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(GMT+08:00) 2005-08-29 16:10:16    
गायिका तङ य्वू ह्वा

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चीनी गायिका तङ य्वू ह्वा चीन में बहुत मशहूर हैं। "गहरा प्यार"नामक गीत समेत उन के अनेक गीत देश भर में लोकप्रिय हैं।

"गहरा प्यार"     दक्षिण-पश्चिमी चीन का अल्पसंख्यक जाति की विशेषता वाला गीत है, जिसमें गत शताब्दी के तीस वाले दशक के सम. की चीनी लाल सेना और यी जाति के लोगों का गहरा प्यार अभिव्यक्त हुआ है। तङ य्वू ह्वा ने पश्चिमी संगीत की गायन शैली का इस गीत को गाने में प्रयोग किया। इस तरह यह गीत बहुत मधुर बन गया और शीघ्र ही चीनी श्रोताओं का पसंदीदा गीत भी बना। तङ य्वू ह्वा पूरे चीन में मशहूर हो गयीं।

इस के बाद तङ य्वू ह्वा ने अनेक फ़िल्मी गीत गाये। उन्होंने अपने गीतों में जातीय शैली का प्रयोग कर तब के समय का वातावरण प्रदर्शित किया जो व्यापक श्रोताओं को पसंद आया।

वर्ष 1979 में तङ य्वू ह्वा को एक आपरेशन करवाना पड़ा जिसके बाद वे काफी समय तक बातचीत तक नहीं कर सकीं, फिर गीत कैसे गातीं। यह तङ य्वू ह्वा पर भारी आघात था। उन के पति फ़ङ जोंग शी नृत्य ओपेरा अभिनेता हैं। वे अपनी पत्नी के गीत न गा सकने का दर्द समझते थे।पत्नी को एक बार फिर संगीत मंच पर वापस लौटने में मदद देने के लिए वे हर रोज़ उन्हें प्रेरित करते रहे। पति की सहायता व प्रेरणा के चलते तङ य्वू ह्वा फिर से गाने की ट्रेनिंग करने लगीं।

और आधे साल बाद तङ य्वू ह्वा एक बार फिर गाने में समर्थ हुईं, लेकिन उन की आवाज़ पहले की तरह बहुत सुरीली नहीं थी। वे अपनी गायन तकनीक को उन्नत करने के लिए चीनी केंद्रीय संगीत कॉलेज में अध्ययन करने लगीं तो कुछ समय बाद तङ य्वू ह्वा की आवाज़ भी वापस लौट आई।

             

संगीत मंच से विदा लेने के दस साल बाद वर्ष 1989 में तङ य्वू ह्वा ने राजधानी पेइचिंग में एक संगीतसभा आयोजित की। और जब उसमें लोगों की परिचित धुनें गूंजीं, तो उन के दीवानों की आंखें आंसुओं से भर गईं। यह संगीत सभा बार –बार तालियों से गूंजती रही और तङ य्वू ह्वा के जीवन की एक अविस्मरणीय घटना बन गयी। 

इस के बाद तङ य्वू ह्वा संगीत मंच पर फिर सक्रिय हुईं । वर्ष 1997 में उन्होंने पेइचिंग में य्वू ह्वा कला स्कूल की स्थापना की , ताकि ज्यादा से ज्यादा संगीतप्रेमी संगीत से जुड़ सकें। इस की चर्चा में तङ य्वू ह्वा ने कहा

"इन सालों में मैं ने देखा कि हमारी कोयले की खानों तक में बहुत सी कला प्रतिभाएं हैं। उनके पास सीखने का मौका नहीं होता, इसलिए उनमें से अनेक सांस्कृतिक कार्य में शामिल होने का मौका खो बैठते हैं। मैं ने यह स्कूल इसीलिए खोला कि बड़ी संख्या में संगीतप्रेमी बच्चों को आकृष्ट कर संगीत सीखने का अच्छा वातावरण प्रदान कर सकूं।"

सुश्री तङ य्वू ह्वा ने कहा कि उन की सब से बड़ी इच्छा यही है कि भविष्य में उनके विद्यार्थी विश्वविद्यालय में दाखिल होकर अपने पसंदीदा संगीत के रास्ते पर चलें।

तङ य्वू ह्वा स्कूल में पढ़ाने और प्रदर्शन करने के अलावा अपने पति के साथ बागवानी भी करती हैं और उनका परिवार शांतिपूर्ण जीवन बिता रहा है।

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