आगामी सितम्बर माह में चीन के तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की स्थापना की चालीसवीं वर्षगांठ होगी । इस के उलपक्ष में सौ चीनी व विदेशी फ़ोटोग्राफ़रों द्वारा तिब्बत में खींचे गये छायाचित्रों की प्रदर्शनी कुछ समय पूर्व राजधानी पेइचिंग में आयोजित की गयी ।
सौ चीनी व विदेशी फ़ोटोग्राफ़रों की आंखों में तिब्बत शीषर्क फ़ोटो प्रदर्शनी ग्यारह से सत्रह अगस्त तक पेइचिंग के जातीय सांस्कृतिक भवन में प्रदर्शित रही। चीनी राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा की स्थाई समिति के उपाध्यक्ष रेती, चीनी जन राजनीतिक सलाहकार सम्मेलन की राष्ट्रीय समिति के उपाध्यक्ष ल्यू येन तुंग, चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की केद्रीय कमेटी के संयुक्त मोर्चा मंत्रालय के उप मंत्री जू वी छ्वुन, चीनी राज्य परिषद के सूचना कार्यालय के उप निदेशक छ्यान श्याओ छ्यान और संबंधित विभागों के नेताओं ने प्रदर्शनी के उद्घाटन समारोह में भाग लिया और चीनी व विदेशी फ़ोटोग्राफ़रों के खींचे फ़ोटो देखे।
चीनी कम्युनिस्ट पार्टी का संयुक्त मोर्चा मंत्रालय चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की केंद्रीय समिति के तहत तिब्बत कार्य की देखरेख करने वाली एक प्रमुख संस्था भी है। मंत्रालय के उप मंत्री श्री जू वी छ्वुन ने कहा
"सौ चीनी-विदेशी फ़ोटोग्राफ़रों की आंखों में तिब्बत नामक इस फोटो प्रदर्शनी में विश्व के विभिन्न देशों व क्षेत्रों के मशहूर फ़ोटोग्राफरों ने अपने व्यावहारिक निरीक्षण व अनुभवों के आधार पर अपने कैमरे के जरिए वस्तुगत व सजीव रूप से चीन के तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की प्रकृति, इतिहास, संस्कृति को प्रतिबिंबित किया है। इन चित्रों में तिब्बत में हुए भारी परिवर्तन तथा तिब्बत में रह रही विभिन्न जातियों के बीच मेलमिलाप व्यक्त हुआ है। इन से लोगों को तिब्बत के बारे में ज्यादा जानकारी हासिल होगी ।"
चीनी राज्य परिषद के सूचना कार्यालय के उप निदेशक छ्यान श्याओ छ्यान ने सौ चीनी-विदेशी फ़ोटोग्राफ़रों की आंखों में तिब्बत नामक फोटो प्रदर्शनी के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए कहा
"इस प्रदर्शनी में सौ देशी-विदेशी फ़ोटोग्राफ़रों द्वारा खींचे गए एक लाख से ज्यादा चित्रों में से सब से श्रेष्ठ सात सौ फ़ोटो प्रदर्शित किये गए हैं। हमें विश्वास है कि इन देशी-विदेशी फ़ोटोग्राफ़रों की रचनाओं से एक सच्चा, सुन्दर, रहस्यमय और विकसित तिब्बत लोगों के सामने आएगा । इस से ज्यादा से ज्यादा लोग तिब्बत की और जानकारी हासिल करने के अलावा, तिब्बत के निर्माण व विकास पर भी ध्यान दे सकेंगे।"
सौ चीनी व विदेशी फ़ोटोग्राफ़रों की आंखों में तिब्बत के आयोजक चीनी राज्य परिषद के सूचना कार्यालय के एक अधिकारी वांग चिन च्युन इन फोटोग्राफ़रों के साथ तिब्बत गए थे। उन्होंने कहा कि इतने अधिक चीनी-विदेशी फ़ोटोग्राफ़रों ने पहली बार तिब्बत की यात्रा की। वे तिब्बत आ कर इस सुन्दर स्थल का प्यार करने लगे थे। श्री वांग चिन च्युन ने कहाः
"तिब्बत के दौरे में इन देशी-विदेशी फ़ोटोग्राफ़रों को तिब्बत से जो गहरा प्यार हुआ, वह उन की फोटोग्राफी में स्पष्टतः प्रतिबिंबित हुआ है । मेरा विचार है कि अगर लोगों को तिब्बत से प्रेम नहीं होता, तो ऐसे सुन्दर फ़ोटो नहीं खींचे जा सकते थे । मुझे विश्वास है कि इस फ़ोटो प्रदर्शनी का स्वागत होगा।"
