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(GMT+08:00) 2005-08-23 19:19:17    
तिब्बत स्वायत्त प्रदेश को भीतरी ईलाकों से प्राप्त बौद्धिक सहायता

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पठार पर स्थित तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की प्राकृतिक स्थिति मुश्किलों से भरी होती है । स्थानीय अर्थतंत्र और समाज के विकास को बढ़ाने के लिए चीन सरकार ने हमेशा विभिन्न पक्षों से तिब्बत को जोरों पर सहायता प्रदान की है । बीते बीस सालों में चीन की केंद्र सरकार तथा दूसरे क्षेत्रों के स्थानीय सरकारों ने तिब्बत स्वायत्त प्रदेश को बड़ी संख्या में माली और वित्तीय सहायता प्रदान की है , जिन में बौद्धिक सहायता का भी महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है । वर्ष 1980 के दशक से चीनी केंद्रीय सरकार ने तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में आर्थिक व सामाजिक विकास को समर्थन में तेज़ी लायी है । अपूर्ण आंकड़ों के मुताबिक वर्ष दो हजार चार तक चीन के भीतरी ईलाकों में स्थित विभिन्न क्षेत्रों तथा बड़े कारोबारों ने तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के निर्माण में छै अरब बीस करोड़ यवान की पूंजी लगायी । उन्हों ने तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में कुल तीन हजार परियोजनाएं समाप्त कीं , जिनसे तिब्बत में परिवहन , ऊर्जा , सूचना , शिक्षा , चिकित्सा और बुनियादी उपकरणों के निर्माण में बड़ी मदद मिली है । इसी दौरान कुल तीन हजार से अधिक तकनीशियन और विशेषज्ञ भीतरी ईलाकों से तिब्बत जाकर वहां के शिक्षा , चिकित्सा तथा उद्योग आदि के संदर्भ में सेवा करने गये । गत वर्ष में पूर्वी चीन के समद्रतटीय प्रांत फूचैन के शिक्षा विभाग के कर्मचारी श्री ये लिंग ने तिब्बत जाकर स्वायत्त प्रदेश के लीनची क्सबे के शिक्षा विभाग के उप प्रधान का पद संभाला । अपनी आपबीती की चर्चा करते हुए श्री ये ने कहा कि इधर दस सालों के प्रयासों के जरिये भीतरी ईलाके के फूचैन और क्वांगतुंग प्रांतों की सहायता में लीनची कस्बे के बा ई नगर का नया खूबसूरत नजर आया है । अब यहां प्रतिभा और बुद्धि की सहायता की अधिक जरूरी है । बौद्धिक सहायता किसी माली सहायता और वित्तीय सहायता से अधिक महत्वपूर्ण है । प्रतिभा के बिना हमारे यहां अधिकाधिक तौर पर निर्माणाधीन इमारतें सब बेकार रहेंगी । श्री ये ने बताया कि उन का इस साल का निशान है कि फूचैन प्रांत के उच्च शिक्षालयों में लीनची कस्बे के लिए साठ  कालेज छात्रों का प्रशिक्षण कराया जाएगा । यह मात्रा पिछले दस सालों में फूचैन प्रांत में लीनची कस्बे के लिए प्रशिक्षित प्रतिभाओं से भी अधिक रहेगी । वास्तव में भीतरी ईलाकों में तिब्बती छात्रों का प्रशिक्षण करने के सिवा और एक लोकप्रिय शिक्षा योजना है , यानी वर्ष 1985 हर साल 1300 तिब्बती बच्चों की भीतरी ईलाकों में स्थापित तिब्बती छात्र मिडिल स्कूल या आम स्कूलों में स्थापित तिब्बती छात्र क्लास में भरती की जाती है । तिब्बत स्वायत्त प्रदेश ने भीतरी ईलाकों से उन्नतिशील शिक्षा विचार सीखा है । इसी के साथ साथ भीतरी ईलाकों से तिब्बत गये सहायकों ने भी अपना उन्नतिशील विचार वहां लाया है । श्री हू हूंगछून मध्यम चीन के वूहान शहर से तिब्बत की नाइतुंग कांऊटी में सेवा करने आये हैं । उन का विचार है कि तिब्बत स्वायत्त प्रदेश का बुनियादी उपकरण आज काफी उपलब्ध है । भविष्य में केंद्र सरकार को तिब्बत स्वायत्त प्रदेश को आर्थिक सहायता देने के साथ साथ स्वयं सेवा करवाने के जरिये इस क्षेत्र को अधिक बौद्धिक सहायता देनी चाहिये , यानी स्वयं सेवकों के जरिये भीतरी ईलाकों के उन्नतिशील अनुभवों का तिब्बत में प्रसार प्रचार किया जाएगा । श्री हू ने कहा , विचार में तिब्बत की बौद्धिक सहायता देने , यानी तिब्बत और बाहरी क्षेत्रों के कर्मचारियों का आदान प्रदान करने का महत्वपूर्ण अर्थ होता है । तिब्बत में काम करने वाले हरेक स्वयं सेवक का कार्यकाल आम तौर पर तीन साल होता है । उन्हें अपने