• हिन्दी सेवा• चाइना रेडियो इंटरनेशनल
China Radio International Friday   Jul 25th   2025  
चीन की खबरें
विश्व समाचार
  आर्थिक समाचार
  संस्कृति
  विज्ञान व तकनीक
  खेल
  समाज

कारोबार-व्यापार

खेल और खिलाडी

चीन की अल्पसंख्यक जाति

विज्ञान, शिक्षा व स्वास्थ्य

सांस्कृतिक जीवन
(GMT+08:00) 2005-08-15 17:00:20    
चीन में प्रति व्यक्ति का औसत आय; चिकित्सा

cri

आज के इस कार्यक्रम में हम आज़मगढ़, उत्तर प्रदेश के दिलशाद हुसैन,आरा, बिहार के राम कुमार नीरज और रामपुरफुल, पंजाब के बलवीर सिंह के पत्र शामिल कर रहे हैं।

अब लेते हैं आरा, बिहार के राम कुमार नीरज का पत्र। उन्होंने लिखा है कि इस पत्र के माध्यम से मैं आप लोगों को यह सूचना देता चलूं कि पिछले 1 नवंबर को सी आर आई रेडियो श्रोता संघ की स्थापना की गई, जिस का उद्येश्य सी आर आई के कार्यक्रमों को सुनना तथा उसका प्रचार करना है।इसके आगे उन्होंने सवाल पूछा है कि

चीन में प्रति व्यक्ति औसत आय क्या है।

राम कुमार नीरज भाई, वर्ष 2004 में चीन की प्रति व्यक्ति औसत आय 1200 अमेरिकी डालर थी।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, चीन में अमीरों की संख्या कुल जनसंख्या का 1 प्रतिशत है और इन लोगों की औसत आय करीब 30 हजार अमेरिकी डालर है जबकि मध्य वर्ग की औसत आय 10 हजार से 20 हजार अमेरिकी डालर के बीच है।

चीनी राजकीय सांख्यिकी प्रशासन के निदेशक श्री ली तह-श्वेई ने संकेत दिया कि गत वर्ष चीन के ग्रामवासियों की औसत आय बढ़ कर 335 अमेरिकी डालर तक जा पहुंची थी और इसकी वृद्धि दर 6.8 प्रतिशत रही। यह वर्ष 1997 के बाद से सब से बड़ी वृद्धि दर थी।

उधर चीनी वाणिज्य मंत्री श्री पो शी-लाई ने हाल में संकेत दिया कि इस समय चीन के शहरी इलाके की निर्धन जनसंख्या 2 करोड़ है और ग्रामीण क्षेत्र में यह संख्या 7 करोड़ 58 लाख है। इन लोगों की औसत आय 112 अमेरिकी डालर से भी कम है। अंतरराष्ट्रीय मापदंड के अनुसार इन लोगों का जीवन स्तर गरीबी की रेखा के नीचे है।

अंत में रामपुरफुल, पंजाब के बलवीर सिंह का पत्र देखें। उन्होंने पूछा है कि चीन में मैडिकल लाइन में कौन-कौन सी प्रणालियां प्रयोग में लाई जाती हैं। जैसे भारत में सब से ज्यादा ऐलोपेथी और इस के बाद होम्योपेथी, आयुर्वेदिक तथा कुछ अन्य परम्परागत दवाइयां इस्तेमाल की जाती हैं।

बलवीर सिंह भाई, इस समय चीन में मैडिकल लाइन में पश्चिमी चिकित्सा पद्धति प्रचलित है। साथ ही चीन की परम्परागत चिकित्सा पद्धति, मोक्सिबस्शन, एक्यूपंक्चर, मालिश, कपिंग का इस्तेमाल भी किया जाता है।

चीनी परम्परागत चिकित्सा पद्धति का इतिहास बहुत पुराना है। आदिम काल में ही हमारे पूर्वजों ने चिकित्सा पद्धति का सृजन कर लिया था। आहार की खोज के दौरान बीमारों के उपचार में जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल शुरू किया गया, अग्नि के प्रयोग से मोक्सिबस्शन की पद्धति शुरू हुई और पत्थर से बनी सुई के प्रयोग से एक्यूपंक्चर की पद्धति शुरू हुई। इस बीच चक्रों व नाड़ियों का पता लगाया गया।

पिछले सौ सालों में चीन में पश्चिमी चिकित्सा पद्धति का प्रसार हुआ। इसके साथ ही सरकार ने पश्चिमी चिकित्सा पद्धति को चीनी परम्परागत चिकित्सा पद्धति से जोड़ने का प्रयास किया।

चीन में ही नहीं, सारी दुनिया में चीनी परम्परागत उपचार पद्धति को पश्चिमी चिकित्सा से जोड़ने से उपलब्धियां प्राप्त हुईं।

24 सितंबर 2002 को, चीन की राजधानी पेइचिंग में चीनी परम्परागत चिकित्सा को पश्चिमी चिकित्सा से जोड़ने वाला दूसरा विश्व समारोह समाप्त हुआ।

इस समारोह ने खबर दी कि विश्व भर में चीनी परम्परागत चिकित्सा को पश्चिमी चिकित्सा से जोड़ने में तेजी आई है और इससे अनेक रोगों के उपचार में उल्लेखनीय कामयाबियां भी प्राप्त हुई हैं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के एक अधिकारी ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन चीनी परम्परागत चिकित्सा को आधुनिक चिकित्सा से जोड़ने का समर्थन करता है और इस में तेजी लाने के लिए हर संभव प्रयास करेगा।

वर्तमान में चीन इस क्षेत्र में एक पूर्ण व्यवस्था कायम कर चुका है। यहां ऐसे 64 अस्पताल व 17 अनुसंधानशालाएं हैं। मादक द्रव्यों का सेवन करने वाले व्यक्तियों को बचाने, रक्त रोग, हृदय रोग, यकृत रोग, केंसर और जलने से बने घावों के उपचार में इससे उल्लेखनीय कामयाबियां प्राप्त हुई हैं।

  चीन में हान जाति के अतिरिक्त और 55 अल्पसंख्यक जातियां हैं। इन में से ज्यादातर जातियों में भी अपनी परम्परागत चिकित्सा प्रचलित है जो रोगियों के उपचार में कामयाब हैं। इन उपचार पद्धतियों में भी जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है।

Post Your Comments

Your Name:

E-mail:

Comments:

© China Radio International.CRI. All Rights Reserved.
16A Shijingshan Road, Beijing, China. 100040