श्री वांग चिन च्युन ने कहा कि तिब्बत की यात्रा कर चुके लोग प्रदर्शनी में लगी इन फ़ोटोग्राफ़रों की कृतियां जरूर पसंद करेंगे और उन्हें इस तरह तिब्बत में अपने जीवन की याद आयेगी। और वे लोग, जिन्हों ने तिब्बत की यात्रा नहीं की है, प्रदर्शनी में प्रदर्शित चित्रों के जरिए तिब्बत की वस्तुस्थिति देख सकेंगे।
वर्ष 2005 की पच्चीस जून से दस जुलाई तक, चीनी राज्य परिषद के सूचना कार्यालय, चीनी फ़ोटोग्राफ़र संघ और तिब्बत स्वायत्त प्रदेश सरकार के सूचना दफतर के संयुक्त तत्वावधान में चीन के तिब्बत के इतिहास, वर्तमान व प्रकृति के बारे में सौ देशी-विदेशी फ़ोटोग्राफ़रों की आंखों में तिब्बत नामक फोटोग्राफी की गतिविधि चलायी गयी । अमरीका, फ़्रांस, ब्रिटेन, जर्मनी, इटली , कनाडा, हालैंड, पाकिस्तान और बांगलादेश आदि 19 देशों और चीन के हांग कांग विशेष प्रशासनिक क्षेत्र, मकाओ विशेष प्रशासनिक क्षेत्र तथा थाईवान प्रांत के 51 और चीन के भीतरी इलाके के 40 से ज्यादा जाने-माने फ़ोटोग्राफ़रों ने इसमें भाग लिया। अस्सी प्रतिशत फ़ोटोग्राफ़र अंतरराष्ट्रीय फ़ोटोग्राफ़र संघ के चोटी के फ़ोटोग्राफ़र माने जाते हैं। तिब्बत में फ़ोटो खींचने के दौरान उन्होंने तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की राजधानी ल्हासा तथा उस के शिकाज़े, लोका, लिनची, नाछ्यू आदि प्रिफ़ैक्चरों की यात्रा की । उन्हों ने बड़ी मात्रा में तिब्बत की प्रकृति , धार्मिक स्थलों, संस्कृति व शिक्षा, रीति-रिवाज़ों, गांवों, कारखानों व चरगाहों और घासमैदानों को कैमरे में कैद किया। श्री फ़ङ च्येन क्वो सौ चीनी-विदेशी फ़ोटोग्राफ़रों में से एक थे। उन्होंने कहा कि तिब्बत के प्राकृतिक सौंदर्य ने उन्हें आकृष्ट किया। वे कई बार तिब्बत की यात्रा कर चुके हैं और तिब्बत की यह यात्रा उन के लिए आविस्मरणीय रही। उन्होंने कहा
"मैं कई बार तिब्बत की यात्रा कर चुका हूँ । सौ चीनी-विदेशी फ़ोटोग्राफ़रों की आँखों में तिब्बत नामक गतिविधि एक भव्य आयोजन है। अनेक देशों के फ़ोटोग्राफ़रों ने इस में भाग लिया। मेरा विचार है कि हर व्यक्ति का भिन्न दृष्टिकोण होता है। हम एक साथ मिल कर विचारों का आदान-प्रदान कर सकते हैं। मैं ने अन्य फ़ोटोग्राफ़रों से अनेक बातें सीखीं।"
दर्शकों ने इस प्रदर्शनी का हार्दिक स्वागत किया । 65 वर्षीय पेइचिंगवासी सुश्री ह शू छिन एक मिडिल स्कूल से रिटायर हो चुकी हैं। प्रदर्शनी के फ़ोटो देख कर वे बहुत प्रभावित हुईं । उन्होंने कहा कि उन्हें तिब्बत बहुत पसंद है। इस उम्र में उनकी तिब्बत जाने की बड़ी इच्छा है । उन्होंने कहाः
"मुझे लगता है कि तिब्बत बहुत सुन्दर और रहस्यमय है। इस प्रदर्शनी के जरिए मैं तिब्बत के प्राकृतिक सौंदर्य और विशेष रीति-रिवाज़ों को महसूस कर सकी। भविष्य में मैं तिब्बत की यात्रा करने जरूर जाऊंगी।"
इस प्रदर्शनी में सात सौ फ़ोटो प्रदर्शित रहे। प्रदर्शनी के दर्शकों ने माना कि इन के जरिए वे तिब्बत की प्राचीन सभ्यता और प्राकृतिक सौंदर्य को ही नहीं देख पाये, तिब्बत की वर्तमान स्थिति को भी महसूस कर पाये। इससे उन्होंने विश्व की छत पर स्थित तिब्बत के बारे में नई जानकारी भी प्राप्त की।
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