीय लई चा चाय चखने का मजा भी ले सकते हैं । लई चा चाय थाओ ह्वा य्वान क्षेत्र की एक अलग प्रकार की विशेष स्थानीय लोकप्रिय चाय है , वह मुख्य तौर पर ताजा अदरक , चावल और चाय पत्तियों से तैयार की जाती है । उन्हों ने आगे बताया कि यहां के गांववासी कृषि से अवकाश के समय लेई चाय और विभिन्न प्रकार के पकवान तैयार कर उनका रिश्तेदारों और मित्रों के साथ गपशप करते मजा उठाते हैं। कभी-कभार वे सुबह से शाम तक साथ बैठे गप मारते रह जाते हैं। यह सुनकर मुझे लगा कि उन का जीवन सच में बहुत आरामदेह है।
एक स्थानीय चायघर की सेवक ऊ येन येन ने हमें बताया कि संबंधित ऐतिहासिक ग्रंथ के अनुसार स्थानीय वासियों के बीच इसी प्रकार की लई चा चाय बनाने की परम्परा हजारों वर्ष पुरानी है । आज लई चा चाय स्थानीय वासियों के जीवन में एक अभिन्न अंक बन गयी है ।
पिछले हजारों वर्षों में इस विशेष स्थानीय चाय ने अपनी अलग पहचान बना ली है । बाद में स्थानीय लोगों ने इस चाय का स्वाद और बढ़िया बनाने के लिये मूंगफली , तिल , सोयाबिन और चावल पाउडर का प्रयोग भी कर डाला । आम तौर पर यह चाय विभिन्न प्रकार के स्थानीय पकवानों के साथ पिलाई जाती है । खासकर मां बाप अपने नन्हे बच्चे के प्रथम जन्म दिवस पर अवश्य ही बढ़िया लेइचा चाय तैयार कर रिश्तेदारों के सम्मान में भव्य भोज देते हैं ।
कुमारी ऊ येन येन ने कहा कि लेइ चा चाय स्थानीय लोगों द्वारा मेहमानों को भेंट करने वाला सब से मूल्यवान उपहार है। जब कोई मेहमान घर आता है , तो मालिक भोजन व मदिरा के बजाये लईचा चाय जरूर ही पिलाते हैं । और तो और थाओ ह्वा य्वान क्षेत्र में किसी भी घर में यदि कोई परिचित या अनजान आया , तो उसी घर के मालिक बड़े उत्साह के साथ उसे एक प्याले खुशबूदार लेइचा चाय जरूर पिला देते हैं ।
यहां के स्थानीय लोग लेइचा चाय को इतना पसंद करते हैं कि लंच पर खाना नहीं खाते , बल्कि लईचा चाय की चुस्की लेने का आनन्द उठाते हैं ।
पर्यटक वांग लेई ने लेइचा चाय पीने के बाद अपना अनुभव बताते हुए कहा किसी भी मेहमान के लिये तीन कटोरे लेइचा चाय पीना जरूरी है । क्योंकि एक कटोरा पीने वाले को चोर समझा जाता है , दो कटोरे पीने वाले को मेहमान माना जाता है , तीन कटोरे पीने के बाद वह मालिक का मित्र माना जा सकता है । इसलिये थाओ ह्वा य्वान क्षेत्र में आप सिर्फ तीन गरमागरम कटोरे लईचा चाय पीकर ही स्थानीय वासियों की मेहमानवाजी महसूस कर पायेंगे ।
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