चीनी गायिका तङ य्वू ह्वा चीन में बहुत मशहूर हैं। उनके अनेक गीत देश भर में लोकप्रिय हैं। आज के इस लेख में आप पा सकेंगे इस गायिका का परिचय ।
गीत---"गहरा प्यार"
यह गीत जो आप सुन रहे हैं, गायिका तङ य्वू ह्वा ने गाया है। "गहरा प्यार"नामक इस गीत को तङ य्वू ह्वा ने 40 साल पहले गाया था। यह चीनी नृत्य-नाट्य "पूर्व का रंग लाल है" का एक अंश है। तङ य्वू हावा यह गीत गाकर देश भर में प्रसिद्ध हुईं जो चालीस वर्षों से चीनी लोगों की जबान पर है।
आज 62 वर्ष की उम्र में तङ य्वू ह्वा ने अवकाश प्राप्त करने के बाद राजधानी पेइचिंग के एक उपनगर में एक कला स्कूल खोल लिया है। हाल ही में हमारी इसी स्कूल में उन के साथ बातचीत हुई।
तङ य्वू ह्वा के कला स्कूल में हमने देखा कि वे विद्यार्थियों को शिक्षा देते हुए बहुत स्नेहिल लगती हैं। कक्षा समाप्त होने के बाद सुश्री तङ य्वू ह्वा ने हमें बचपन में गाना सीखने की अपनी कहानी सुनायी।
तङ य्वू ह्वा को जन्म से स्वर्णिम आवाज़ हासिल थी। बचपन से ही उन्हें गाना-नाचना पसंद था। नन्ही तङ य्वू ह्वा पलंग पर गाती नाचती थी, जिस से उनके मां-बाप को बड़ा आनंद आता था। उन्होंने बताया
"लगभग दस साल की उम्र से मैं गाना सीखने लगी। बचपन में मैं संगीत को बहुत पसंद करती थी और जब रेडियो पर कोई संगीत कार्यक्रम पेश किया जाता तो उसे जरूर सुनती थी। उसी समय मैं ने चीनी बाल रेडियो संगीत मंडली के गीत सुने जो मुझे बहुत अच्छे लगे और मुझे उस में शामिल होने की इच्छा होने लगी। मैं ने चीनी बाल रेडियो संगीत मंडली के अध्यापकों को एक पत्र भी लिखा।"
आश्चर्य की बात कि इस संगीत मंडली के एक अध्यापक नन्ही तङ य्वू ह्वा के पत्र में लिखे पते पर उससे मिलने आये। इस के बाद तङ य्वू ह्वा एक छात्रा के रूप में चीनी बाल रेडियो संगीत मंडली में दाखिल हुई , जहां उसने संगीत की व्यावहारिक शिक्षा पायी और अपनी संगीत प्रतिभा का प्रारम्भिक प्रदर्शन किया।
वर्ष 1959 में तङ य्वू ह्वा मिडिल स्कूल से निकली। तब उन की आगे पढ़ने और भविष्य में एक संगीत अध्यापिका बनने की इच्छा थी। लेकिन अपने घर के आर्थिक बोझ को कम करने के लिए उन्होंने अभिनेत्री बनने का विकल्प चुना। वे चीनी कोयला खान संस्कृति व कला मंडली में दाखिल हुईं और तब की सब से छोटी एकल गायिका बनीं।
इस संस्कृति व कला मंडली में तङ य्वू ह्वा ने पेशेवर अध्यापकों से गाना सीखा। इस तरह उन के गाने का स्तर तेज़ी से बढ़ने लगा। तङ य्वू ह्वा द्वारा गाए गए "कोयला खान की रोशनी" और "पहाड़ी रास्ते पर" आदि गीत बहुत लोकप्रिय हुए। "गहरा प्यार"नामक गीत से वे देश भर में मशहूर हुईं।
"गहरा प्यार" नामक गीत नृत्य-नाट्य "पूर्व का रंग लाल है" का एक गीत है। वर्ष 1964 में नए चीन की स्थापना की 15वीं वर्षगांठ की खुशियां मनाने के लिए चीनी कलाकारों ने यह भव्य नृत्य-नाट्य को सामूहिक रूप से रचा। इस में तत्कालीन चीन के सब से श्रेष्ठ कलाकार शामिल हुए और उन की प्रस्तुति चीनी संगीत और नृत्य के इतिहास की शास्त्रीय रचना बन गयी। तङ य्वू ह्वा को भी सौभाग्य से "पूर्व का रंग लाल है" में शामिल किया गया। इस की याद करते हुए वे आज भी खुश नजर आती हैं। उन्होंने कहा
"सौभाग्य की बात है कि वर्ष 1964 में जब मैं 21 वर्ष की थी तो "पूर्व का रंग लाल है" का प्रदर्शन किया गया, जिस का गीत "गहरा प्यार" मैं ने गाया ।"
|