कार्यकाल में सृजन विचार का फैलाव करना चाहिये । इस की कीमत किसी धनराशि से मूल्यवान है । तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के शाननान कस्बे की छ्वोमेई कांऊटी में काम करने वाले श्री हूंगपीन ने स्थानीय गांवों में शिक्षा की स्थितियों की जानकारियों ग्रहित की हैं । उन्हों ने स्थानीय शिक्षा कार्य के विकास के लिए चंदा एकत्र करने का भरपूर्ण प्रयास किया है । उन्हों ने कहा , मेरे विचार में पूंजी की सहायता के सिवा तिब्बत स्वायत्त प्रदेश को बौद्धिक सहायता देनी ही चाहिये । तिब्बत के अध्यापकों और डाक्टरों का मुफ्त में प्रशिक्षण दिया जाने की बड़ी जरूरत है । हम ने भीतरी ईलाकों में प्रशिक्षण लेने के लिए कुछ स्थानीय अध्यापक और डाक्टर चुने , अब वे सब भीतरी ईलाकों में गये हैं । तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के शाननान कस्बे की सरकार की अध्यक्षा सुश्री डेचीच्वोगा ने कहा , मेरे विचार में केंद्र सरकार और देश के दूसरे भीतरी ईलाकों सिर्फ तिब्बत स्वायत्त प्रदेश को वित्तीय सहायता ही नहीं , बल्कि बौद्धिक सहायता तथा प्रतिभा की सहायता भी प्रदान की है । सुश्री डेचीच्वोगा ने कहा कि शाननान कस्बे की सहायता करने का काम , भीतरी ईलाकों के हूनान , हूपेई और आनह्वेई प्रांत को सौंपा जाता है । इन तीन प्रांतों की सहायता योजना के अनुसार हर तीन सालों में इन तीन प्रांत अलग अलग तौर पर एक करोड़ यवान की पूंजी से तिब्बत के लिए एक हजार विशेष प्रतिभाओं का प्रशिक्षण करते हैं । ऐसी योजना को लागू करने के बाद दस साल हो चुके हैं । अब भीतरी ईलाकों से प्रशिक्षित होने वाले कार्यक्रता शाननान क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहे हैं । इधर आप पढ़ पाते हैं तिब्बती लोगों को प्राप्त चिकित्सा सेवा के बारे में कुछ जानकारियां।तिब्बती जाति विश्व की छत नामक तिब्बत-छींगहाई पठार पर रहती है । नये चीन की स्थापना से पहले इस क्षेत्र में रहने वाले तिब्बती लोगों की औसत आयु मात्र छतीस वर्ष थी , पर अब यह बढ़कर सड़सठ हो गयी है । तिब्बती लोगों के स्वास्थ्य स्तर में आया सुधार , तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में जारी चिकित्सा कार्यों के उल्लेखनीय विकास का परिणाम है । शांतिपूर्ण मुक्ति से पहले तिब्बत की शांतिपूर्ण मुक्ति से पहले तिब्बत की जनसंख्या सिर्फ दस लाख थी । तब इस क्षेत्र में केवल तीन तिब्बती परंपरागत चिकित्सालय थे , जो विशेष तौर पर तिब्बत के उच्च कुलीन लोगों की ही सेवा करते थे । आम या निचले तक के लोगों के लिये उन की चिकिस्ता सेवा पाना बहुत कठिन था । उस समय तिब्बत में वैरियोला और हैजा आदि रोग महामारी का रुप लिये हुए थे । तिब्बत की शांतिपूर्ण मुक्ति के बाद चीन की केंद्रीय जन सरकार ने वहां चिकित्सा सेवा के निर्माण और विकास में भारी पूंजी व श्रम खर्च किया , और तिब्बत में चिकित्सा की प्रगति के लिये भारी प्रयास किये । तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के चिकित्सा ब्यूरो के उप प्रधान इन पहलुओं की चर्चा में कहते हैं , वर्ष 1951 में तिब्बत की शांतिपूर्ण मुक्ति के बाद से केंद्रीय सरकार तिब्बती जनता के स्वास्थ्य पर बहुत ध्यान देती रही है , और देश ने तिब्बत में चिकित्सा सेवा के निर्माण पर भारी शक्ति व्यय की है । बीते पचास से वर्षों अधिक समय में चीन सरकार ने कुल तीन अरब अस्सी करोड़ युवान की पूंजी खर्च कर तिब्बत के सभी शहरों व ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सा सेवा जाल स्थापित किये हैं । तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में अब तक कुल एक हजार दो सौ चिकित्सा संस्थान निर्मित हो चुके हैं जिन में ग्यारह हजार चिकित्सक कार्यरत हैं । इन के अतिरिक्त तिब्बती चिकित्सा अकादमी तथा तिब्बत विश्वविद्यालय का चिकित्सा कालेज भी तिब्बत में चिकित्सा सेवाओं का अपेक्षाकृत ऊंचा स्तर बनाये रखने में बड़ी भूमिका अदा कर रहे हैं । इन दोनों कालेजों में बहुत से तिब्बती युवाओं ने चिकित्सा व स्वास्थ्य का प्रशिक्षण पाया है ।