प्राचीन छुक्वो राज्य में पयांगह नाम के एक शिल्पी ने छुशान पहाड़ में एक जेड का पता लगाया , जो साधारण पत्थर के अन्दर छुपा था । उस ने इस कीमती जेड को ले कर छुक्वो राज्य के राजा को भेंट किया । छुक्वो के राजा लिवांग ने राजकीय शिल्पी से इस जेड की जांच परख करने को कहा , तो राजकीय शिल्पी ने कहा कि यह एक साधारण पत्थर है ।
राजा लिवांग को बड़ा गुस्सा आया , वह समझता था कि पयांग ह एक धोखेबाज था, तो उस का बाहिना पांव कटवाया ।
राजा लिवांग की मृत्यु के बाद वुवांग राजा की गद्दी पर बैठा । पयांग ह फिर जेड ले कर उस के पास पहुंचा और उसे वुवांग को भेंट किया । वुवांग ने भी राज्य शिल्पी को जेड की जांच परख करने का हुक्म दिया , लिवांग के शिल्पी की भांति वुवांग के राजकीय शिल्पी ने भी जेड को मामली पत्थर बताया ।
पयांग ह को धोखेबाज समझ कर वुवांग ने उस का दूसरा पांव काट डालने का आदेश दिया ।
वुवांग के इस दुनिया से चल बसने के बाद वनवांग राजा के आसन पर बैठा । पयांग ह जेड को ले कर छुशान पहाड़ की तलहटी में जा कर फुट फुट कर रोने लगा , वह लगातार तीन दिन तीन रात रोता रहा , आंसू सूख पड़ा , आंखों से खून निकला ।
खबर राजा वनवांग के पास पहुंची , तो उस ने आदमी को भेज कर पयांग ह से कारण पूछाः राज्य में बहुत से लोगों के पांव काटे जा चुके हैं , तुम उन से ज्यादा दुखी क्यों हुआ ।
पयांग ह ने जवाब में कहा कि मैं अपने पांवों पर दुखी नहीं हूं , मैं इसलिए दुखी हूं कि एक कीमती जेड को मामली पत्थर कहा गया है और वफादार व्यक्तो को धोखेबाज की संज्ञा दी गयी है । राजा वनवांग ने पयांग ह की बातें सुन कर अपने शिल्पी को जेड की खोद कर जांच परख करने को कहा ।
जेड के बाहर के पत्थर को तोड़ निकाला जाने के बाद अन्दर का चमकीला जेड प्रकाश में आया , जो प्राचीन चीन का सब से शानदार जेड बन गया । इस जेड का नाम अंत में हशी जेड भी रखा गया और सदियों से चीन में प्रसिद्ध रहा है ।
यह नीति कथा कहती है कि शिल्पी को असली जेड जानने का हुनर होना चाहिए और राजा को असली योग्य व्यक्ति पहचानना चाहिए ।
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